बाह्य विकास राशि प्रत्येक विकासकर्ता को देनी होगी
ग्वालियर दिनांक 28 मई 2008- संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेष, ग्वालियर द्वारा मध्य प्रदेष आवास नीति 2007 के दो प्रावधान सूचित किये गये है। उक्त प्रावधानों के अनुसार आवास नीति के बिंदु क्रमांक 4.6 के अनुसार प्रत्येक विकासकर्ता से नगर के अधोसंरचना विकास हेतु बाह्य विकास राषि जमा कराई जावेगी जिसकी गणना संबंधित निकायों, संस्थाओं द्वारा की जावेगी। उक्त आशय की जानकारी सिटीप्लानर नगर निगम विष्णु खरे द्वारा जनसम्पर्क के माध्यम से दी गई। उन्होंने बताया कि उक्त राषि की वास्तविक गणना होने तक सकल क्षेत्रफल पर रूपये 150/- प्रति वर्गमीटर के मान से जमा कराई जायेगी । विकासकर्ता द्वारा कंडिका 5.4 में दर्षाये अनुसार न्यूनतम निर्धारित क्षेत्र की व्यवस्था करने पर बाह्य विकास राषि में 50 प्रतिषत तक की छूट प्रदाय की जावेगी । टाउनषिप निर्माण के प्रकरणों में यह छूट 75 प्रतिषत तक दी जावेगी ।
उक्त प्रावधान से आज दिनांक के बाद जारी की जाने वाली समस्त विकास अनुमतियों में यह प्रावधान लागू होगा । प्रस्तावित है कि इस राषि को जमा करने के लिये आयुक्त, नगर निगम तथा सिटी प्लानर का संयुक्त बैंक खाता पृथक से खोला जाए ।
नीति के बिंदु क्रमांक 8.4 में प्रावधान है कि षहरी गरीबों के लिये सामाजिक आवास की निरंतर पूर्ति बनाए रखने हेतु षासन द्वारा सबको सम्मिलित करते हुए विकास को प्रोत्साहित किया जावेगा । कॉलोनाइजर यदि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निम्न आय वर्ग के लिए विकसित भूखण्ड या भवन निर्मित नही करना चाहता है, तो उसे सकल भूमि के क्षेत्र पर निर्धारित दर पर आश्रय षुल्क देना होगा । वर्श 2007 को आधार वर्श मानकर आश्रय षुल्क की राषि में प्रतिवर्श दस प्रतिषत की वृध्दि की जावेगी । इस राषि का उपयोग षहरी गरीबों के आवास निर्माण हेतु किया जावेगा । वर्श 2007 मे आश्रय षुल्क रूपये 100/- प्रतिवर्गमीटर की दर से वसूला जाता था । अत: वर्श 2008 में यह षुल्क 10 प्रतिषत की बृध्दि करते हुये रूपये 110/- प्रतिवर्गमीटर वसूल किया जावेगा। यह प्रावधान आज दिनांक के बाद जारी होने वाली समस्त विकास अनुमति में लागू किया जायेगा ।
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