चिलचिलाती धूप में जल संसाधन मंत्री ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ भ्रमण कर स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट सहित अन्य विकास कार्यों का लिया जायजा
ग्वालियर 28 मई 08 । नौतपा की चिलचिलाती धूप और उमस भरे मौसम से बेपरवाह होकर जल संसाधन एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने बुधवार को सुबह 11 बजे से लेकर पूरी दोपहरी नगर भ्रमण किया । इस दौरान उन्होंने स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्य व नगर की सफाई व्यवस्था सहित अन्य विकास कार्यों का जायजा लिया । इस अवसर पर नगर निगम के सभापति श्री बृजेन्द्र सिंह जादौन, जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता श्री राजन श्रीवास्तव व अधीक्षण यंत्री श्री जे.एस. श्रीवास्तव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, अपर जिला दण्डाधिकारी श्री वेदप्रकाश व अपर आयुक्त नगर निगम श्री राजेश बाथम सहित नगर की सफाई व्यवस्था व ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े अन्य अधिकारी उनके साथ थे ।
जल संसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने भ्रमण की शुरूआत हनुमान बांध पर स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्यों के निरीक्षण से की । बाद में उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ वीरपुर बांध देखा और फिर स्वर्ण रेखा नदी के किनारे-किनारे चलकर प्रोजेक्ट के तहत अब तक हुये कार्यों का जायजा लिया । जल संसाधन मंत्री ने स्वर्ण रेखा नदी के सौन्दर्य को पुन: बहाल करने के संकल्प को दोहराते हुये निर्देश दिये कि इस प्रोजेक्ट में नगर निगम से जो अपेक्षायें हैं वह समय सीमा में पूर्ण की जायें । उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को हिदायत दी कि वे यह सुनिश्चित करें कि स्वर्ण रेखा में कचरा न पहुंचे । इसके लिये विशेष अभियान चलाकर स्वर्ण रेखा से जुड़े नालों की सफाई करायें । साथ ही नालों से निकाले गये कचरे को तुरंत हटाया जाये ताकि वह पुन: नाले में न पहुंचे। उन्होंने स्वर्ण रेखा के दोनों ओर कचरा पेटी रखवाने के निर्देश दिये । श्री मिश्रा ने सफाई व्यवस्था से जुडे अधिकारियों को आगाह करते हुये कहा कि उनकी उदासीनता से स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट बाधित हुआ तो सख्त कार्रवाई होगी । ज्ञात हो स्वर्ण रेखा में शहर के 83 नाले जुड़े हैं जिन्हें नये ड्रेनेज सिस्टम के जरिये बंद किया जा रहा है ।
कालपी ब्रिज व शिवाजी उद्यान का भी किया अवलोकन
जल संसाधन मंत्री ने आज नगर भ्रमण के दौरान गोले के मंदिर से मुरार रोड़ पर स्थित कालपी ब्रिज के चौड़ीकरण कार्य का भी जायजा लिया । उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हिदायत दी कि मुख्यमंत्री की पहल पर कराया जा रहा यह कार्य गुणवत्ता के साथ व त्वरित गति से पूर्ण करें । श्री मिश्रा ने समाज सेवी डॉ. रधुनाथ राव पापरीकर के साथ सिटी सेंटर स्थित शिवाजी स्मारक पर चल रहे कार्यों का भी जायजा लिया । उन्होंने यहां की समिति को आश्वस्त किया कि शिवाजी स्मारक को वैभव प्रदान करने में सरकार व उनकी ओर से हर संभव सहयोग मिलेगा ।
गुरूद्वारा पुल निर्माण का रास्ता साफ
जल संसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा की पहल पर फूलबाग गुरूद्वारा प्रबंधन समिति ने स्वर्ण रेखा नदी पर बहु प्रतीक्षित पुल निर्माण से संबंधत महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपनी सहमति दे दी है । इसके साथ ही पुल निर्माण का रास्ता साफ हो गया है । आज मुरार सर्किट हाउस पर प्रबंधन समिति के साथ हुई बैठक में यह सहमति हुई। अब इस पुल का निर्माण 14 मीटर के स्थान पर 18 मीटर चौड़ाई में होगा । जिसमें डबल आवागमन की सुविधा रहेगी । पुल की कुल चौड़ाई में डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़ाई के फूटपाथ भी शामिल रहेंगे । आज सम्पन्न हुई बैठक में गुरूद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्यगणों के अलावा जल संसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा, जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव, स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट के नोड़ल अधिकारी एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा व अपर कलेक्टर श्री वेदप्रकाश सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे ।
स्वर्ण रेखा में बहेगा पांच बांधों का पानी
स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट के तहत पांच बांधों को जोड़ा जा रहा है । प्रोजेक्ट के पूर्ण होने पर स्वर्ण रेखा नदी में रायपुर, मामा, वीरपुर, हनुमान व गिरवाई बांधों का पानी आयेगा । जल संसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने बताया कि स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट के तहत फूलबाग बारादरी का जीर्णोध्दार, यहां पर हाट बजार व वोट क्लब, इटालियन गार्डन से जोड़ने के लिये फुट ब्रिज, ओपन थियेटर आदि स्थापित किये जायेंगे। करीबन 38 करोड़ रूपये की लागत के इस प्रोजेक्ट पर युध्द स्तर से कार्य जारी है । प्रोजेक्ट के तहत हनुमान बांध पर पुल सहित जल निकासी सिस्टम, ड्रेनेज सिस्टम व स्वर्ण रेखा की सफाई का काफी अधिक काम हो चुका है । इस प्रोजेक्ट के तहत करीबन 13 किलोमीटर लंबी पेरापेट व वाल पांच नये पुलों का निर्माण व 15 पुराने पुलों का जीर्णोध्दार भी किया जा रहा है ।
जल संवर्धन तकनीक भी
स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट में जल संरक्षण व संवर्धन की आधुनिक तकनीक अपनाई जा रही है । स्वर्ण रेखा नदी के तल में करीबन 13 किलोमीटर लंबाई में जल संवर्धन के लिये लाइनिंग की गई है । विशेषज्ञों के अनुसार जल संवर्धन की यह कारगर तकनीक है ।
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