शुक्रवार, 4 जुलाई 2008

निर्माण विकास कार्यों को तत्परता के साथ पूर्ण करें सांसद एवं विधायक निधि के कार्यो की समीक्षा बैठक में

निर्माण विकास कार्यों को तत्परता के साथ पूर्ण करें सांसद एवं विधायक निधि के कार्यो की समीक्षा बैठक में

कलेक्टर श्री त्रिपाठी के निर्देश

ग्वालियर 3 जुलाई 08। कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने सभी निर्माण विभाग के अधिकारियों एवं निर्माण एजेन्सियों को निर्देश दिये हैं कि सांसद एवं विधायक निधि के प्रगति पर चल रहे निर्माण कार्यों को तत्परता के साथ पूर्ण करें । जिन निर्माण कार्यो को पूर्ण करने के लिये समय-सीमा निर्धारित की गई है उनको निर्धारित समयावधि में ही पूर्ण किया जावे । निर्माण विकास कार्यों में किसी भी तरह का  विलंब नहीं होना चाहिये । कलेक्टर श्री त्रिपाठी आज अपने कार्यालय कक्ष में सांसद, विधायक एवं जनभागीदारी से चल रहे विकास कार्यो की समीक्षा कर रहे थे । बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, संभागीय योजना एवं सांख्यिकी विभाग के संयुक्त संचालक श्री मुजाल्दा सहित निर्माण विकास विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।

       बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा करते हुये कलेक्टर ने कहा कि जिन कार्यो ंकी लागत एक लाख रूपये तक है उन सभी कार्यों को अगस्त महा के अंत तक पूर्ण कर लिया जावे। इसी तरह पिछले वर्ष 07-08 और इससे पूर्व के वर्षों के विकास कार्यो को अगस्त 08 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जावें । जिन एजेन्सियों ने काम पूर्ण कर लिये हैं वे शीघ्रता से कार्यपूर्णता का प्रमाण पत्र भिजवायें । जब तक पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं होगा,काम को पूरा नहीं माना जायेगा । उन्होंने कहा कि प्रत्येक निर्माण विभाग के अधिकारी को उनके द्वारा संचालित निर्माण कार्यों की पूरी जानकारी के साथ लगातार कार्यों की प्रगति संबंधी निरीक्षण करते रहना चाहिये । कलेक्टर ने कहा कि विकास कार्य के लिये आगामी किश्त लेते समय कार्य की प्रगति के फोटो भी प्रस्तुत किये जाना चाहिये ताकि विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति का मुआयना हो सके । निर्माण कार्यों में आने वाली बाधाओं को भी तत्परता के साथ निपटाना चाहिये । जहां स्थान परिवर्तन के मामले आते हैं वहां सबंधित विभागों से समन्वय बनाकर कार्य को प्रारंभ कराना चाहिये । कलेक्टर ने कहा कि जिन निर्माण विभागों के पास मिट्टी मुरम के कार्य हैं उनको पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें । इनमें किसी भी तरह की शिकायत नहीं आना चाहिये । ऐसे कार्य जो 75 हजार से एक लाख रूपये की लागत के हैं उनको पूर्ण करने में दो माह तक का समय लगे ऐसे प्रयास होना चाहिये । 11 वें वित्त आयोग का एक भी काम लंबित नही रहना चाहिये । कलेक्टर ने जिला योजना के संयुक्त संचालक को निर्देश दिये कि 5 लाख या उससे अधिक लागत के जितने भी कार्य पूर्ण हो गये हों उनकी पृथक से सूची तैयार की जावे । इसी तरह वर्ष 08-09 के स्वीकृत कार्य अभी प्रारंभ नहीं हुये हैं उनकी भी सूची तैयार की जावे ताकि इन कार्यो का भूमि पूजन शिलान्यास एक साथ कराया जा सके ।

       कलेक्टर ने जिला योजना के संयुक्त संचालक को निर्देश दिये कि कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति के साथ ही निर्माण एजेन्सियों को निर्माण कार्य की लागत का 25 प्रतिशत राशि का चैक भी भेजें ताकि कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके।

       जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने सभी निर्माण एजेन्सियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक नवनिर्माण बिल्ंडिग के आसपास 5-5 पौधों का रोपण सुनिश्चित करें ।

       समीक्षा के दौरान लोक निर्माण विभाग क्रमांक एक के 71, क्रमांक 2 के 64, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा 21, जीडीए के 6, जनपद पंचायत डबरा के 41, जनपद पंचायत मुरार के 17, जनपद पंचायत घाटीगांव के 11, जनपद पंचायत भितरवार के 10, लोक निर्माण विद्युत यांत्रिकी के 10, लाईट मशीनरी के 22, नगर निगम के 4, पीएचई ग्रामीण के 5, जल संसाधन बांध सुरक्षा,हरसी परियोजना के एक-एक, नगर पंचायत पिछोर के दो, विद्युत मंडल के 11 और ऊर्जा विकास निगम के 2 कार्यों की समीक्षा की गई ।

 

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