सोमवार, 16 जून 2008

अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला मेला जावा की रामलीला ने किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध

अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला मेला जावा की रामलीला ने किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध

ग्वालियर 14 जून 08। इण्डोनेशिया में न केवल विश्व प्रसिध्द प्रम्बानन हिन्दू मंदिर ही है बल्कि वहां के जनमानस में रामकथा भी गहरे तक रची बसी है । सदियों से वहां भी भारत की भांति लेकिन अपनी विशिष्ट शैली में '' रामलीला '' का मंचन होता आया है ।उसी रामलीला का सजीव नमूना आज यहां मेला कला मंदिर रंगमंच पर प्रस्तुत कर इंण्डोनेशिया के जावा से आये जोग्जा टूरिज्म बोर्ड के कुशल कलाकारों ने दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी । रामलीला का यह मंचन अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला के तहत किया गया । अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला मेले के तहत प्रतिदिन विभिन्न देशों के कलाकारों द्वारा अपने-अपने देश की शैली में रामकथा का मंचन किया जा रहा है ।

      जोग्जा टूरिज्म बोर्ड जावा के मंजे हुये कलाकारों ने सम्पूर्ण रामकथा को आठ दृश्यों में मंचित किया । उनके द्वारा प्रस्तुत रामकथा में दंण्डकवन में पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ राम का प्रवास, रावण द्वारा स्वर्णमृग की आढ़ में कपट पूर्ण तरीके से सीता हरण, किष्किंधा की गुफा में निवासरत सुग्रीव के साथ राम की मित्रता और सुग्रीव द्वारा सीता की खोज में राम की सहायता करना । रावण की नगरी में अशोकवाटिका का सुंदर उद्यान और वहां राम की प्रतीक्षा में शोकमग्न बैठी सीता । हनुमान व सीता की भेंट, राम द्वारा वानरों की सहायता से विशाल समुद्र पर सेतु का निर्माण और फिर लंका पर चढ़ाई के पश्चात लंका विजय को जावा के कलाकारों ने बड़े ही मनोहारी ढंग से प्रस्तुत किया । कथा का समापन राम सीता के मिलन के साथ हुआ ।

      जावा के कलारों द्वारा नृत्य शैली में यह रामकथा श्री चोके सूतोनी के निर्देशन में प्रस्तुत की । कथा में राम की भूमिका सुप्रिया दी, सीता की एनी सूरियानी, हनुमान की परधीमन, रावण की ट्र इरयान्तो व लक्ष्मण की भूमिका सुयोतो ने निभाई। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस सोलो रामकथा में 10 कलाकारों ने भाग लिया ।

लाओस की रामलीला आज

लाओस के जनमानस में भी हजारों वर्षों से रामायण रची बसी है । यहां के रॉयल बैले थिएटर कलाकार    15 जून को सांयकाल 7.30 बजे मेला कलामंदिर रंगमंच पर रामकथा का मंचन करेंगें ।

 

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