बीरांगना  लक्ष्मीबाई बलिदान मेले में बाल चित्रकला स्पर्धा आयोजित 
जी.डी.ए.अध्यक्ष ने किया शुभारंभ 
ग्वालियर 17 जून 2007 
       स्वतंत्रता संग्राम में अपने  प्राणों की आहूति देकर जिन वीर योधाओं ने भारत वासियों को एक नई दिशा दी, उनकी शौर्य गाथायें आज भी हमारे लिए प्रेरणादायी है । ऐसे  वीरों के बारे में हमारी आगे आने वाली पीढ़ी भी जानकारी रखें, इसी उद्देश्य से ग्वालियर में पिछले 8 वर्षों से वीरांगना झांसी की लक्ष्मीबाई बलिदान मेले का  आयोजन किया जा रहा है । 
       उक्त उद्गार ग्वालियर विकास  प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जगदीश शर्मा ने आज बलिदान मेला अन्तर्गत आयोजित हुई  चित्रिकला प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किये । कम्युनिटीहाल लक्ष्मीबाई  कॉलोनी में आयोजित इस चित्रकला प्रतियोगिता में ग्वालियर की विभिन्न शिक्षण  संस्थाओं एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया । श्री शर्मा ने कहा कि  जिस देश में युवाओं को उसका इतिहास नहीं पढ़ाया जाता, वहां के युवाओं की सक्रिय भागीदारी राष्ट्रहित में नहीं हो  पाती । 
       श्री शर्मा ने कहा कि  ग्वालियर का वीरांगना बलिदान मेला 1857 के  स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका महारानी लक्ष्मी बाई की वीरगाथाओं से जुड़ा मेला  है । इसे आज से आठ वर्ष पूर्व श्री जयभान सिंह पवैया द्वारा शुरू किया गया था ।  उनके अथक प्रयासों से बलिदान मेले ने आज बृहद रूप धारण कर लिया है  । इस वर्ष म.प्र. शासन भी बलिदान मेला आयोजन  में सहभागी बना है । उन्होंने चित्रकला स्पर्धा में भाग लेने आये सभी प्रतिभागियों  को बधाई दी । 
       चित्रकला प्रतियोगिता के  संयोजक श्री घनश्याम पिरोनिया ने बताया कि 1857 के महासंग्राम के महापुरूषों पर आधारित इस चित्रकला  स्पर्धा को चार वर्गों में विभक्त किया गया है । प्रत्येक वर्ग में पांच- पांच  पुरस्कार दिये जायेगें । उन्होंने प्रतियोगिता की रूप-रेखा पर भी विस्तार से  प्रकाश डाला । प्रारंभ में मुख्य अतिथि श्री जगदीश शर्मा ने वीरांगना लक्ष्मीबाई  के चित्र पर माल्यापर्ण किया । 






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