पुलिस उपनिरीक्षक को सश्रम कारावास और अर्थदण्ड
Gwalior, 26 June 07 विशेष न्यायालय ग्वालियर ने एक पुलिस उप निरीक्षक को रिश्वत लेने के प्रकरण में अलग-अलग धाराओं में 6 माह के सश्रम कारावास और दो हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में आरोपी को तीन-तीन माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनायी गई है।
लोकायुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रार्थी श्री दुर्गपाल सिंह, निवासी- ग्वालियर द्वारा एक शपथ पत्र, लोकायुक्त को आरोपी श्री कमल माहुने, उप निरीक्षक, थाना- ग्वालियर के विरूध्द प्रस्तुत किया गया। शपथ पत्र के अनुसार आरोपी ने श्री मजबूत सिंह का वाहन क्रमांक-एम.पी.-07, जी-3903 को न्यायालय के आदेश से छोड़ने के एवज में पांच सौ रूपये बतौर रिश्वत के प्राप्त कर लिये हैं, तथा तीन हजार रूपये की रिश्वत की और मांग की जा रही है।
आरोपी के विरूध्द अपराधिक प्रकरण पंजीबध्द किया जाकर, विवेचना में लिया गया। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना के बाद आरोपी के विरूध्द धारा- 7,13 (1) डी, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम- 1988 के तहत चालान विशेष न्यायालय, ग्वालियर में पांच फरवरी 2007 को प्रस्तुत किया गया।
विशेष न्यायालय, ग्वालियर के निर्णय 19 जून 2007 के तहत आरोपी को धारा- 7-भ्र.नि.अ.-1988 के तहत एक हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा तथा तीन माह के सश्रम कारावास तथा धारा-13 (1) डी, 13 (2) पी.सी. एक्ट-1988 के अपराध में एक हजार रूपये के अर्थदण्ड तथा तीन माह के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने की स्थिति में आरोपी को और तीन-तीन माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया जाने का निर्णय पारित किया गया है।
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