छात्रवृत्ति  वितरण के दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करें - कलेक्टर 
ग्वालियर 29 जून 2007 
       छात्रवृत्ति कार्य योजना का  भली भांति अध्ययन कर आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को पात्रतानुसार निर्धारित  समय- सीमा में छात्रवृत्ति वितरण सुनिश्चित करें । छात्रवृत्ति वितरण से जुड़े  अधिकारी इसे गंभीरता से लें और आदिम जाति कल्याण विभाग के दिशा निर्देशों की  अनदेखी नहीं करें । यह निर्देश कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने संबंधित  अधिकारियों को दिए हैं । 
       जिले में छात्रवृत्ति वितरण  को सुव्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप  केलेण्डर निर्धारित कर विभिन्न अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है । कलेक्टर ने  निर्धारित कैलेण्डर के अनुसार छात्रवृत्ति वितरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के  निर्देश दिए हैं । जिले में छात्रवृत्ति आवेदन पत्र व अन्य सामग्री आदिम जाति  कल्याण विभाग से नोडल अधिकारियों को गत 25 जून को  प्रदाय की गई है । 
       अधिकृत अधिकारी द्वारा  छात्रवृत्ति / फीस स्वीकृत किये जाने के लिए   नवीनीकरण की स्वीकृति देकर जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग को भेजने के  लिए 30 जुलाई तक की तिथि निर्धारित  की गई है ।  नवीन आवेदन पत्र स्वीकृत हेतु  जिला संयोजक को भेजना 15 अगस्त तक  व महाविद्यालयों / उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए 20 अगस्त तक की तिथि रखी गई है । छात्रवृत्ति वितरण एवं फीस  भुगतान हेतु शिक्षण संस्थाओं को राशि प्रदाय करना   स्कूलों के लिए व महाविद्यालयों / उच्च शिक्षा संस्थानों सभी के लिए 30 अगस्त तक, छात्रवृत्ति  / फीस भुगतान की अन्तिम तिथि 31 अक्टूबर, रखी गई है । अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा वर्ग की कक्षा 1 से 10 तक समस्त  प्रकार की छात्रवृत्ति एक किश्त में 31 अक्टूबर 07 तक भुगतान करना आवश्यक है । 
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 11 से  कॉलेज स्तर की समस्त प्रकार की 30  सितम्बर  2007 तक किया जाना आवश्यक है । (प्रथम किस्त में चार माह  जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर  तक की छात्रवृत्ति का भुगतान शामिल है) द्वितीय किस्त  किस्त में छ: माह अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर , जनवरी, फरवरी, मार्च  तक का भुग्तान शामिल है । इसका भुगतान 28 फरवरी 2008  तक किया जाना आवश्यक है । 
       छात्रवृत्ति कार्य निर्धारित  समय- सीमा में सम्पन्न नहीं करने वाले दोषी अधिकारियो / संस्था प्रमुखों के खिलाफ  अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, अत्याचार  निवारण अधिनियम 1989 की धारा 4 के तहत कार्यवाही करने के निर्देश है । इस धारा में अपने  कर्तव्यों के पालन में जानबूझ कर उपेक्षा बरतने वाले लोक सेवकों को दण्डित करने का  प्रावधान है । 






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