निजी होस्टल संचालकों एवं उनमें रहने वाले छात्र-छात्राओं के लिये नियम व शर्ते लागू
शर्तो का पालन न करने पर होगी कार्यवाही - जिला मजिस्ट्रेट
ग्वालियर 25 जून 2007
ग्वालियर जिले की सीमा के भीतर संचालित हो हरे निजी होस्टलों के संचालकों और उनमें निवासरत छात्र-छात्राओं के लिये नियम व शर्ते लागू की गई है । जिला दण्डाधिकारी श्री राकेश श्रीवास्तव ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत लागू किये गये आदेश का उल्लघंन करने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी ।
जिला दण्डाधिकारी श्री राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ग्वालियर के प्रतिवेदन अनुसार असामाजिक तत्वों द्वारा नगर में संचालित निजी होस्टल तथा छात्रावासों में शरण लेने की प्रबल आशंकायें है । इसे मद्दे नजर रखते हुये जिला दण्डाधिकारी ने आदेश जारी कर होस्टल संचालकों एवं छात्र-छात्राओं को निर्देश जारी किये । आदेश के तहत होस्टल के संचालक को होस्टल संचालन हेतु क्षेत्र के एस.डी.एम. के यहां पंजीयन करना होगा । होस्टल किस प्रकार के छात्र-छात्राओं या कामकाजी पुरूष महिलाओं के लिये निर्धारित है, यह स्पष्ट करना होगा । साथ ही होस्टल का नक्शा, संचालक मंडल की जानकारी, किराया दर आदि की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत करनी होगी । होस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं या कामकाजी पुरूष-महिलाओं के नाम, पते, विद्यालय, महाविद्यालय का नाम या सेवारत संस्था का नाम, पता, छात्र-छात्राओं या कामकाजी पुरूष-महिलाओं के स्थायी पते, दूरभाष नंबर व मोबाइल नंबर हेतु एक पंजी संधारित करना होगी । होस्टल में निवारत छात्र-छात्राओं या कामकाजी पुरूष-महिलाओं के फोटोयुक्त पहचान पत्र बनाना तथा संधारित की गई पंजी में फोटो चिपकाना अनिवार्य होगा । होस्टल में निवासरत छात्र-छात्राओं या कामकाजी पुरूष-महिलाओं की देख-रेख हेतु कार्यरत कर्मचारियों के चरित्र/गतिविधियों का सत्यापन संबंधित थाने से कराना आवश्यक होगा ।
इसके साथ ही होस्टल के संचालक का पूर्ण दायित्व होगा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके होस्टल में किसी अवांछनीय गतिविधि का संचालन न हो । जिला प्रशासन अथवा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा होस्टलों का आकस्मिक निरीक्षण किये जाने पर निरीक्षण संबंधी समस्त सहयोग होस्टल प्रबंधन/संचालक एवं निवासरत महिला-पुरूष को प्रदाय किया जाना बंधनकारी होगा । होस्टल के संचालक का यह दायित्व होगा कि वह उसके द्वारा संधारित उक्त दोनों पंजियों की प्रतियां संबंधित एस.डी.एम. कार्यालय तथा थाने पर प्रत्येक माह की 5 तारीख तक प्रस्तुत करें । साथ ही उसमें समय-समय पर होने वाले संशोधन की जानकारी भी प्रस्तुत करें । यह आदेश जिले में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है । आदेश का उल्लघंन धारा 188 भा.द.वि. के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा ।
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