मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज मड़ीखेड़ा बहुउद्देशीय परियोजना का लोकार्पण हरसी उच्चस्तरीय नहर परियोजना का भूमिपूजन भी करेंगे
ग्वालियर 17 जुलाई 08 । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 18 जुलाई को शिवपुरी जिले के मड़ीखेड़ा में पूर्वान्ह 11.25 बजे 607 करोड़ से अधिक की लागत से बनाये गये मड़ीखेड़ा बहुउद्देशीय योजना के बांध के गेटों एवं जलविद्युत परियोजना (टरबाईन) का रिमोट स्विच दबाकर लोकार्पण करेंगें । इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के प्रभारी श्री वेंकैया नायडू विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगें । बाद में नेता द्वय ग्वालियर जिले के करहिया गांव में सिंचाई के क्षेत्र में जुड़ रहे नये आयाम के तहत 635 करोड़ रूपये की लागत से बनने जा रही हरसी हाई लेवल केनाल परियोजना की आधार शिला रखेंगें । दोनो कार्यक्रमों में प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, जलसंसाधन एवं उच्च शिक्षामंत्री श्री अनूप मिश्रा, ऊर्जा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गौरीशंकर शेजवार उपस्थित रहेंगें ।
मड़ीखेड़ा से 1 लाख 62 हजार से अधिक हेक्टर क्षेत्र सिंचित होगा
ग्राम मड़ीखेड़ा के निकट 1072.50 मीटर लम्बाई पर 61.34 मीटर ऊंचे बांध का निर्माण किया है । जिसमें 526 मीटर लम्बाई का मिट्टी बांध एवं 546.50 मीटर लम्बाई को मेसनरी बांध सम्मिलित है । मेसनरी बांध के मध्य भाग में 176.50 मीटर की लम्बाई का स्पिलवे स्थित है जिसमें 10 रेडियल जल द्वारा (14.50 मीटर गुना 12मीटर) का निर्माण किया गया है । 607 करोड़ रूपये से अधिक लागत के बनाये गए इस बांध से अब शिवपुरी सहित दतिया, ग्वालियर और भिंड जिले की एक लाख 62 हजार हेक्टर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई होगी ।
इस योजना से शिवपुरी जिले के 157 गांव की 55 हजार 161 हैक्टरर भूमि सिंचित होगी । इसी तरह ग्वालियर जिले के 193 गांवों को लाभान्वित करते हुये 61 हजार 287 हेक्टर भूमि, दतिया जिले के 31 गांवों को लाभान्वित करते हुये 13 हजार 886 हेक्टर भूमि और भिंड जिले के 72 गांवों को लाभान्वित करते हुये 31 हजार 766 हेक्टर भूमि सिंचित होगी । इस तरह इस परियोजना से ग्वायिलर और चंबल संभाग के चार जिलां में 453 गांव के लोग शासन की त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत पांच नहर प्रणालियों से जुड़ जायेंगें जिनमें से 4 नहर प्रणालियां पूर्ण कर ली गई हैं।
हरसी पोषक नहर से निकली 37.95 किमी लम्बी दोआब मुख्य नहर का प्रारंभिक कार्य सिंध परियोजना के प्रथम चरण के अन्तर्गत किया गया है ।यह कार्य 19.98 किमी में किया गया है । शेष 17.97 किमी की मुख्य नहर, वितरण तंत्र प्रणाली का निर्माण कार्य तथा पूर्व मुख्य निर्मित नहर के नवीनीकरण का कार्य पूर्ण किया है । इस दोआब नहर से शिवपुरी एवं ग्वालियर जिले के 65 ग्रामों को लाभान्वित करते हुये 20 हजार 680 हेक्टर क्षेत्र में सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
उकायला सैडल बांध से निकलने वाली उकायला मुख्य नहर का काम 42.30 किमी लम्बी नहर के रूप में किया है । उकायला मुख्य नहर वितरिका एवं लघु नहरों से शिवपुरी जिले के 34 ग्रामों को लाभान्वित करते हुये इन गांव की 16 हजार 690 हेक्टर क्षेत्र सिंचाई सुविधा से जुड़ सकेंगें ।
मोहिनी पिकअप विअर से निकली साढ़े 34 किमी लम्बी दांयी तट मुख्य नहर का सम्पूर्ण निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया है । इस नहर से शिवपुरी जिले के 58 गांव लाभान्वित होंगें तथा 58 गांवों की 22 हजार 968 हेक्टर भूमि सिंचित होगी ।
समोहा पिकअप विअर का निर्माण महुअर नदी पर किया गया है । इससे निकलने वाली 32 किमी लम्बी मुख्य नहर वितरिका एवं लघु नहरों से शिवपुरी एवं दतिया जिले के 66 गावं लाभान्वित होंगें तथा इन गांवों की 27 हजार 112 हेक्टर भूमि सिंचाई सुविधा से जुड़ सकेगी ।
विद्युत परियोजना से 60 मेगावाट विद्युत उत्पादन
मोहनी सागर बांध के समीप स्थित प्रस्तावित जल विद्युत गृह का निर्माण कार्य मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल की जनरेशन कम्पनी जबलपुर द्वारा सम्पादित किया जा चुका है। लगभग 123 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से बनी इस विद्युत परियोजना से 60 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा । इसके लिये 20-20 मेगावाट की 3 टरबाईन लगाई गई हैं । इस विद्युत गृह से लगभग 14 करोड़ विद्युत इकाई का उत्पादन प्रतिवर्ष होगा जिससे क्षेत्र में पेक्पावर की उपलब्धता होगी । वर्तमान दरों पर इस विद्युत परियोजना से 42 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति होगी ।
हरसी उच्चस्तरीय नहर परियोजना
सिंध परियोजना के द्वितीय चरण के अन्तर्गत मड़ीखेड़ा बांध बांयी तट नहर दोआब, दांयी तट नहर, उकायला, नहर प्रणाली, एवं हरसी उच्चस्तरीय नहर का निर्माण प्रस्तावित है। सिंध परियोजना के द्वितीय चरण के शेष निर्माण कार्यों के लिये राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा 860.67 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है । इस परियोजना का कार्य संभवत: मार्च 2011 तक पूर्ण होना प्रस्तावित है ।
इस योजना के तहत मड़ीखेड़ा बांध के रेडियल गेटों की स्थापना के बाद संग्रहित उपयोगी 834.83 मिलियन घनमीटर में से 366.86 मिलियन घनमीटर का उपयोग हरसी उच्चस्तरीय नहर के सैच्य क्षेत्र (कमांड एरिया ) में सिंचाई हेतु उपयोग किया जायेगा । हरसी उच्च स्तरीय नहर के पूर्ण होने पर पांच विधानसभा क्षेत्रों के 238 गांव लाभान्वित होंगें साथ ही इन ग्रामों की 45 हजार 245 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई होगी। इसमें डबरा विधानसभा क्षेत्र के 21 गांव की 3 हजार 686 हेक्टर क्षेत्र, भितरवार विधानसभा क्षेत्र के 29 गांव की 6 हजार 429 हेक्टर क्षेत्र, मुरार विधानसभा क्षेत्र के 116 गांवों की 20 हजार से अधिक क्षेत्र , गोहद विधानसभा क्षेत्र के 46 गांव की 11 हजार 246 हेक्टर क्षेत्र और रौन विधानसभा क्षेत्र के 26 गांवों की 3 हजार 882 हेक्टर भूमि सिंचित होना प्रस्तावित की गई है ।
इस योजना में 110 कि.मी. लम्बी नहर बनाना प्रस्तावित है । यह नहर हरसी बांध के बांयी ओर स्थित सैडल से प्रारंभ होकर डबरा, भितरवार विधानसभा के ग्रामों से होकर जौरासी पहाड़ी से 2.65 कि.मी लम्बी एवं 3.50 मीटर व्यास की टनल (सुरंग) से होकर मुरार होते हुये गोहद एवं रौन विधानसभा के अंतिम छोर तक पहुंचेगी ।
हरसी उच्चस्तरीय नहर प्रणाली से सैच्य क्षेत्र (कमांड एरिया) में 14 ऐसे नाले जुड़े हुये हैं, जिन पर पिकअप विअर बनाकर संग्रहित जल को हरसी उच्चस्तरीय नहर प्रणाली के माध्यम से सिंचाई के लिये उपयोग किया लाया सकता है । दूसरा फायदा यह होगा कि पिकअप विअर के पास आने आने वाले बड़े गांवों का भूजल स्तर भी बढ़ सकेगा ।
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