शुक्रवार, 4 जुलाई 2008

महापौर व निगमायुक्त ने प्रोजेक्ट उदय के इंजीनियरों को कसा

महापौर व निगमायुक्त ने प्रोजेक्ट उदय के इंजीनियरों को कसा

ग्वालियर दिनांक 02 जुलाई 2008- महापौर विवेक नारायण शेजवलकर एवं निगमायुक्त डॉ. पवन शर्मा द्वारा ए.डी.बी. कार्यक्रम के अंतर्गत जल सप्लाई परियोजना तथा प्रोजेक्ट उदय के तहत गतिशील कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान महापौर द्वारा बल्क मीटरों की स्थापना निर्धारित समयावधि में पूर्ण न होने पर अधिकारियों को नाराजगी व्यक्त करते हुये कार्य को अतिशीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिये ।

महापौर द्वारा बताया गया कि उक्त कार्य पांच जुलाई 2007 तक पूर्ण किया जाना था जिसे एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी पूर्ण नहीं किया गया। प्रोजेक्ट प्रभारी के. के. श्रीवास्तव द्वारा इस संबंध में जानकारी दी गई कि 22 बल्क मीटर क्रय करने की कार्यवाही की जा चुकी है तथा मोतीझील फिल्टे्रशन प्लांट, नये ट्रीटमेंट प्लांट इत्यादि पर बल्क मीटर स्थापित किये जा चुके हैं उनके द्वारा बताया गया कि 30 जुलाई 2008 तक सभी 25 बल्क मीटर चालू कर दिये जावेंगे जिससे सम्पूर्ण शहर में सप्लाई किये जाने वाले पानी का अंकेक्षण किया जा सकेगा।

परियोजना के दूसरे बिन्दु पम्पिंग स्टेशन तथा नये वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के आधुनिकीकरण के कार्य में भी हो रहे विलंब पर महापौर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। उक्त कार्य में अभी तक ठेकेदार को दो बार कार्यवृध्दि की जा चुकी है। प्रभारी अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि विभिन्न रिपेयरिंग कार्य तेजी से गतिशील हैं। 22 में 21 फिल्टर का कार्य पूर्ण हो चुका है, अंतिम फिल्टर में प्लास्टर का कार्य चल रहा है तथा 2600 मीटर फैन्सिंग का कार्य पूर्ण होकर केवल 100 मीटर फैन्सिंग का कार्य शेष होकर गतिशील है।

उन्होंने बताया कि नवीन ट्रीटमेंट प्लांट के पूर्ण हो जाने का लाभ चालू वित्तीय वर्ष में गहराये पेयजल संकट से निबटने के लिये मिला। 31.05.2008 तक इस फिल्टे्रशन प्लांट के नवीनीकरण हेतु 6 करोड़ 42 लाख 50 हजार रू. व्यय किये जा चुके हैं तथा 25.10.2008 तक इसका कार्य पूर्ण हो जाना प्रस्तावित है।

परियोजना के तहत चल रहे पैकेज क्र. डब्ल्यू.एस. 03 में लीक परीक्षण कार्य हेतु तीन बार बुलाई गई निविदाओं में अत्यधिक रेट आने के कारण अभी तक कार्य प्रांरभ नहीं हो पाया है इस विषय में विशेषज्ञों से परामर्श गतिशील है।

पैकेज क्र. 04 में जल सप्लाई हेतु डाली गई 18 कि0मी0 लम्बाई की लाईन डाली जाना थी किन्तु अभी तक 7 कि0मी0 लम्बाई की लाईन डाली गई है। डाली गई लाईन में पाईप के नीचे मिट्टी के भराव न होने पर महापौर द्वारा अधिकारियों की खिंचाई की गई। प्रभारी द्वारा बताया गया कि कम्पनी द्वारा किये गये कॉन्टे्रक्ट में आवश्यकतानुसार मिट्टी का भराव करने का अनुबंध है। जहां-जहां मिट्टी भराव की आवश्यकता होगी वहां पर मिट्टी डाली जावेगी।

निगमायुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि डाले जा रहे पाईपों में पर्याप्त मात्रा में मिट्टी का भराव किया जाये ताकि हुडको योजना अंतर्गत निर्मित सड़कों पर भराव कम होने की दशा में विपरीत स्थितियां निर्मित न हो। महापौर तथा निगमायुक्त द्वारा अधिकारियों को आगाह किया गया कि उक्त प्रोजेक्ट जुलाई माह तक पूर्ण हो जाना था किन्तु कार्य की गति को देखते हुये उक्त प्रोजेक्ट अगस्त माह तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करें।

निगमायुक्त द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि जिन क्षेत्रों में पाईप लाईन डाल दी गई है कि उनमें मिट्टी का भराव यदि 7 दिन में ठेकेदार द्वारा नहीं किया जाता है तो उसके लिये पृथक से टेण्डर आंमत्रित कर मिट्टी का भराव कर संबंधित ठेकेदार के बिल से राशि काटकर भुगतान किया जावे। हर हाल में रोड़ निर्माण का कार्य अगस्त तक पूर्ण किया जाना है इसलिये मिट्टी भराव की कार्यवाही सात दिवस में पूर्ण करें । बैठक के दौरान यह भी निर्देश दिये गये कि प्रोजेक्ट उदय के तहत विभिन्न पैकेजों में कार्यरत टी.सी.ई. कम्पनी के स्टाफ अनुबंध के अनुसार कितना होना चाहिये तथा योग्यता के अनुरूप स्टाफ सप्लाई किया जा रहा है अथवा नहीं, इस बात का परीक्षण कर कार्यरत स्टाफ की हाजिरी निगम अधिकारियों के माध्यम से ली जावेगी।

महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा शिन्दे की छावनी, रामदास घाटी, रामबाग कॉलोनी की सामने प्रोजेक्ट उदय के तहत डाली जाने वाली पाईप लाईन के बाद खोदी गई सड़क को तत्काल मरम्मत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये ।

निगमायुक्त द्वारा ठेकेदार से बूस्टर पम्पिंग स्टेशन की डिजायन प्राप्त नहीं होने पर ठेकेदार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये तथा स्टाफ की कमी के कारण प्रभावित होने वाले कार्य के लिये मुताबिक अनुबंध राशि काटने के निर्देश भी निगमायुक्त द्वारा दिये गये।

पैकेज क्र. 11 के अंतर्गत तिघरा पर स्थापित होने वाले 45 एम.एल.डी. के नये जल शोधन संयंत्र के कार्य को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। इस संयंत्र के विषय में अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि उक्त पैकेज का कार्य फरवरी 2009 तक पूर्ण कर लिया जावेगा।

पैकेज क्र. डब्ल्यू.एस. 12 के तहत तिघरा से गुप्तेश्वर तक पाईप लाईन डाली जानी थी। सितम्बर 2008 तक उक्त कार्य पूर्ण होना है। वांछित डाया के पाईप उपलब्ध न हो पाने के कारण कार्य में विलंब हो रहा है।

महापौर द्वारा प्रोजेक्ट उदय के तहत कार्य कर रहे विभिन्न कम्पनियों को निर्देशित किया गया कि कार्य के दौरान पी.एच.ई., सीवर इत्यादि की पाईप लाईनें यदि टूट जाती है तो उसकी सम्पूर्ण मरम्मत निगम के इंजीनियरों के देख-रेख में संबंधित ठेकेदार द्वारा करनी होगी। निगमायुक्त एवं महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा प्रोजेक्ट उदय में कार्य कर रही       टी.ई.सी. कम्पनी के इंजीनियरों तथा विशेषज्ञों को निर्देश दिये कि उनके द्वारा किये गये कार्यों का आगामी माह में पुन: परीक्षण किया जावेगा। यदि कार्य में संतोषजनक प्रगति नहीं पाई गई तो मुताबिक अनुबंध ठेके के विरूद्व कार्यवाही की जावेगी।

आज की समीक्षा बैठक में अपर आयुक्त राजेश बाथम, परियोजना अधिकारी प्रोजेक्ट उदय के.के. श्रीवास्तव, परियोजना इंजीनियर आर.के. शुक्ला, बलवीर सिंह सिकरवार, टी.सी.ई. कम्पनी के कन्सलटेंट पीयूष कुमार, जलकार्य प्रभारी दत्तात्रेय भालेराव उपस्थित थे ।

 

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