सोमवार, 21 जुलाई 2008

डबरा में आंचलिक पत्रकारों की कार्यशाला संपन्न, श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिये आंचलिक पत्रकार अपने को अपग्रेड करें

डबरा में आंचलिक पत्रकारों की कार्यशाला संपन्न, श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिये आंचलिक पत्रकार अपने को अपग्रेड करें

ग्वालियर 19 जुलाई 08 । पत्रकारिता से जुड़े व्यक्तियों की भूमिका अन्य व्यवसायों से जुड़े लोगों की अपेक्षा काफी अलहदा होती है । पत्रकार को सकारात्मक आलोचना का अधिकार होता है । अत: उसे खबर लिखते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिये । साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिये खबर तथ्यों पर आधारित व सारगर्भित हो । उक्त आशय के विचार भोपाल से आये वरिष्ठ पत्रकार श्री सोमदत्त शास्त्री ने आज डबरा में आयोजित हुई आंचलिक पत्रकार कार्यशाला में व्यक्त किये । राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा यह कार्यशाला जिले के पत्रकारों को पत्रकारिता के नवीनतम आयामों एवं आधुनिक संचार साधनों की जानकारी देने के मकसद से आयोजित की गई थी । कार्यशाला में डबरा, भितरवार व करहिया समेत जिले के अन्य क्षेत्रों के आंचलिक पत्रकारों ने भाग लिया ।

       वरिष्ठ पत्रकार श्री सोमदत्त शास्त्री ने कहा समय के साथ पत्रकारिता में भी बदलाव आये है । इसलिये अंचल के पत्रकारों को  भी अपने आपको सूचना के नये संसार से जोड़ना होगा, तभी वे श्रेष्ठ पत्रकार बन सकेंगे । उन्होंने कहा ग्रामीण पत्रकारिता भी अब जाग चुकी है । छोटे-छोटे क्षेत्रों की घटनायें भी बड़े-बड़े मायने रखती हैं । इसलिये अचंल के पत्रकार भी अपने आपको छोटा न समझें और मेहनत व संघर्ष का रास्ता अख्तियार कर अपने आपको साबित करें । श्री शास्त्री ने कहा पत्रकारिता की छवि बनाना सभी स्तर के पत्रकारों की सामूहिक जवाबदारी है । इसलिये पत्रकारों को अपनी जानकारी अपग्रेड करते रहना चाहिये , जिससे उनकी खबरें तथ्य परक हों और समाज को अच्छा संदेश देने में सक्षम हों ।

       कार्यशाला के दूसरे मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेश शर्मा ने विकासोन्मुखी पत्रकारिता पर विशेष बल दिया । उन्होंने कहा आंचलिक पत्रकार अपने क्षेत्र के बारे में चिंतन-मनन कर विकास से जुड़े मुद्दों को खबरों में प्रमुखता देना चाहिये । श्री शर्मा ने कहा अच्छा पत्रकार बनने के लिये सीखने का भाव पैदा होना आवश्यक है । इसके लिये संदर्भ लाइब्रेरी, इंटरनेट व विभागवार योजनाओं व प्रावधानों की विस्तृत जानकारी पत्रकार को रखनी चाहिये । उन्होंने प्रमाणिकता , भाषा व वास्तविकता पर विशेष ध्यान देने पर भी बल दिया । श्री शर्मा ने कहा पत्रकार को पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर और व्यावसायिक दृष्टिकोण के साथ खबरें लिखनी चाहिये और उसके जहन में यह बात हो कि मीडिया आम आदमी की आवाज है ।

       वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश अचल ने कार्यशाला का संचालन करते हुये कहा सामाजिक बदलाव में ग्रामीण पत्रकारिता की अहम भूमिका है । इसलिये अंचल के पत्रकार हीन भावना का परित्याग कर अपने आपको सक्षम बनायें और अपने प्रोफेशन के प्रति ईमानदारी से काम कर ग्रामीण पत्रकारिता के नये आयाम स्थापित करें ।

       कार्यशाला में ग्वालियर से पधारे वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रामीण अंचल से ही सही मायने में सामाजिक सरोकारों से जुड़ी खबरें निकलती हैं और ऐसी खबरों का महत्व हमेशा बना रहता है । उन्होंने कहा हालांकि ग्रामीण अंचल की पत्रकारिता सदैव चुनौतीपूर्ण होती है , लेकिन यह भी सही है वही ऊंचाइयों पर पहुंचता है जो चुनौती को स्वीकार कर संघर्ष करता है । इसलिये अंचल के पत्रकारों को इन सभी परिस्थितियों का ध्यान रखकर और पुष्टि करने के पश्चात ही खबरें प्रसारित करना चाहिये ।

       संयुक्त संचालक जनसंपर्क श्री सुभाष चंद अरोड़ा ने कार्यशाला की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला और  प्रतिभागी पत्रकारों की जिज्ञासाओं का समाधन किया 1 डबरा के अनुविभागीय दंडाधिकारी श्री नियाज अहमद खान ने कहा लोक तांत्रिक व्यवस्था में मीडिया की भूमिका विशेष महत्वपूर्ण है । अत: पत्रकारों को सजग होकर अपना कार्य करना चाहिये ।

       डबरा में आंचलिक पत्रकारों के लिये कार्यशाला आयोजित करने के लिये डबरा के वरिष्ठ पत्रकार श्री रामानंद गुप्ता ने जनसंपर्क विभाग की मुक्त कंठ से प्रंशसा की । इनके अलावा अंचल के अन्य पत्रकारगण सर्वश्री यशवंत श्रीवास्तव, द्वारिका हुकवानी, नाथूराम अभिलाषी, सुरजीत यादव, बीएन पटसारिया, अशोक पाल व श्री सुरेश मेवाफरोश सहित अन्य पत्रकारगणों ने भी सुझाव रखे और पत्रकारिता से जुड़ी जिज्ञासाओं का समाधान कराया । अंत में आभार प्रदर्शन सहायक संचालक श्री डी डी शाक्यवार ने किया ।

 

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