सूचना का अधिकार जनता के लिए वरदान- संभागायुक्त डा. कोमल सिंह
सूचना का अधिकार पर संभागीय कार्यशाला सम्पन्न
प्रशान्त सिंह तोमर ब्यूरो प्रमुख ग्वालियर
ग्वालियर, 31 मई 2007
सूचना का अधिकार देश की जनता के लिए वरदान है । इसके द्वारा वे किसी भी संस्था या शासन द्वारा वित्तपोषित संस्थाओं से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । लोक सेवकों का यह दायित्व है कि वे सूचना का अधिकार अधिनियम का गंभीरता से प्रशिक्षण लें और अधिनियम के तहत चाही गई जानकारी या सूचना समय सीमा में नागरिकों को प्रदान करें । ग्वालियर संभागायुक्त डा. कोमल सिंह ने उक्त विचार आज यहाँ सिटी सेन्टर में एक दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में व्यक्त किये।
कार्यशाला में अपर आयुक्त ग्वालियर संभाग डा. एम.गीता, कलेक्टर ग्वालियर श्री राकेश श्रीवास्तव, कलेक्टर दतिया श्री अशोक शिवहरे, कलेक्टर गुना श्री जी.के. सारस्वत , वन संरक्षक श्री जे.पी.नारायण, उप आयुक्त राजस्व सुश्री शशिकला खत्री तथा ग्वालियर संभाग के सभी जिलों के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।
संभागायुक्त डा. कोमल सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम को एक क्रांतिकारी पहल बताते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अधिनियम है । सूचना प्रदान करने के लिए नियुक्त लोक सूचना प्राधिकारी एवं सहायक लोक सूचना अधिकारी इसका विस्तृत अध्ययन एवं प्रशिक्षण पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से प्राप्त कर इसके प्रावधानों से अवगत हो । इससे उन्हें समय सीमा में सूचना प्रदान करने में सुविधा होगी । उन्होंने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम वर्तमान में .शैशव अवस्था में है किन्तु कालान्तर में अनुभव एवं प्रावधानों से जुड़कर यह जनता के लिए एक प्रमुख शक्ति का स्त्रोत होगा ।
कार्यशाला में आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा अकादमी के प्रमुख प्रशिक्षक श्रीनिवास बरदमूर्ति ने बेहद रोचक तरीके से अधिनियम की परिभाषा अर्थ एवं प्रावधानों की जानकारी दी । उन्होंने जिलाधिकारियों की शंकाओं एवं प्रश्नों का समाधान भी किया । इस प्रशिक्षण सह अनौपचारिक चर्चा में उन्होंने रोचक जानकारी देते हुए बताया कि अधिनियम के तहत न केवल वयस्क वरन अवयस्क भी जानकारी / सूचना प्राप्त कर सकते हैं । कोई संगठन, यूनियन, ग्रुप ऑफ सिटिजन या परिसंघ भी अधिनियम के तहत सूचना प्राप्त कर सकते हैं । आर.सी. व्ही.पी. अकादमी के ही प्रशिक्षक श्री व्ही.एस.शर्मा ने अधिनियम की विषय वस्तु और लोक सूचना / सहायक लोक सूचना अधिकारी के दायित्वों एवं प्रकरणों की अनिवार्यता के हिसाब से जानकारी देने की समय सीमा पर चर्चा की और अधिकारियों की शंकाओं का समाधान किया ।
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