बस्तु आरक्षण अधिनियम के तहत ग्यारह प्रकार के बस्त्र आरक्षित
ग्वालियर 27 जनवरी 09। भारत सरकार के बस्त्र मंत्रालय द्वारा ग्यारह प्रकार के बस्त्रों को हाथकरघा पर उत्पादन के लिये आरक्षित किया गया है। यह कदम हाथकरघा उत्पादनार्थ बस्तु आरक्षण अधिनियम के क्रियान्वयन के तहत हाथकरघा उद्योग के संरक्षण एवं विकास के उद्देश्य से उठाया गया है।
सहायक संचालक हाथकरघा श्री आर पी. कोरी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिन बस्त्रों को आरक्षित किया गया है, उनमें साड़ी, धोती, तौलिया और गमछा तथा अंगबस्त्रम, लुंगी, खेश, बैडशीट, बैडकवर, पलंगपोश, फर्निशिंग (जिसमें टेपेस्ट्री अपहोलस्ट्री शामिल है), जमाकालम, दरी या डरेट , ड्रेस मटेरियल, बैरक कंबल और कंबल या कंबली, शाल, लोई, मफलर, पंखी आदि, ऊनी कपड़ा (वूलन ट्वीड) चादर, मेखला या फानिक आदि शामिल हैं। इन बस्त्रों का पावरलूम पर उत्पादन होता पाया गया तो संबंधित के विरूध्द हाथकरघा उत्पादन बस्तु आरक्षण अधिनियम के तहत वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।
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