गुरुवार, 29 जनवरी 2009

अजा, अजजा अत्याचार निवारण, पांच राज्यों के काम की समीक्षा, सजा के मामलों में म.प्र. मजबूत, अजा साक्षरता में देश में अव्वल

अजा, अजजा अत्याचार निवारण, पांच राज्यों के काम की समीक्षा, सजा के मामलों में म.प्र. मजबूत, अजा साक्षरता में देश में अव्वल

भोपाल 28 जनवरी 09। अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण तथा सिविल अधिकार अधिनियमों के मामलों को लेकर आज यहां केन्द्रीय समिति ने पांच राज्यों के कामकाज की समीक्षा की। समिति की अध्यक्ष और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्रीमती मीरा कुमार ने कानूनों पर अमल में और असर लाने की इस मौके पर जरूरत बताई। बैठक में प्रदेश के अजा, अजजा कल्याण मंत्री श्री जगन्नाथ सिंह और राज्य मंत्री श्री हरिशंकर खटीक, समिति के सदस्य श्री के.बी. कृष्णमूर्ति तथा केन्द्र और राज्य के आला अफसर भी मौजूद थे।

सजा दिलाने में मध्यप्रदेश का ऊँचा मुकाम

समीक्षा के दौरान पड़ताल में यह तथ्य रेखांकित हुआ कि अजा, अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश 39.9 प्रतिशत मामलों में दोषियों को सजा दिलाने के साथ पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। वर्ष 2005से 2007 तक के तीन वर्षों की स्थिति के मुताबिक उत्तराखंड में यह प्रतिशत 35.5, छत्तीसगढ़ में 38, झारखड में 34.6 और पूरे देश में इसे 31 प्रतिशत आंका गया है। मध्यप्रदेश के ऊपर सिर्फ उत्तरप्रदेश की स्थिति दर्ज हुई है जहां ऐसे 50.7 मामलों में दोष सिध्दि और सजा की कार्रवाई हुई है। इस हकीकत का खुलासा बाकायदा पांच राज्यों की बैठक में प्रेजेंटेशन के जरिए किया गया और मध्यप्रदेश की कामयाबी पर केन्द्रीय समिति ने खुशी भी जाहिर की।

अजा साक्षरता में देश अव्वल

पड़ताल में मध्यप्रदेश की सम्मानजनक स्थिति का पता तब भी चला जबकि इसे अनुसूचित जाति में साक्षरता के प्रतिशत को लेकर पूरे देश में अव्वल पाया गया। प्रेजेंटेशन में यह तथ्य आया कि मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति की महिलाओं का साक्षरता का प्रतिशत 43.28 है जबकि अजा की महिलाओं का राष्ट्रीय प्रतिशत 41.90 आंका गया है। यही स्थिति अजा के पुरुषों में साक्षरता को लेकर उजागर हुई जबकि प्रदेश में जहां इसका मुकाम 72.33 प्रतिशत निकला वहीं राष्ट्रीय प्रतिशत 66.64 आया है। कुल मिलाकर इस प्रतिशत का आकार 58.57 है जबकि कुल राष्ट्रीय प्रतिशत 54.69 दर्ज हुआ है। समिति की अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार ने इस पर खुशी जताई।

अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन राशि 50 हजार

केन्द्रीय समिति की अध्यक्ष और मंत्री श्रीमती मीरा कुमार ने खुले तौर पर मध्यप्रदेश की इस बात के लिए भी तारीफ की कि उसने समिति की सिफारिश पर वर्ष 2007 में ही अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी है। उन्होंने अन्य शेष राज्यों में भी इसे बढ़ाए जाने की अपेक्षा की। प्रदेश की परफार्मेंस से खुश होकर समिति ने भरोसा दिलाया कि सामाजिक अधिकारिता के केन्द्रों और जनजागरण के लिए उसे वांछित धनराशि दी जाएगी।

केन्द्रीय समिति की कारगर पहल

केन्द्रीय समिति की अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार ने बताया कि केन्द्र ने कानूनों पर प्रभावी अमल के लिए चार राष्ट्रीय पुरस्कार कायम किए हैं। अत्याचार संबंधी अपराध रोकने और छुआछूत खत्म करने में अच्दे काम के लिए इन पुरस्कारों के तहत व्यक्तिगत कार्यकर्ता को दो लाख रुपए और गैर सरकारी संगठनों को पांच लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने सभी राज्यों से भी ऐसे पुरस्कारों के साथ आगे आने को कहा।

प्रभावित क्षेत्रों की स्पष्ट पहचान हो

श्रीमती मीरा कुमार ने बैठक में इस पर जोर दिया कि सभी राज्य अपने जिलों में अत्याचार प्रवण में निश्चित स्थानों और पैकेटों की स्पष्ट पहचान करें । उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे क्षेत्रों में विकास का विशेष पैकेज तैयार कराएं ताकि अत्याचारों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके । इसी तरह लक्षित समूह को राष्ट्रीय अजा वित्त एवं विकास नियम और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त विकास निगम की लाभकारी योजनाओं में शामिल कराएं।

ट्रेनिंग पर दें तवज्जो

केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मीरा कुमार ने अजा, अजजा अत्याचार निवारण कानूनों पर अमल करने वाले अफसरों की खास और अनिवार्य ट्रेनिंग पर जोर दिया। उनकी राय इन विषयों को राज्य लोक सेवा आयोग के पाठ्क्रम में अनिवार्य प्रश्नपत्र के बतौर शामिल करने की भी थी।

नई योजना

श्रीमती मीरा कुमार ने बताया कि अजा, अजजा के लोगों में जघन्य अपराधों का शिकार होने वालों के लिए डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान के तहत एक नई योजना शुरु की गई है। इसका मकसद तात्कालिक आर्थिक सहायता देना है और इसकी रकम दो लाख रुपए होगी।

बैठक में भागीदारी

समीक्षा बैठक में मध्यप्रदेश समेत छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, झारंखंड और उत्तराखंड के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अफसर शामिल थे। केन्द्रीय सचिव श्री के.एम.आचार्य और श्री पी.पी.मिश्रा तथा संयुक्त सचिव श्री निर्मलजीत सिंह के अलावा प्रदेश की ओर से प्रमुख सचिव श्री ओ.पी. रावत, अजा आयुक्त श्रीमती सालीना सिंह, अजजा आयुक्त श्री जयदीप गोविंद और अन्य अफसर भी मौजूद थे।

 

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