बुधवार, 1 अप्रैल 2009

उषा किरण योजना पर कार्यशाला संपन्न

उषा किरण योजना पर कार्यशाला संपन्न

ग्वालियर 31 मार्च 09 । महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत जिले की तीनों शहरी एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के संयुक्त तत्वावधान में आज उषाकिरण योजना पर एक कार्यशाला आयोजित हुई । यहाँ कमलाराजा महाविद्यालय में आयोजित हुई कार्यशाला का शुभारंभ पूर्व प्राचार्य डा0 आशा माथुर एवं सिविल सर्जन डा0 कल्पना जैन ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया ।

      कार्यशाला को संबोधित करते हुए डा0 आशा माथुर ने कहा कि वैदिक काल से महिलाओं को नारी शक्ति के रूप में पूजा जाता रहा है । उन्होने कहा कि हमें महिलाओं के उत्थान के लिए रूढ़िवादी परंपराओं की जड़ मे जाकर उन्हें मिटाने के लिए गाँव गॉव में जागृति लानी होगी । डा0 माथुर ने महिला संरक्षण अधिनियम 2005 की पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला ।

      जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा शर्मा ने उषाकिरण योजना के प्रावधानों की जानकारी दी । उन्होने बताया कि कोई भी महिला यदि घरेलू हिंसा से पीड़ित है तो वह योजना के अन्तर्गत हैल्प डेस्क के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है । श्रीमती शर्मा ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्र्यकत्ता, महिला मंडलों व स्वसहायता समूह की बैठकों में घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम के बारे में अवश्य बतायें । इस मोके पर एडवोकेट श्री धर्मेन्द्र सक्सेना ने कहा कि इस अधिनियम का उपयोग तभी करें जब महिलाओं के पास कोई भी विकल्प न बचे।कहने का आशय है कि इस अधिनियम का दुरूपयोग परिवार के विघटन में कदापि नहीं होना चाहिए ।

      कार्यशाला में उपस्थित परामर्शदात्री श्रीमती ममता कुशवाह ने कहा कि महिलाएँ आपसी सामन्जस्य से अपनी पारिवारिक समस्याएँ सुलझाएँ । जब कोई भी परामर्श संबंधी उपाय शेष न रहें तब घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम का सहारा लिया जा सकता है । परियोजना अधिकारी श्रीराम तिवारी ने जानकारी दी कि महिलाओं पर किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर घरेलू हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत त्वरित कार्रवाई की जाती है । दो माह के भीतर माननीय न्यायालय द्वारा संरक्षण आदेशो के माध्यम से न्याय दिलाया जाता है । परियोजना अधिकारी श्री मनोज खरे ने इस अधिनियम के तहत नामांकित किये गये संरक्षण अधिकारियों की भूमिका पर प्रकाश डाला ।

      कार्यशाला में तीनों शहरी परियोजनाओं की ऑंगनबाड़ी कार्र्यकत्ता, किशोरी बालिकाएँ, महाविद्यालय की छात्राएँ, विभाग की पर्यवेक्षक इत्यादि समेत करीबन 350 प्रतिभागियों ने भागीदारी की । कार्यशाला का संचालन पर्यवेक्षक श्रीमती ज्योति जैन एवं अंत में आभार प्रदर्शन श्रीमती अनीता सक्सेना द्वारा किया गया ।

 

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