सोमवार, 31 अगस्त 2009

आदिवासी बहुल हरसी में कलेक्टर ने लगाई रात्रिकालीन चौपाल : किसी को नौकरी, किसी को खेती तो किसी को मिली पढ़ाई के लिये मदद

आदिवासी बहुल हरसी में कलेक्टर ने लगाई रात्रिकालीन चौपाल : किसी को नौकरी, किसी को खेती तो किसी को मिली पढ़ाई के लिये मदद

       ग्वालियर 30 अगस्त 09। न कोई अर्जी देने का झंझट और न ही समस्यायें दर्ज करने की औपचारिक कबायद। फिर भी जन समस्यायें निपटने के साथ-साथ ऐसे लोगों की वर्षों पुरानी मुरादें पूरी हो रहीं थीं, जो साधारणत: औरों के समक्ष अपनी कठिनाइयाँ व मंशा जाहिर नहीं कर पाते। यहां बात हो रही है बीती रात जिले के सुदूर अंचल में स्थित सहरिया आदिवासी बहुल गांव हरसी में जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी द्वारा लगाई गई रात्रि कालीन चौपाल की। पूरी तरह अनौपचारिक माहौल में पेट्रोमैक्स की रोशनी में देर रात तक चली इस चौपाल की शुरूआत में जब श्री त्रिपाठी ने यह कह कर बातचीत का सिलसिला शुरू किया कि हम आप सब के हालचाल जानने और आपकी कठिनाइयों व समस्याओं से रूबरू होने आये हैं, तो अमूमन अन्तर्मुखी रहने वाले सहरिया आदिवासी भी मुखर होकर अपने मन की बात व्यक्त करने लगे। खासकर सहरिया समुदाय की महिलाओं ने आगे आकर सरकार से जुड़ी अपने गांव व घर की एक-एक समस्या व मांगों को खुलकर कलेक्टर के समक्ष रखा। कलेक्टर ने भी उन्हें निराश नहीं किया और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा के साथ उनकी अधिकांश समस्याओं का समाधान तो किया ही, साथ ही उनकी वर्षों पुरानी मुरादें भी पूरी की। जिन समस्याओं व मांगों का कलेक्टर ने चौपाल में समाधान किया उनमें एक पढ़े लिखे सहरिया युवक को सरकारी नौकरी देने समेत बड़े पैमाने पर पट्टों की बहाली, भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिये मदद, पेंशन स्वीकृति, विद्युतीकरण, सीमेण्ट कांक्रीट सड़क की मंजूरी, सहरिया विद्यार्थियों का आश्रम व छात्रावासों में प्रवेश, बड़े पैमाने पर शौचालयों का निर्माण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, मछुआ व स्व-सहायता समूहों को मदद आदि शामिल हैं। कलेक्टर ने साथी अधिकारियों के साथ अपनी यह रात आदिवासी बहुल ग्राम हरसी में ही बिताई।

       बीती रात लगी चौपाल में हरसी ग्राम के 42 सहरिया परिवारों को बड़ी मदद मिली है। इन परिवारों को खेती के लिये वर्ष 97 में कृषि भूमि के पट्टे मिले थे। इन परिवारों ने पट्टों की भूमि को कृषि योग्य न समझ कर पट्टों पर कब्जा नहीं लिया और ये पट्टे निरस्त हो गये। चौपाल में जब कलेक्टर ने इन्हें बताया कि रोजगार गारण्टी योजना के तहत सरकार भूमि को समतल करने और उसे कृषि योग्य बनाने के लिये मदद प्रदान करती है। यह सुनकर सहरिया परिवारों को बड़ी निराशा हुई कि काश हमारे पट्टे निरस्त नहीं हुए होते तो हम सरकारी इमदाद से पट्टे की भूमि को खेती योग्य बना लेते।  कलेक्टर ने इन परिवारों की उक्त समस्या का समाधान चौपाल में कर दिया। उन्होंने मौके पर मौजूद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व भितरवार के तहसीलदार को हिदायत दी कि सभी 42 परिवारों के पट्टे बहाल कर दिये जायें। इसी तरह आदिवासी महिलाओं के जमुना स्व-सहायता समूह को गांव की चार आंगनवाड़ी केन्द्रों के पोषण आहार वितरण का काम दिलाने के निर्देश दिये गये। इस गांव में पारंपरिक रूप से मछली पालन का अनुभव रखने वाले श्रीलाल के लिये मीनाक्षी योजना के तहत पांच लाख की लागत से एक तालाब की मंजूरी दी गई। इसी योजना के तहत सहरिया जनजाति से ताल्लुक रखने वाले श्री बादाम सिंह के तालाब का ले आउट 31 अगस्त तक देने की हिदायत सहायक यंत्री को दी गई। गांव के जमुना स्व-सहायता समूह के सभी सदस्यों समेत करीबन 30 सहरिया आदिवासी परिवारों के घरों में शत प्रतिशत अनुदान के आधार पर शौचालय बनाने की सौगात भी रात्रिकालीन चौपाल में मिली। इसके अलावा रमको बाई को पेंशन देने व मोतिया बिन्द का ऑपरेशन कराने, कला बाई की जमीन से कब्जा हटाने के निर्देश चौपाल में दिये गये। हरसी गांव से जुड़े सिडनी का पुरा तथा बोधपुरा मोहल्ले में करीबन डेढ़-डेढ़ लाख रूपये की लागत से सीमेण्ट कांक्रीट युक्त खरंजा बनाने का निर्णय चौपाल में हुआ। घाटीगांव अंचल के पूछरी से चौपाल में पहुँचे उदआ आदिवासी ने फरियाद की कि हमें वर्ष 80 से पहले पट्टा मिला था, परन्तु वन अमला हमें खेती नहीं करने देता। कलेक्टर ने उसे आश्वस्त किया कि यदि उक्त अवधि से पहले का पट्टा है तो उसे जल्द ही खेती करने की अनुमति दिला दी जायेगी।

       चौपाल में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री शिवराज सिंह वर्मा, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन श्री एन पी. कोरी, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग श्री चतुर्वेदी, जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री राजीव मिश्रा व कार्यपालन यंत्री विद्युत सहित अन्य स्थानीय अधिकारी व बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणजन शामिल हुए।

 

जसवन्त को मिली नौकरी, सहरिया छात्र पढ़ेंगे ग्वालियर में

शिक्षा के प्रति सहरिया समुदाय खासकर इस समुदाय की महिलाओं के लगाव को देखकर बीती रात लगी चौपाल में सुखद अनुभूति हुई। कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने इसका उन्हें प्रतिफल भी दिलाया। मसलन सहरिया जन जाति के बारहवीं तक पढ़े लिखे एक युवक जसवन्त सिंह को सीधे संविदा शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियुक्त करने के निर्देश जनपद पंचायत भितरवार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिये। इसी तरह आगे पढ़ने के इच्छुक सहरिया जन जाति के छात्र इन्द्र सिंह,लोकेन्द्र सिंह व विवेक आदिवासी को ग्वालियर स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास में भर्ती कराने के निर्देश दिये गये। इसी कड़ी में छात्रा धनेश कुमारी के प्रकरण को विशेष प्रकरण मानकर उत्कृष्ट विद्यालय भितरवार एवं स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र रामअवतार जाटव को पोस्ट मेट्रिक छात्रावास डबरा में भर्ती कराने के निर्देश कलेक्टर ने आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक को दिये।

 

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