मंगलवार, 15 अप्रैल 2008

देश की सम्पन्नता की कसौटी करोड़पतियों की संख्या नहीं बल्कि कमजोर वर्गों में आयी समृध्दि हो - लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी

देश की सम्पन्नता की कसौटी करोड़पतियों की संख्या नहीं बल्कि कमजोर वर्गों में आयी समृध्दि हो - लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी

देश के पर्यटन नक्शे में अम्बेडकर नगर एक महत्वपूर्ण स्थान होगा - मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, अम्बेडकर जन्म स्थली पर 12 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित भव्य स्मारक लोकार्पित

भोपाल 14 अप्रैल 08 । लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि भारत कितना सम्पन्न हुआ है इसकी कसौटी यह नहीं है कि कितने लोग करोड़पति हो गये हैं बल्कि यह है कि कमजोर और पिछडे वर्ग के लोगों में कितनी समृध्दि आयी है। इस कसौटी को स्वीकार करके आगे बढ़ने पर ही देश की वास्तविक उन्नति होगी। वे आज बाबा साहब अम्बेडकर की जन्मस्थली अम्बेडकर नगर (महू) में 12 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित अम्बेडकर स्मारक के लोकार्पण के बाद विशाल सभा को संबोधित कर रहे थे। इस महत्वपूर्ण अवसर पर श्री आडवाणी ने बाबा साहब अम्बेडकर की 14 फीट ऊंचाई की भव्य प्रतिमा का अनावरण भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सर कार्यवाह श्री मदनदासजी देवी विशेष रूप से उपस्थित थे।

श्री आडवाणी ने आगे कहा कि अच्छा शासन ईमानदार और प्रामाणिक शासन होना चाहिये। इसमें आम आदमी को अपने कामों के लिये पैसा खर्च करना पड़े यह ठीक नहीं है। अच्छा शासन विकास और शिक्षा पर आधारित होता है। आज देश में आजादी के 60 साल बाद भी गरीबी जैसी समस्याएं हल नहीं हुई है तो हमें समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति की कसौटी पर इन समस्याओं को देखना चाहिये। वर्तमान में महंगाई और मुद्रास्फति सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच चुकी है। इसका सामना भारत तभी कर सकता है जब किसानों को सारी सुविधाएं मिले। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने जीवन में जो कुछ प्राप्त किया कर्म के आधार पर प्राप्त किया। यही उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी। उन्होंने कहा कि आज का समारोह ऐतिहासिक है क्योंकि डॉ.अम्बेडकर जैसे महापुरूष के जीवन से जुड़े तीन स्थानों पर जन्मभूमि सबसे महत्वपूर्ण है। यहां पर भव्य स्मारक का निर्माण कर मध्यप्रदेश की सरकार ने अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाया है। इस स्मारक का भूमिपूजन 17 साल पहले हुआ था पर निर्माण की प्रगति अभी पिछले दो-तीन साल में हुई है। अम्बेडकर जैसे महान व्यक्तित्व कम ही हुये हैं। उन्होंने स्वतंत्र भारत की शासन व्यवस्था के लिये संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। आजादी के बाद बने पहले मंत्रीमण्डल में कांग्रेस के अलावा अन्य दलों से दो महान व्यक्तित्व को गांधीजी की सलाह पर नेहरूजी ने मंत्री बनाया था जिसमें एक डॉ.अम्बेडकर और दूसरे डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी थे। डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी को औद्योगिक मंत्री और डॉ. अम्बेडकर को विधि मंत्री बनाया गया था। उन्होंने कहा कि 60 साल के बाद भी स्वराज को सुराज में बदलने की जरूरत है। जो सरकार गरीबों और कमजोरों के विकास की चिंता करती है वह देश का भला करती है और अम्बेडकर की कल्पना को साकार करती है। मध्यप्रदेश में हो रही लगातार प्रगति का जिक्र करते हुए श्री आडवाणी ने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकारें सड़क, बिजली, पानी के क्षेत्र में लगातार विकास के काम कर रही है। इन सरकारों को हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि देश के विकास के लिये क्या किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब आम्बेडकर का स्मारक श्रध्दा का विषय है। इसे पूरा करना हमारा कर्तव्य था। अब तय किया गया है कि यहां पर सौंदर्यीकरण का काम किया जायेगा और बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन पर आधारित लाईट एण्ड साऊण्ड प्रोग्राम शुरू किया जायेगा। अम्बेडकर नगर में आने वाले श्रध्दालुओं के निवास के लिये स्थायी धर्मशालाएं बनवायी जाएंगी। देश के पर्यटन नक्शे में अम्बेडकर नगर एक महत्वपूर्ण स्थान होगा। राज्य सरकार द्वारा यहां हर साल अम्बेडकर महाकुंभ का आयोजन किया जायेगा। देशभर से श्रध्दालु आयेंगे और अम्बेडकर जयंती पर स्मारक में दर्शन करके राष्ट्र प्रेम की प्रेरणा लेकर जायेंगे। डॉ.अम्बेडकर ने समता मूलक भारत निर्माण का संदेश देते हुए कहा था कि हम सबसे पहले भारतीय हैं और अंत में भी भारतीय हैं। मध्यप्रदेश में बाबा साहब अम्बेडकर के सपनों को साकार करने के लिये कई योजनाएं शुरू की गयी हैं। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 189 विधानसभा क्षेत्रों में अम्बेडकर मंगल भवन बनाये गये हैं। अम्बेडकर आई. टी. आई. खोले गये हैं। अम्बेडकर स्वरोजगार योजना क्रियान्वित की जा रही है। बाबा साहब अम्बेडकर के नाम पर मेधावी विद्यार्थी योजना शुरू की गयी है। प्रदेश में अनुसूचित जाति की बालिकाओं को सायकल देने और विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश पर छात्रवृत्ति देने, बारहवीं में प्रथम श्रेणी आने पर गांव की बेटी घोषित कर उसकी कालेज की पढ़ाई का खर्च उठाने, अनुसूचित जाति के प्रतिभावान युवा की विदेश में पढ़ाई का खर्च उठाने जैसी कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। अब अनुसूचित जाति के विद्याथियों के सभी छात्रावासों में अम्बेडकर लायब्रेरी खोली जायेगी। अनुसूचित जाति बहुल गांव में सड़क, बिजली, पानी और आंतरिक मार्ग निर्माण के कार्य कराये जायेंगे। मध्यप्रदेश में बेटी को वरदान बनाने के लिये लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की गयी है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में हर बेटी के विवाह की व्यवस्था की गयी है। मध्यप्रदेश में तेजी से औद्योगिक निवेश बढ़ रहा है। अब निजी उद्योगों में कमजोर वर्ग के लोगों को रोजगार मिल सके इसके प्रयास किये जायेंगे। शिक्षा और रोजगार बढ़ाने के साथ कमजोरों के स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा करने का कार्य भी राज्य सरकार कर रही है।

सहसर कार्यवाह श्री मदन दासजी देवी ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने लोक शिक्षा और संगठन के लिये कार्य किया है। उन्होंने समाज में समानता लाने के प्रयास किये हैं। उन्होंने भारत को संविधान निर्माण के जरिये दिशा दिखाई है।

प्रदेश के लोक निर्माण तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने सबको साथ लेकर आत्म विश्वास जगाने की कोशिश की थी। अम्बेडकर कुंभ शुरू करने का श्रेय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को है। अम्बेडकर जंयती पर महू आने वाले हर अनुयायी का ख्याल एक मेहमान की तरह किया जा रहा है। कल से अभी तक हजारों लोग आ चुके हैं। महू के नागरिकों ने सामाजिक समरसता का परिचय देते हुए आने वाले श्रध्दालुओं के पेयजल, भोजन आदि की व्यवस्था की है। कई सामाजिक संस्थाओं ने आगे आकर सहयोग दिया है। वर्तमान राज्य सरकार के आने के बाद स्मारक के लिये दस करोड़ रूपये दिये गये हैं।

कार्यक्रम में भदंत श्री सदानंद ने कहा कि जन्म स्थली पर स्मारक निर्माण से राज्य सरकार बाबा साहब अम्बेडकर के अनुयायियों का दिल जीत लिया है। भविष्य में स्मारक में ऐसी गतिविधियां आयोजित की जाएं जो समाज और देश को उनका संदेश दे। देश को बांटने के बजाए जोड़ा जाए। भदंत श्री सदानंद ने कहा कि राज्य सरकार बधाई की पात्र है जिसने यहां पर इतना अच्छा और सुन्दर स्मारक बनाया है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर मेमोरियल समिति को भविष्य में अन्य गतिविधियों के लिये भूमि उपलब्ध करायी जाये। भदंत श्री संघशील ने कहा कि 12 माह में विश्व का सुंदरतम स्मारक तैयार किया गया है और केवल 14 दिन में 14 फीट की भव्य प्रतिमा तैयार की गयी है। यह एक सराहनीय कार्य है।

अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री इंद्रेश गजभिये ने संबोधित करते हुए कहा कि स्मारक का निर्माण राज्य सरकार की इच्छा शक्ति का प्रमाण है। डॉ.बाबा साहब अम्बेडकर शोषण और अत्याचार के विरूध्द एकता और अखण्डता का प्रमाण थे। दलितों की लड़ाई सम्मान की लड़ाई है।

कार्यक्रम में सांसद श्री सत्यनारायण जटिया ने कहा कि जन्म से सब समान होते हैं। समय और धारणा के कारण मनुष्य-मनुष्य में फर्क किया जाता है। बाबा साहब अम्बेडकर ने इस फर्क को दूर कर समाज में समता लाने का कार्य किया। कार्यक्रम में लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता श्री आडवाणी ने मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति नई राह नई दिशा पुस्तिका और बाबा साहब अम्बेडकर संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया।

कार्यक्रम में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री सोमपाल शास्त्री, सांसद सुमित्रा महाजन, महापौर डॉ.उमाशशि शर्मा, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री मधु वर्मा, विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया और श्री मनोज पटेल, श्री सुदर्शन गुप्ता और डॉ. रीता उपमन्यू सहित बड़ी संख्या में श्रध्दालुजन मौजूद थे। अंत में आभार प्रदर्शन श्रम एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने किया।

 

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