ग्रहों की उलटफेरी का  तगड़ा खेल चालू हुआ, होगी भारी उथल पुथल
तेजी  मन्दी सहित राजनीतिक द्वंद्ध बढ़ेगा, पूरी तरह बदलेगी गोचर की तस्वीर आने वाले  दिन लायेंगे जन्म कुण्डलियों में तूफान
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
भाग-1
कुछ अर्से से  परेशान चल रहे लोगों को जहॉं अब राहत मिल सकती है वहीं चन्द अर्से से मजे मार रहे  लोगों के लिये परेशानी का दौर शुरू हो सकता है । तकदीरी आसमान में भारी उलटफेरी  शुरू हो चुकी है और लगभग सारे ही ग्रह आने वाले चन्द रोज के भीतर अपने अपने ठीये  यानि स्थान परिवर्तन करेंगे या उनकी स्थिति परिवर्तन होगा । कुल मिला कर सारे  ग्रह किसी न किसी बदलाव पर चल रहे हैं और इस भारी उलटफेर का हेर फेर भी आम आदमी और  सांसारिक परिदृश्य पर भी व्यापक प्रभाव डालने वाला होगा । 
मजे की बात ये  है कि यह बदलाव 25 अप्रेल से ही चालू हो चुका है और आने वाले लगभग 20-25 दिनों तक  यह लगातार चलेगा । जिस श्ानि ने वक्री होकर तेल और लोहे को आसमान की ऊंचाईयों पर  ले जाकर मंहगाई बढ़ा कर आम आदमी की पहुँच से बाहर कर दिया था, ज्योतिषीय विवेचना  के अनुसार यही शनि आने वाली 3 मई को वापस मार्गी गति पर आ रहे हैं, इनकी वक्री गति  समाप्त होकर मार्गी होते ही तेल और लोहे को वापस जमीन का रूख करना पड़ेगा वहीं  अन्य ग्रहों की मार के चलते इन्हें भारी मन्दी के दौर से भी गुजरना पड़ सकता है  । 
कौन कब  कैसे बदलेगा 
शुक्र –  25 अप्रेल को मीन राशि से मेष में प्रवेश कर चुके हैं 
बुध –  अतिचारी गति से चल रहे हैं, 14 अप्रेल को मेष राशि में प्रवेश किया था, अस्त चल  रहे थे, 27 अप्रेल को बुधोदय हो चुका है, और 29 अप्रेल को मेष राशि छोड़कर वृष  राशि में प्रवेश करेंगे । 6 जुलाई तक वृष राशि में ही अस्त उदय वक्री मार्गी होकर  डटे रहेंगे ।
मंगल –  28 अप्रेल को मिथुन राशि छोड़कर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे । 21 जून तक कर्क में  ही टिके रहेंगे ।सूर्य –  वर्तमान में मेष राशि में गोचर है, 14 मई से वृष राशि में चले जायेंगे ।
राहू –  वर्तमान में कुंभ राशि में हैं 30 अप्रेल से मकर राशि में आ जायेंगे ।केतु –  वर्तमान में सिंह राशि में हैं 30 अप्रेल से कर्क राशि में आ जायेंगे । 
गुरू –  वर्तमान में मार्गी गति से धनु राशि में गतिशील हैं, 9 मई से धनु राशि में ही  वक्री हो जायेंगे और 10 डिग्री से अधिक तक पीछे जाकर लगभग एक तिहाई चाल पलटेंगे । 
शनि –  वर्तमान में सिंह राशि में होकर, वक्री गति से 7 डिग्री तक पीछे आ गये हैं, 3 मई  से मार्गी हो जायेंगे और आगे बढ़ना दोबारा शुरू करेंगे । 17 अगस्त से अस्त होकर  21 सितम्बर को पुन: उदित होंगे, और 31 दिसम्बर 2008 तक मार्गी गति में ही बने रह  कर 27 डिग्री तक ऊपर चढ़ जायेंगे । 
चन्द्र –  विशद व बड़ी विवेचनाओं में गण्यमान्य नहीं । हर सवा दो दिन में राशि परिवर्तन स्वाभाविक  चाल है । 
पूरे के पूरे नौ  ग्रहों के इस भारी फेर बदल का विहंगम दृष्टिपात और सिंहावलोकन जिस भारी उथल पुथल  और उलटफेरी की ओर इशारा करता है, वह काफी चौंकाने वाली और व्यापक रूप से प्रभावकारी  है । जहॉं सस्ते मन्दे, मंहगाई और सस्ताई का खेल अब उल्टा पुल्टा होगा वहीं, ग्रहों  की स्थिति गोचरवश जो प्रबल व प्रभावकारी स्थिति में चल रहे थे या चल रहे हैं, यदि  उनकी जन्म कुण्डली में ग्रहों की स्थिति ठीक ठाक नहीं तो उन्हें पराभव या कष्टकारी  स्थितियों से गुजरना पड़ सकता है । बिल्कुल ऐसा ही उन लोगों के लिये भी है जिनका  वर्तमान समय गोचर के अनुसार ठीक नहीं है, यदि उनकी जन्म कुण्डली में ग्रहों की  स्थिति ठीक ठाक है तो उनके उत्थान का वक्त आ गया है अन्यथा और भी अधिक बुरी  स्थिति हो सकती है । 
क्रमश :  अगले अंक में जारी ....
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