अजा-अजजा कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना
योजना का का लाभ जिले की छात्राओं को भी मिले - कलेक्टर
ग्वालियर 11 जून 2007
सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की कन्याओं को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के मकसद से संचालित की जा रही कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना का लाभ जिले की बालिकाओं को भी मिले इसके लिए विभागीय अमले के माध्यम से विशेष प्रयास किये जायें।
यह निर्देश जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग समेत विभाग के अन्य मैदानी अमले को दिए हैं । उन्होंने कहा है कि योजना का व्यापक प्रचार- प्रसार भी किया जाए, जिससे इन वर्गों के लोग स्वत: ही आगे आकर अपनी कन्याओं को लाभान्वित करा सकें ।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति की कन्याओं को शिक्षा के लिए आकर्षित कर उन्हें प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना क्रियान्वित की जा रही है। सामान्यत: इस वर्ग की कन्याएं पांचवी कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई प्रोत्साहन न मिलने से छोड़ देती हैं इसलिए इन्हें आगे की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति की छात्राओं की शाला त्याग दर को कम किया जाना भी इस योजना का उद्देश्य है।
योजना के तहत अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों की जो छात्राएं 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण कर नियमानुसार 9वीं कक्षा में प्रवेश लेंगी तथा 10वीं कक्षा पास कर कक्षा 11वीं में प्रवेश लेंगी, उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जायगा। योजना के तहत सहायता के रूप में कक्षा 9वीं में प्रवेशित छात्रा को 1,000 रूपये तथा कक्षा 11वीं में प्रवेशित छात्रा को 2,000 रूपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायगी। प्रोत्साहन राशि का भुगतान जुलाई एवं जनवरी माह में दो समान किश्तों में किया जायगा। ऐसी छात्राओं को प्रोत्साहन राशि की पात्रता नहीं होगी, जिनके पिता/पालक आयकरदाता हैं। प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति के लिये कक्षा 9वीं एवं 11वीं में प्रवेश लेने वाली प्रत्येक अनुसूचित जाति एवं जनजाति की छात्रा की जानकारी एक प्रपत्र में शाला के प्राचार्य द्वारा अक्टूबर माह तक जिले के जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग को प्रेषित की जायगी।
इसी प्रकार वार्षिक आय के लिये छात्रा के पिता या पालक की आय का घोषणा पत्र पर्याप्त होगा। शासकीय या अशासकीय सेवक के लिये आय प्रमाण पत्र कार्यालय प्रमुख से प्रति हस्ताक्षरित कराना अनिवार्य होगा। स्वीकृतकर्ता अधिकारी चैक के माध्यम से संबंधित संस्था के प्राचार्य को राशि उपलब्ध कराएंगे। प्राचार्य संबंधित छात्रा को बैंक के माध्यम से भुगतान करेंगे। छात्रा को प्रोत्साहन की राशि की पात्रता छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति आदि के साथ अतिरिक्त रूप से रहेगी।
योजना के का क्रियान्वयन जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से किया जा रहा है।
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