गुरुवार, 8 जनवरी 2009

कृषक व कृषि आधारित रोजगार से जुड़े परिवारों के कल्याण की दिशा में सार्थक पहल

मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना

कृषक व कृषि आधारित रोजगार से जुड़े परिवारों के कल्याण की दिशा में सार्थक पहल

ग्वालियर 5 जनवरी 09। कृषकों एवं कृषि आधारित रोजगार से जीवन यापन करने वाले परिवारों को सामाजिक सुरक्षा एवं उनके कल्याण के लिए प्रदेश सरकार ने '' मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना'' शुरू की है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि कार्य करते समय हुई दुर्घटना में अंग-भंग या मृत्यु होने पर पीड़ित व्यक्ति/परिवार को आर्थिक मदद देने का प्रावधान इस योजना में है। जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा पात्र लोगों को योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिये हैं।

       प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कृषि कार्य करते समय हुई दुर्घटना में मृत्यु होने पर मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना के तहत पीड़ित परिवार को 50 हजार रूपये की सहायता देने का प्रावधान है। इसी तरह दुर्घटना में स्थाई अपंगता पर 25 हजार रूपये व अंग-भंग होने से आई आंशिक अपंगता पर साढ़े सात हजार रूपये की आर्थिक सहायता इस योजना के तहत दी जायेगी। मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि अनुदान के रूप में दो हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान भी इस योजना में है।

       कृषि कार्य में कृषि यंत्रों का उपयोग करते समय (जिसमें खेती से संबंधित सिंचाई कार्य भी शामिल है) दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर योजना का लाभ दिया जाता है। इसी तरह सिंचाई कार्य हेतु कुआं खोदते समय, टयूबेल स्थापित करते समय एवं टयूबवेल संचालित करते समय बिजली का करन्ट लगने से हुई मृत्यु या अंग-भंग, कृषि कार्य करते समय बिजली का करन्ट लगने अथवा खेत से गुजरने वाली विद्युत लाईन के क्षतिग्रस्त होने से मृत्यु या अंग -भंग होने पर। इसी प्रकार खेतों में फसलों, फल-सब्जियों पर रासायनिक दवाईंयों आदि के छिड़काव करते समय दुर्घटना मे मृत्यु होने पर, विनिर्दिष्ट मण्डी प्रांगण एवं मण्डी अधिनियम के अंतर्गत प्राधिकृत '' क्रय केन्द्रों'' एवं राज्य शसन द्वारा घोषित '' क्रय केन्द्रों'' पर कृषि उपज की बिक्री के समय कृषि यंत्रों के उपयोग करते समय एवं बोरियों की ढेरी लगाते समय हुई दुर्घटना मे मृत्यु या अंग -भंग होने पर, मण्डी प्रांगण में ट्रैक्टर-ट्रॉली, बैलगाड़ी इत्यादि के पलटने पर हुई दुर्घटना में मृत्यु या अंग -भंग होने पर, कृषि उपज के विक्रय के लिए तथा घर से खेत में आते जाते समय रास्ते में हुई दुर्घटना में हुई मृत्यु एवं अंग भंग होने पर, कुटी (चारा काटने) की मशीन एवं कृषि संयंत्रों से केश मशीन में आने से (डिस्केल्ंपिग) दुर्घटना में हुई मृत्यु एवं अंग भंग तथा कृषि सुरक्षा पशु चराई, पेड़ों की छटाई एवं कृषि की रखवाली करते समय हुई दुर्घटना में हुई मृत्यु एवं अंग -भंग होने पर सहायता दी जाती है। 

       इस योजना के तहत कृषक की परिभाषा में वही प्रावधान शामिल किये गये हैं, जो मध्य प्रदेश कृषि उपज मण्डी अधिनियम मे उल्लेखित हैं। दुर्घटना होने पर योजना का लाभ प्राप्त करने  के लिए पीड़ित परिवार के निकट संबंधी को जिला कलेक्टर को निर्धारित पत्र में आवेदन प्रस्तुत करना होता है। आवेदन का परीक्षण उसी प्रकार किया जाएगा जिस प्रकार राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड -6 क्रमांक  -4 में प्रावधानित प्राकृतिक आपदाओं में हुई हानि की छतिपूर्ति के प्रकरणों में किया जाता है। कलेक्टर द्वारा जांच कराये जाने के उपरान्त प्रकरण में राशि स्वीकृत करने के उपरांत सहायता राशि की की पूर्ति राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा मांग के आधार पर की जायेगी।

 

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