शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009

स्कूली पुस्तकें खरीदनें के लिए जिला प्रशासन द्वारा मापदंड तय

स्कूली पुस्तकें खरीदनें के लिए जिला प्रशासन द्वारा मापदंड तय

ग्वालियर 2 अप्रैल 09 । आज स्थानीय राज्य स्तरीय स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में अपर कलेक्टर श्री वेदप्रकाश की अध्यक्षता में निजी स्कूल संचालकों तथा प्राचार्यों की बैठक संपन्न हुई । श्री वेदप्रकाश ने इस अवसर पर कहा कि स्कूल संचालक और प्राचार्य किसी एक दुकान से पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य न करें । इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री के.के. द्विवेदी मौजूद थे ।

       इस अवसर पर उन्होनें कहा कि संबंधित शिक्षण संस्था समस्त कक्षाओं की उक्त सामग्री उपलब्ध कराने के लिये चिन्हित की गई आठ दुकानों की सूची स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित कराकर उसकी एक सूची जिला कलेक्टर कार्यालय में अवश्य भेजें । उन्होंने निर्देश दिये हैं कि शिक्षण संस्था किसी विशिष्ट दुकान को स्कूली किताबें, कॉपियां, स्टेशनरी व यूनीफार्म विक्रय हेतु आदेश न दें । साथ ही प्रकाशकों को इस बात के लिये बाध्य करें, कि वे अभिभावकों की सहूलियत को ध्यान में रख कर यह सुनिश्चित करें कि कम से कम शहर की आठ दुकानों पर उनके द्वारा प्रस्तावित पुस्तकें उपलब्ध रहें । श्री वेदप्रकाश ने कहा कि एनसीआरटी द्वारा निर्धारित पाठयक्रम से भिन्न कोई पुस्तक विद्यालय में पठन - पाठन हेतु उपयोग में लाई जाती है तो इस बारे में औचित्य बताते हुये जिला शिक्षा अधिकारी को अवश्य सूचित करें ।

      उन्होनें कहा कि अभिभावकों एवं अधीनस्थ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट्स आदि से जिला कलेक्टर को इस आशय की सूचना मिली थी कि स्कूल संचालकों द्वारा बच्चों एवं उनके अभिभावकों को स्कूली किताबें, कापियां व यूनीफार्म आदि की खरीदी किसी विशिष्ट दुकान से करने के लिये बाध्य किया जाता है । इससे उक्त दुकान विशेष पर अभिभावकों व बच्चों की भीड़ एकत्रित हो जाती है । गर्मी के मौसम में भीड़भाड़ बढ़ जाने से मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव तो पड़ता ही है । ऐसी स्थिति में असामाजिक तत्व भी लाभ उठाने से नहीं चूकते हैं । उक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखकर ही जिला प्रशासन  ने कम से कम आठ दुकानों से पाठय सामग्री उपलब्ध कराने के लिये धारा 144 के तहत यह आदेश जारी किया है ।

 

कोई टिप्पणी नहीं: