शनिवार, 1 अगस्त 2009

अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि स्कूलों को आवंटित करायें - कलेक्टर

अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि स्कूलों को आवंटित करायें - कलेक्टर

भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ की बैठक में संबंधित अधिकारियों को निर्देश

ग्वालियर, 31 जुलाई 09/ नगर में अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि स्कूल शिक्षा विभाग को विद्यालय भवन बनाने के लिए आवंटित करायें, जिससे इस भूमि को पुन: अतिक्रमण होने से बचाया जा सके और नगर में स्कूल भवनों के लिए जमीन न मिलने की समस्या हल हो सके । यह निर्देश जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ की बैठक में संबंधित अधिकारियों को दिए। यहाँ जिला कार्यालय में आयोजित हुई बैठक में अपर कलेक्टर श्री वेदप्रकाश, अपर आयुक्त नगर निगम श्री कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया, सहायक कलेक्टर कुमारी छवि भारद्वाज एवं सयुक्त कलेक्टर व नजूल अधिकारी श्री राजेश बाथम, नगर के सिटी मजिस्ट्रेट एवं तहसीलदार व अधीक्षक भू- अभिलेख सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे ।

      जिला कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने बैठक में स्पष्ट तौर पर हिदायत दी कि हेराफेरी कर निजी भूमि के रूप में तब्दील करा ली गई शासकीय भूमि को न केवल पुन: शासकीय घोषित करें अपितु यह भी सुनिश्चित करें कि यह भूमि वास्तविक रूप से सरकार के कब्जे में आ जाये। उन्होंने कहा इस काम में किसी तरह की उदासीनता नहीं बरती जाये । श्री त्रिपाठी ने भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ की बैठक में अब तक दर्ज किये गये हर प्रकरण की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को त्वरित गति से इनका निराकरण करने के निर्देश दिये । उन्होंने बैठक में यह भी निर्देश दिये कि जिस जमीन के बारे में यह साफ हो गया है कि वह सरकारी है, ऐसी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अभियान बतौर करें ।

      गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने शासकीय भूमि के संरक्षण व पूर्व में हेराफेरी कर कागजातों में निजी भूमि के रूप में दर्ज करा ली गई भूमि को मुक्त कराने की मुहिम चलाई जा रही है । जिला कलेक्टर के ध्यान में भूमि की हेराफेरी संबंधी जो प्रकरण सामने आते हैं, उनके निराकरण की जिम्मेदारी इस मुहिम के तहत विभिन्न राजस्व अधिकारियों को सौंपी जाती है। ''कलेक्टर की कलम से''निराकरण के लिए भेजे गये इन सभी प्रकरणों की वस्तुस्थिति की समीक्षा के लिए जिले में भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ गठित किया गया है । इस प्रकोष्ठ की नियमित रूप से बैठक होती है और उसमें प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा होती है । जिले में चल रही इस मुहिम के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं ।

 

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