घरेलू हिंसा के खिलाफ जन-जागरूकता आवश्यक
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया है । घरेलू हिंसा से रक्षा और अन्य महिला सशक्तिकरण मुद्दों के प्रति महिलाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए लगभग 28 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस अभियान में शामिल किया जा रहा है । घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के कार्यान्वयन से सम्बध्द राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने आज यह बात बताई।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा किए गए विभिन्न पहलुओं का उल्लेख करते हुए श्रीमती कृष्णा तीरथ ने बताया कि जब तक महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति सचेत नहीं होतीं और वे उन अवसरों का उपयोग नहीं करतीं, जो उन्हें उपलब्ध हैं । केवल कानून बना लेने मात्र से इस समस्या का निदान नहीं होगा । जब तक सरकार एक ही स्थान पर महिलाओं से संबंधित सभी समस्याओं के हल के लिए आवश्यक व्यवस्था नहीं कर देती तब तक समस्या का समाधान नहीं होगा । इस अवसर पर उपस्थित विधि मंत्री श्री मोइली से उन्होंने अनुरोध किया कि दहेज और महिलाओं से बलात्कार संबंधी मामलों के मुकदमों को निबटाने वाली अदालतें होनी चाहिएं । मंत्रालय राज्य सरकारों से अनुरोध करता है कि महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा से बचाव के लिए और सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए जाएं । हिंसा पीड़ितों के लिए और आश्रय गृह बनाए जाएं । सरकार के प्रयासों का अपेक्षित लाभ तभी होगा जब कि समाज के सभी वर्गों के लोग आगे बढक़र घरेलू हिंसा की बुराई के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें ।
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