रविवार, 29 नवंबर 2009

मेरा फिल्म स्टार बनना ईश्वर की इच्छा थी - आशा पारिख

मेरा फिल्म स्टार बनना ईश्वर की इच्छा थी - आशा पारिख

       इपफी-गोवा मे आज एक बार फिर आशा पारिख ने जहां अपनी पुरानी यादों को ताजा किया वहीं एक औपचारिक संवाददाता सम्मेलन को बीते दिनों की तरह सामूहिक रूप से पुन: साथ रहने में तब्दील कर दिया । सुन्दरता से दीप्तिमान आशा ने आनन्दित होते हुए कहा कि मेरा फिल्म स्टार बनना शायद ईश्वर की इच्छा थी और मैंने उस नियति को पूरा किया । यह नम्रता तब प्रदर्शित हुई जब किसी ने एक अभिनेत्री के रूप में उनके मूल्यांकन के विषय में पूछा । उन्होंने कहा कि शायद वह कुछ अभिनय क्षमता के साथ पैदा हुई थीं और कुछ अपने काम से सीखा । उन्होंने कहा कि मेरी शुरूआती फिल्मों में मुझे एक ग्लैमर डॉल (चमकीली गुड़िया) के रूप में प्रस्तुत किया गया, किन्तु दो बदन में काम करने के पश्चात मुझे आलोचनात्मक तारीफ मिली जिससे मुझे बड़ी संतुष्टि प्राप्त हुई ।

       अपने जीवन के विषय में कोई अफसोस ने जताते हुए उन्होंने कहा कि वे आशा पारिख के रूप में पुन: जन्म लेना चाहेंगी, तथापि उन्होंने अपनी आत्मकथा की संभावना से इंकार किया । उन्होंने अपनी फिल्मों को श्रेष्ठ मानने से इंकार किया लेकिन पुनर्निर्माण के एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि दो बदन, मैं तुलसी तेरे आंगन की और मेरा गांव मेरा देश का पुनर्निर्माण किया जा सकता है । नये निर्देशकों में, उन्होंने कहा कि सूरज बड़जात्या, प्रियदर्शन और फरहान अख्तर आशा की नई किरण हैं ।

 

       सेंसर व्यवस्था के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में सेंसर बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यह बोर्ड से ज्यादा माता-पिता के लिए नियंत्रण का एक औजार है । उन्हें अपने बच्चों का मार्गदर्शन करना चाहिए और इसके लिए उन्हें ए श्रेणी की फिल्में देखने का बलिदान करना होगा ।

 

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