सोमवार, 16 नवंबर 2009

दीनबन्धु भये मंत्री -अफसर, नेता दीनानाथ कहाये

दीनबन्धु भये मंत्री -अफसर, नेता दीनानाथ कहाये

GOPAL DAS GARG

 

जनता बनी है सानी सबकी

दीनबन्धु भये मंत्री -अफसर, नेता दीनानाथ कहाये।

दीन हीन जनता ने पूजा, फिर भी उसके कष्ट बढ़ृाये ॥1

कुर्सी-धारक करते मनमर्जी, नहीं सुनते हैं किसी की अर्जी. ॥2

 मंत्री खाता, अफसर खाता, नेता खाता और खिलाता।

जनता बनी है  सानी सबकी, सत्ताकी खदान में खाता ॥ 3

धन लोलुपता की बाढ़ आ गई, मान वहे मनमानी में।

घर-द्वार सब चौपट हो गया, आपसी खींचातानी में ॥ 4

धन आधारित राजनीति में, नैतिकता का हरण हुआ।

देश समर्पित नेताओं का, राजनीति से क्षरण हुआ ॥ 5

शासन और प्रशासन में, धरणीधर का मान है।

आम प्रजाजन रोता फिरता,नहीं कोई पहचान है॥ 6

दलतंत्र भगाओं- जनतंत्र बचाओं अभियान में,

सबका कद समान है। ना ही कोई छोटा-बड़ा ना कोई पद पहचान है।

तरण करेगा इस पीड़ा से, ऐसा यह अभियान है ॥ 7

प्रस्तुती..गोपालदास गर्ग मुरैना

 

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