हिंसा से पीड़ित महिला की मदद के लिये परामर्श महत्वपूर्ण पहलू-कलेक्टर
उषा किरण योजना पर केन्द्रित कार्यशाला संपन्न
ग्वायिलर 7 जुलाई 08। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिये उचित परामर्श सबसे महत्वपूर्ण पहलू है । इसलिये कानूनी सहायता के लिये पुलिस के पास जाने से पूर्व पीड़ित महिला को अच्छा परामर्श दिलाने पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है । इससे महिला का आत्मविश्वास बढ़ेगा और जरूरत पड़ने पर वह अपने हक की कानूनी लड़ाई भी सजगता से लड़ सकेगी। उक्त आशय के विचार जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज '' उषा किरण योजना'' पर आयोजित हुई कार्यशाला में वक्त किये । ज्ञात हो प्रदेश सरकार ने घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण एवं सहायता के लिये हाल ही में यह महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है । महिला एवं बाल विकास विभाग को इस योजना का नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रदेश सरकार की यह योजना घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम 2005 से प्रेरित है ।
राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में संपन्न हुई कार्यशाला सह जिला स्तरीय महिला जागृति शिविर को संबोधित करते हुये जिला कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने कहा कि महिलाओं के संरक्षण व उनके पुनर्वास के लिये शुरू हुई इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार करें, जिससे महिलायें अपने अधिकारों के प्रति सजग हो सकें । उन्होंने कहा कि इस योजना में सरंक्षण अधिकारी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है । अत: वह पुलिस द्वारा संचालित परिवार परामर्श केन्द्र और अन्य संबंधित विभागों से सतत सम्पर्क रखे एवं उनसे समन्वय स्थापित कर महिलाओं की मदद करे । कलेक्टर ने कहा कि ऊषा किरण योजना में '' शेल्टर होम्स '' का प्रावधान भी है । उन्होंने इस योजना के तहत नारी निकेतन ग्वालियर में बनाये गये शेल्टर होम्स की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने और यहां आवश्यक अन्य अधोसंरचनात्मक कार्यों को विशेष कार्य योजना बनाकर मूर्तरूप देने की बात कही ।
कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने पीड़ित महिलाओं के आर्थिक पुनर्वास के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, उद्योग, कृषि व उद्यानिकी , सहकारिता तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं से मदद दिलाने के लिये विभागीय अधिकारियों से कहा । योजना के तहत संरक्षण अधिकारी के रूप में नियुक्त किये गये बाल विकास परियोजना अधिकारियों को जिला कलेक्टर ने निर्देश दिये कि वे ऊषा किरण योजना व घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के संबंध में विस्तार से जानकारी रखें ।
महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक सुश्री प्रेमा सेठी ने कहा कि पीड़ित महिला को सहायता देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि समझौते के रास्ते बंद न हो जायें । उन्होंने विभागीय अमले का आव्हान किया कि प्रदेश में घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम की नोडल ऐजेन्सी महिला एवं बाल विकास विभाग को बनाया गया है ।जो विभाग के लिये फक्र की बात है । उन्होंने बताया कि देश के अन्य राज्यों में पुलिस विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है । अत: विभागीय अमला मुस्तैदी व उत्साह के साथ काम करें और ऊषा किरण योजना की सार्थकता सिध्द करे ।
विभागीय जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री सीमा शर्मा ने पावर पाइंट प्रजेंटेशन के जरिये ऊषा किरन योजना व घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम 2005 पर विस्तार से प्रकाश डाला । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा अर्चना शिंगवेकर ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीड़ित महिलाओं को दी जाने वाली सहूलियतों की जानकारी दी । उप पंजीयक श्री वाजपेयी ने बताया कि संस्थाओं के पंजीयन में एक तिहाई महिला सदस्य होना अनिवार्य है । जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अरूण प्रधान व जिला अभियोजन अधिकारी श्री बी पी श्रीवास्तव ने महिलाओं को दी जाने वाली कानूनी सहायता के बारे में बताया । उप पुलिस अधीक्षक सुश्री सुमन गुर्जर ने परिवार परामर्श केन्द्र और ऊषा किरण योजना के संयोजन का सुझाव रखा । ऊषा किरण योजना के लिये नियुक्त सेवा प्रदाता संस्था के प्रतिनिधि ने भी विचार व्यक्त किये ।
कार्यक्रम का संचालन बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती इंदिरा साहनी ने व आभार प्रदर्शनी श्री आर एम तिवारी ने किया ।
प्रचार साहित्य का विमोचन
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यालय द्वारा 'ऊषा किरण योजना '' के प्रचार प्रसार के लिये तैयार कराये गये प्रचार साहित्य (पेम्पलेट) का विमोचन भी जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने किया । इस पेम्पलेट में '' ऊषा किरण योजना व घरेलू हिंसासे महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के बारे में उपयोगी जानकारी शामिल की गई है ।
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