रविवार, 13 जुलाई 2008

कमिश्नर डॉ.कोमलसिंह ने स्वास्थ्य सेवाओं का आकसिमक निरीक्षण किया

कमिश्नर डॉ.कोमलसिंह ने स्वास्थ्य सेवाओं का आकसिमक निरीक्षण किया

अव्यवस्थाओं पर मर्सी होम के प्रभारी चिकित्सक को नोटिस, जच्चा खाने में पर्याप्त महिला चिकित्सकों की व्यवस्था करने के निर्देश

ग्वालियर, 11 जुलाई 08/ ग्वालियर संभाग के कमिश्नर डा कोमलसिंह ने आज स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाओं का आकस्मिक निरीक्षण कर पाई गई अव्यवस्थाओं को दूर करने के निर्देश दिये । निरीक्षण अवसर पर  कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, नगर निगम आयुक्त श्री पवन शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा अर्चना शिंगवेकर, सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक पीडी श्रीवास्तव नगर निगम अपर आयुक्त  श्री राजेश बाथम सहित अन्य अधिकारी उपस्थि थे ।

       डा. कोमलसिंह ने सुबह 10 बजे मर्सी होम का आकस्मिक निरीक्षण किया । इस संस्थान में मंदबुध्दि के 35 मरीज पाये गये । इनमें 13 लड़किया एवं 22 पुरूष हैं । इन्ही में 7 बंधुआ मजदूर भी हैं जिन्हें से पृथक से रखने के निर्देश कमिश्नर ने दिये । मर्सी होम में अव्यवस्थायें पाये जाने पर तथा प्रभारी चिकित्सक डा आर पी शर्मा के विलंब से अपने कार्य पर उपस्थित होने तथा अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वाह नहीं करने पर उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये । मर्सी होम में दो गंभीर बीमार रोगियों से भी पूछताछ तथा उनके उपचार के लिये की गई व्यवस्थाओं के संबंध में केसडायरी का अवलोकन किया । कमिश्नर ने मर्सी होम में भर्ती महिलाओं से उनके सुख सुविधाओं के संबंध में पूछताछ की गई ।

       मर्सी होम में पाई गई अव्यवस्थाओं पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये कमिश्नर डा. कोमलसिंह ने सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक श्री पी डी श्रीवास्तव को निर्देश दिये कि वे प्रति 15 दिवस के बाद मर्सी होम की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करके प्रतिवेदन मुझे प्रस्तुत करेंगे । उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. शिंगवेकर से कहा कि वे प्रति सप्ताह यहां आकर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करके उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें, साथ ही हर 15 वे दिन मानसिक चिकित्सालय के विशेष चिकित्सकों की विजिट कराई जाये । मर्सी होम में बिजली नहीं होने पर कमिश्नर ने विद्युत मंडल के अधीक्षण यंत्री को मर्सी होम में निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने तथा लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री को टीनशेड को तत्काल दुरूस्त करने के निर्देश दिये। कमिश्नर ने हर वार्ड में साफ-सफाई तथा पलंगों पर साफ सुथरे चादर बिछाने के निर्देश दिये । कमिश्नर ने रसोई कक्ष और वहां पक रहे भोजन का भी अवलोकन किया ।

       कमिश्नर ने सिविल हॉस्पीटल मुरार का भी अवलोकन कर चिकित्सकों से मरीजों के लिये दी जारही सुविधाओं के सबंध में पूछताछ , हास्पीटल के वार्ड 4 में बेडशीट गंदी होने पर प्रभारी चिकित्सक श्री शर्मा से कहा कि गंदगी बिलकुल नहीं मिलना चाहिये । बेडशीट नियमित रूप से बदलती रहना चाहिये । मरीजों को भर्ती नहीं करने की शिकायत पर कमिश्नर ने कहा कि जब पर्याप्त स्टॉफ है तो मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार किया जावे । हास्पीटल में इलाज कराने आई श्रीमती सुनीता और रामाबाई से भी कमिश्नर ने पूछताछ कर चिकित्सा सुविधा की जानकारी ली ।

       कमिश्नर ने मातृ एवं शिशु चिकित्सालय मुरार का भी आकस्मिक निरीक्षण किया जहां मात्र एक महिला चिकत्सक डा. दीप्ति रत्नाकर उपस्थित पाई गई । चिकित्सालय में गर्भवर्ती महिलाओं की काफी भीड़ देखकर कमिश्नर ने अन्य चिकित्सकों के सबंध में पूछताछ की जिस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वासथ्य अधिकारी डा शिंगवेकर ने कहा कि यहां पाचं महिला चिकित्सकों का स्टॉफ है जिसमें से एक चिकित्सक निलंबित है । दूसरी छुट्टी पर दो महिला चिकित्सक शाम की डयूटी पर रहती हैं । इस पर कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने कहा कि पीक टाइम में पर्याप्त महिला चिकित्सक की व्यवस्था होना चाहिये । कमिश्नर ने कहा कि जो महिला चिकित्सक पूर्व कमिश्नर के द्वारा निलंबित है उसकी फाईल मुझे पुटप की जावे । अगर मामला गंभीर नहीं हो तो उसकी विभागीय जांच निर्मित करते हुये उसे बहाल किया जावे । चिकित्सालय में महिला मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुये कमिश्नर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये कि यहां पर्याप्त चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं होने तक वे स्वयं यहां बैठकर महिला मरीजों को देखे । कमिश्नर ने हजीरा , किलारोड, सिविल हॉस्पीटज का भी अवलोकन किया जहां डा. एस.एन.त्रिपाठी ने बताया कि 4 डिलेवरी और 4 एनएसव्ही नसबंदी आपरेशन हुये हैं इसके साथ ही 200 पुरूषों को एनएसव्ही  नसबंदी आपरेशन के लिये प्रेरित किया गया है । मौके पर ही कमिश्नर ने विकलांग पुनर्वास केन्द्र का भी निरीक्षण किया तथा फिजियो थेरैपी कक्ष को देख । यह केन्द्र रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा संचालित है।

मॉडल किचिन बनाई जायेगी

कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने मानसिक चिकित्सालय का निरीक्षण करते हुये यहां लगभग 32 लाख रूपये की लागत से प्रस्तावित मॉडल किचिन बनाने के निर्देश दिये । प्रस्तावित किचिन आगरा मानसिक चिकित्सालय में बनी मॉडल किचिन की तर्ज पर बनाई जायेगी । चिकित्सालय की अधीक्षिका डा ज्योति बिंदल ने बताया कि प्रस्तावित किचिन के लिये केन्द्र शासन से कुछ अनुदान राशि लेना शेष है ।

       कमिश्नर ने निरीक्षण के दौरान मेल-फीमेल वार्डों को देखकर उपलब्ध सुविधाओं का मुआयना किया । उन्होंने महिला शिकायत पेटी का ताला खुलवाकर देखा जिसमें एक भी शिकायत नहीं मिली । कमिश्नर ने मानसिक आरोग्य शाला का भी निरीक्षण कर सभागार में आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा की ।

 

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