नवीन पोषण आहार नीति को प्रभावी रूप से संचालित करें
परियोजना अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी
प्रशान्त सिंह तोमर ब्यूरो प्रमुख ग्वालियर
ग्वालियर 31 मई 2007
आंबनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से लागू की गई नवीन पोषण आहार नीति को जिले मे प्रभावी रूप से संचालित किया जाये, जिससे बच्चों, गर्भवती व धात्री माताओं और किशोरी बालिकाओं को समुचित पोषण आहार मिले और कुपोषण की समस्या से निजात पाई जा सके ।
यह निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास सुश्री सीमा शर्मा ने जिला मुख्यालय पर आयोजित बैठक में दिये । बैठक में जिले की सभी परियोजनाओं के अधिकारी उपस्थित थे । कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि नवीन पोषण आहार व्यवस्था के तहत 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को पंजीरी और 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों , गर्भवती धात्री माताओं और किशोरी बालिकाओं को रूचिकर पोषण आहार प्रदाय किया जाना है । इस नवीन व्यवस्था में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्व सहायता समूहों और मातृ सहयोगिनी समितियों से खाद्य सामग्री तैयार करने का निर्णय बैठक में लिया गया ।
परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि हाल ही में सम्पन्न हुए बाल संजीवनी अभियान के तहत हुए कुपोषित बच्चों की चिकित्सकीय व्यवस्था सुनिश्चित की जाये । गंभीर कुपोषित बच्चों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराने की हिदायत दी गई । कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक कुपोषित बच्चे के उपचार के साथ साथ उसकी नियमित मानिटरिंग में रखें । बच्चों के अभिभावकों को पोषण आहार संबंधी शिक्षा भी दें ।
बैठक में शासन की '' लाड़ली लक्ष्मी योजना '' की भी समीक्षा की गई । जिले की परियोजना डबरा में9, शहर में 7, शहर दो में 11, मुरार में 1 , गिर्द में 2 और भितरवार में 3 प्रकरण बनायें गये है । परियोजना स्तर पर इन सभी प्रकरणों का निरीक्षण करने के निर्देश दिय गये । कार्यक्रम अधिकारी सुश्री सीमा शर्मा ने उक्त योजना का सघन प्रचार- प्रसार करने एवं पात्र हितग्राहियों को चिन्हित कर उन्हें लाभान्वित कराने के निर्देश दिये । इस मौके पर बताया गया कि अति गरीब परिवार की महिलाओं को प्रसव पूर्व सहायता योजना के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में 70 हितग्राहियों को 35 हजार की राशि स्वीकृत की गई ।
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