सिमको पार्क अब होगा वीर दुर्गादास पार्क : मुख्यमंत्री ने की घोषणा, नाराज राठौर समाज हुआ खुश
ग्वालियर 21 जनवरी 09 । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक रोमांचक घटनाक्रम के दौरान सिमको पार्क का नाम वीर दुर्गादास राठौर के नाम पर रखे जाने की घोषणा की । साथ ही आंदोलित राठौर समाज को यह कह कर शांत किया कि जल्दी ही वीर दुर्गादास की प्रतिमा स्थापित की जायेगी । उल्लेखनीय है कि राठौर समाज अरसे से वीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा स्थापित करने के प्रयास में लगा है ।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान पुरानी छावनी में हुये विकास कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे । कुछ समय बाद उनका काफिला सिमको पार्क की ओर से गुजरा जहॉ पहले से ही राठौर समुदाय के लोग जमा थे । उन सभी की भाव भंगिमायें नाराजगी की थी । वहाँ सुरेन्द्र नाम का युवक वीर दुर्गादास की प्रतिमा स्थापना के लिये बनाये गये 11 फुट ऊँचे पेडस्टल पर चढ़ा हुआ था । भगवा वस्त्र पहने वह युवक चिल्ला रहा था मुख्यमंत्री जी मेरी भी सुनो, दुर्गादास की प्रतिमा लगवाओ । नहीं तो मैं आत्महत्या कर लूँगा ।
संवेदनशील मुख्यमंत्री चौहान ने तुरंत काफिला रूकवाया वे सीधे भीड़ को चीरते हुये 4-5 फुट ऊंचे पैडस्टल के पहले स्टेप पर चढ़ गये तथा पूरी बात समझ कर उन्होनें कहा कि सिमको पार्क का नाम अब वीर दुर्गादास राठौर पार्क होगा । उन्होंने राठौर समाज को आश्वस्त किया कि वीर दुर्गादास की प्रतिमा स्थापित करने के सार्थक प्रयास होंगें । मुख्यमंत्री की घोषणा सुनते ही भीड़ का गुस्सा शांत हो गया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे वर्तमान प्रस्तावित स्थल सिमको पार्क में न्यायालय के निर्देशों के मद्देनजर सभी जरूरी कवायद शुरू करें ताकि प्रतिमा स्थापित कराई जा सके । मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं का चमत्कारिक असर हुआ जो भीड़ नारे लगा रही थी अब वही भीड़ मुख्यमंत्री जी के जिन्दाबाद के नारे लगाने लगी और फूल मालाएँ पहनाने लगी । इधर जुनूनी सतीश जो आत्महत्या की बात कर रहा था मुख्यमंत्री जिन्दाबाद के नारे लगाने लगा ।
महान वीर और धर्मनिरपेक्ष इतिहास पुरूष थे वीर दुर्गादास
वीर दुर्गादास राठौर मध्ययुग के तत्कालीन मारवाड़ राज्य के शासक जसवंत सिंह के सरदार थे। बाद में वीर दुर्गादास ने मारवाड़ शासक अजीत सिंह के संरक्षक के रूप में भारतीय इतिहास में असाधारण अध्याय लिखे । वे मुगल शासन औरंगजेब के सफल प्रतिरोधक साबित हुये । तत्कालीन समय में औरंगजेब ने उन्हें अपना सबसे बड़ा शत्रु माना था । इन सबसे परे वीर दुर्गादास राठौर महान धर्मनिरपेक्ष इतिहास पुरूष के रूप में याद किये जाते हैं। इतिहासकारों के मुताबिक वीर दुर्गादास ने औरंगजेब की लाड़ली बेटी का भी लालन-पालन किया था । वह भी इस्मालिक रीति रिवाज से । उनकी धर्मनिरपेक्षता की यह मिसाल युगों तक याद की जाती रहेगी ।
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