ग्वालियर में चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होगा -चिकित्सा शिक्षामंत्री श्री मिश्रा
प्रदेश भाजपाध्यक्ष व लोक स्वास्थ्य मंत्री ने 15 करोड़ रूपये लागत के जिला चिकित्सालय भवन की आधारशिला रखी
ग्वालियर, 15 जनवरी 09/ लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं ऊर्जा मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने कहा कि प्रदेश का पहला चिकित्सा विश्वविद्यालय ग्वालियर में खोला जायेगा । प्रदेश सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और इसके लिये अगले वित्तीय वर्ष के बजट में प्रावधान किया जायेगा । उन्होंने कहा इस विश्व विद्यालय में चिकित्सा की ऐलोपैथिक पध्दति समेत आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी पध्दति की शिक्षा दी जायेगी और इस पर शोध भी होंगे । श्री मिश्रा आज यहाँ जिला चिकित्साल्य मुरार के 200 शैय्या वाले नवीन भवन के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे । करीबन 15 करोड़ रूपये की लागत से बनने जा रहे इस अस्पताल की आधारशिला पूर्व मंत्री एवं प्रदेश भाजपाध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में रखी गई । मुरार उपनगर वासियों समेत समीपवर्ती ग्रामीण अंचल के लोग लम्बे समय से व बड़ी शिद्दत के साथ इस जिला चिकित्सालय भवन की प्रतीक्षा कर रहे थे । दो सौ शैय्या वाले इस तीन मंजिला अस्पताल में चिकित्सा वार्ड, ओ.पी.डी. गहन चिकित्सा इकाई, आकस्मिक चिकित्सा यूनिट व चिकित्सको के कक्ष सहित चिकित्सा से संबंधित अन्य कक्षों का निर्माण किया जायेगा ।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मिश्रा ने इस मौके पर चिकित्सकों से कहा कि केवल अधोसंरचना विकसित करने और आधुनिक चिकित्सा उपकरण जुटाने भर से ही अस्पताल का निर्माण नहीं होता बल्कि इसके लिए चिकित्सकों के समर्पण की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने चिकित्सा के लिए आवश्यक अधोसंरचना एवं उपकरण का पर्याप्त प्रबंध किया है । अब चिकित्सकों की बारी है कि वे संवेदनशीलता के साथ लोगों का इलाज करें। श्री मिश्रा ने चिकित्सकों से कहा कि उनकी हर समस्या का समाधान सरकार करेगी । लेकिन उससे पहले उन्हें सेवाभाव के साथ आम मरीज का इलाज करना होगा । उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो चिकित्सक सेवाभाव के साथ और नियमित रूप से डयूटी नहीं करना चाहते वे स्वत: स्वैच्छिक सेवानिवृति ले लें । सरकार यह कदापि बर्दाश्त नहीं करेगी कि किसी चिकित्सक की लापरवाही से आम आदमी को स्वास्थ्य सेवायें नहीं मिल पायें।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा प्रदेश सरकार ने दवा नीति में आमूल चूल परिवर्तन किया है और दवाओं के लिए बजट की कोई कमी नहीं है । अत: डॉक्टर्स यह सुनिश्चित करें कि मरीज को सरकारी अस्पताल में दवाओं के साथ संतुष्टि भी मिले । स्वास्थ्य सेवाओं को जनोन्मुखी बनाने के लिए प्रदेश में उठाये गये कदमों पर प्रकाश डालते हुये उन्होंने कहा कि गाँव स्तर पर चिकित्सकों की अनिवार्य उपस्थिति के लिए सरकार जल्द ही महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है। जिसके तहत चिकित्सा स्नातक (एम.बी.बी.एस.) चिकित्सकों को अनिवार्य रूप से तीन वर्षो की सेवा प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में देनी होगी । इसी तरह चिकित्सा स्नात्तकोत्तर चिकित्सकों को ग्रामीण अंचल में दो वर्ष सेवायें देनी होगी । श्री मिश्रा ने कहा इसी कड़ी में सरकार ने नर्सो की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी निजी नर्सिंग कॉलेजों के लिए यह अनिवार्य शर्त लगाने जा रही है कि इन कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त करके निकली नर्सेज कम से कम दो वर्ष की सेवायें प्रदेश में दें । ज्ञातव्य हो प्रदेश सरकार अपने खर्चे पर भी नर्सों को तैयार कर रही है, जो प्रदेश में ही अपनी सेवायें देंगी ।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मिश्रा ने कहा कि जिला चिकित्सालय मुरार में दो सौ शैय्या वाले अस्पताल भवन का निर्माण एक साथ किया जायेगा । इसके लिए धन की कमी नहीं आने दी जायेगी । उन्होंने बताया कि भवन का काम शुरू करने के लिए एक करोड़ 62 लाख रूपये की राशि सरकार ने मुहैया करा दी है । श्री मिश्रा ने कहा कि जिला चिकित्सालय में गहन चिकित्सा इकाई के निर्माण सहित इसे आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित किया जायेगा । उन्होंने कहा कि इस जिला चिकित्सालय को पूर्णत: आधुनिक चिकित्सालय के रूप में तब्दील किया जायेगा । साथ ही आगे चलकर गंभीर केजुअल्टी वाले मरीजों को छोड़कर अन्य बीमारियों के रोगियों को बडे अस्पताल अर्थात जे ए हास्पीटल से पहले इस अस्पताल में भर्ती किया जायेगा और आवश्यक होने पर ही उन्हें जे ए हास्पीटल के लिये रेफर किया जायेगा।
पूर्व मंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार की सबसे अधिक जरूरत आम गरीब आदमी एवं मध्यम वर्ग को होती है । प्रदेश सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखकर अपनी नीतियां बनाई हैं । इस दिशा में सरकार द्वारा संचालित की जा रही दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना से गरीब तबके के मरीजों को बड़ा सम्बल मिला है । प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई चलित अस्पताल योजना की सराहना करते हुये श्री तोमर ने कहा कि सरकार की इस योजना से प्रदेश के अनुसूचित जनजाति बहुल 89 विकासखंडों के लोगों को अपने गांव में ही बेहतर चिकित्सा सुविधायें मिल रही हैं । उन्होंने मुरार जिला चिकित्सालय भवन के लिये बड़ी धनराशि मंजूर करने के लिये लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया और मुरार उप नगरवासियों को बधाई दी । पूर्व मंत्री ने कहा कि उपनगर ग्वालियर समेत समीपवर्ती भिंड जिले के ग्रामीण अचंल के लोग भी इससे लाभान्वित होंगे ।
शिलान्यास समारोह में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के अध्यक्ष श्री जयसिंह कुशवाह, नगर निगम के सभापति श्री बृजेन्द्र सिंह जादौन, ग्वालियर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री धीर सिंह तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री अभय चौधरी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें डा. एस के मीणा, सिविल सर्जन डा. कल्पना जैन तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे । आरंभ में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अर्चना शिंगवेकर ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। साथ ही नर्सिंग कालेज की छात्राओं ने भी अतिथियों के स्वागत में कर्णप्रिय गीत प्रस्तुत किया।
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