शुक्रवार, 16 जनवरी 2009

वन विभाग द्वारा आदिवासियों को स्वरोजगार का व्यवसायिक प्रशिक्षण सम्पन्न

वन विभाग द्वारा आदिवासियों को स्वरोजगार का व्यवसायिक प्रशिक्षण सम्पन्न

277 आदिवासियों की निजी भूमि पर 4735 पौधों का रोपण

ग्वालियर, 15 जनवरी 09/ गत दिवस जिला मुख्यालय पर वन विभा के तत्वावधान में सहरिया आदिवासियों की आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिये बाँस से बनी वस्तुओं का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया  राज्य शासन के सहरिया अभिवादन मद से प्राप्त राशि से 277 सहरिया आदिवासियों की निजी भूमि पर वन विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर 4735 पौधे लगाये गये । मध्यप्रदेश शासन के द्वारा आदिवासी समुदाय के लिये उत्थान हेतु चलाई जा रही आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत जिलाध्यक्ष,सहरिया विकास अभिकरण के द्वारा सहरिया समुदाय के लिये विकास हेतु वन विभाग को बजट प्राप्त हुआ था  इस योजना के अंतर्गत सहरिया समुदाय के लिये चयनित हितग्राहियों को सूपा, डलिया का प्रशिक्षण दिया जाना है तथा हितग्राहियों के यहॉ वक्षारोपण का कार्य कराया जाना है । इस तारतम्य में ग्राम उटीला, जारगा, गुरी्र का पुरा, हस्तनापुर, बनवार, घरसौंदी, बुद्व का पूरा हरसी के ग्राम में कुल 277 हितग्राहियों के यहॉ उनकी निजी भूमि पर 4735 पौधों का वृक्षारोपण किया जा चुका है । लगाये गये पौधों में मुख्य रूप से ग्राफ्रटेड आंवला, बांस, सागौन, जामुन एवं अन्य फलदार प्रजातियों के पौधे सहरिया आदिवासियों के यहॉ निजी भूमि पर लगाये गये है । इनमें 1050 बड़े पौधे लगाये गये है । द्वितीय चरण में प्रशिक्षण के अंतर्गत बनवार के आदिवासी का पुरा (गोकुलपुरा) के 31 सहरिया आदिवासियों के लिये गत दिवस को तपोवन स्थित मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान एवं विस्तार वृत कार्यालय ग्वालियर के सभागार में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

       बांस के बने सूपा, डलिया के अतिरिक्त करीब 15 अन्य प्रकार के बांस से निर्मित सामग्री का प्रशिक्षण वन हितग्राहियों को 2 सप्ताह तक दिया जायेगा । प्रशिक्षण के लिये कुल 60 हितग्राहियों का चयन किया गया हे । यद्वपि कुल 20 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया जाना था, किंतु सहरिया समुदाय के उत्थान एवं उनमें जागृति पैदा करने उद्देश्य से आवंटित लक्ष्य के विरूद्व तीन गुना तीन गुना हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया जाकर 300/: लक्ष्य प्राप्त किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सी.एच.मुरलीकृष्ण मुख्य वन संरक्षक, वन्य प्राणी सिंह परियोजना ग्वालियर विशेष अतिथि श्री के.रमन, वन संरक्षक, कार्य आयोजन ग्वालियर, श्री के.डी. त्रिपाठी, संभागीय उपायुक्त आदिवासी तथा अनुसूचित जनजाति विकास ग्वालियर के अलावा विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे ।

       प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप् से कार्यक्रम के सूत्रधार, पथ प्रदर्शक एवं मार्गदर्शक के रूप में डा.ए.के.बिसारिया, मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान एवं विस्तार वृत, ग्वालियर के मुख्य भूमिका रही । मुख्य अतिथि श्री सी.एच.मुरलीकृष्ण ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षण हेतु आये हितग्राहियों को बताया कि प्राचीन सभ्यता में आदिवासियों की अहम भूमिका रही है । उन्होंने श्योपुर में सहरिया आदिवासियों के संग्रहालय एवं उनकी प्राचीन परंपरा का विशेष रूप से उल्लेख किया, उन्होंने बस्तर एवं बालाघाट जिले में पाई जाने वाली जनजातियों एवं उनके विकास के लिये चलाई जा रही शासन की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया ।

       विशेष अतिथि श्री के.रमन ने अपने उदबोधन में प्रशिक्षण हेतु आये हितग्राहियों से उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, शैक्षणिक योग्यता एवं उनके बच्चों की शैक्षणिक योग्यता से संबंधित व्यवहारिक प्रशन पूछे, श्री के.रमन ने प्रशिक्षणार्थियों से प्रशिक्षण के उद्देश्य के बारे में भी जानकारी प्राप्त की ।

       विशेष अतिथि श्री के.डी.त्रिपाठी ने प्रशिक्षणार्थियों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा सहरिया आदिवासियों के उत्थान के लिये चालाई जा रही विभिन्न जनहित एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया ।

       डा.ए.के.विसारिया मुख्य वन संरक्षक ने अपने उद्बोधन में हितग्राहियों से आव्हान किया कि वे पूरू मनोयोग एवं निष्ठा से प्रशिक्षण का अधिकाधिक लाभ लेकर स्वावलंबी बनें ।  कार्यक्रम का संचालन श्री एन.एस.यादव उप वन संरक्षक, अनुसंधान एवं विस्तार वृत, ग्वालियर के द्वारा किया गया । श्री यादव ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण के लिये श्री दौलतराम वंशकार एवं श्रीमती सुशीला बाई वंशकार मास्टर ट्रेनर के रूप में गुना से प्रशिक्षण देने आये हुये है । कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन श्री एन.एस.यादव उप वन संरक्षक के द्वारा किया गया ।

 

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