डी.एफ.आई.डी. के कार्यों की धीमी गति पर महापौर ने नोडल ऑफीसर की खिंचाई की
ग्वालियर दिनांक 31.12.2008- नगर निगम कर्मचारियों की क्षमता वृध्दि के लिये प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना हर हाल में अप्रेल माह तक पूर्ण कर ली जावे तथा प्रत्येक उपनगरीय कार्यालय के साथ सिटीजन सर्विस सेंटर की स्थापना का कार्य भी जनवरी के अंतिम सप्ताह तक पूर्ण किया जावें उक्त आशय के निर्देश महापौर विवेक नारायण शेजवलकर तथा जनकार्य प्रभारी रविन्द्र सिंह राजपूत द्वारा विगत रात्रि मध्यप्रदेश गरीबोन्मुखी परियोजना की बैठक में योजना अंतर्गत चल रहे है, विकास कार्यो की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होने अभी तक सिटीजन सर्विस सेंटर प्रारंभ न हो पाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये उक्त कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होने डी.एफ.आई.डी. के प्रोजेक्ट के समय निर्मित होने वाली वाटर टेस्टिंग लेब तथा ओपनिक सीट कार्यवाही में तेजी लाने के लिये अधिकारियो को निर्देश दिये ।
महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा इस बात पर डी.एफ.आई.डी. के प्रोजेक्ट के लिये अभी तक मात्र 80 लाख रूपये खर्च किये जा चुके हैं जबकि पांच साल की परियोजना के लिये निगम को लगभग 80 करोड़ रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। उन्होने कहा कि मेयर-इन-काउसिल द्वारा पांच बस्तियों में अक्टूबर माह तक 11 करोड़ रू. के कार्य स्वीकार किये जा चुके है । महापौर ने जगनापुरा और हुरावली गंदी बस्ती में आगामी एक सप्ताह में कार्य प्रांरभ करने के निर्देश दिये है। प्रोजेक्ट उत्थान की जानकारी देते हुये एमपीयूएसपी के नोडल अधिकारी देवेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि डी.एफ.आई.डी के तहत निगम के चल अचल सम्पत्तियों की सूची तैयार करने का कार्य पूर्ण कर लिया है इस सूची में 6 हजार 161 सम्पत्तियां चिन्हित की गई, प्रथम चरण में 4425 निगम भूमिया दर्ज की गई है । पहली बार गोपाल मंदिर के गहने भी निगम की सम्पत्ति में शामिल किये गये है जिन्हे पिछली जनमाष्टमी पर महापौर विवेक नारायण्ा शेजवलकर की पहल पर निकलवाया गया था। निगम की सम्पत्तियों में वाहन भूमि भवनों के साथ-साथ चिडियाघर गौशाला और खिड़क के पशु पक्षियों को भी शामिल किया गया। इन सम्पत्तियों का आर्थिक परीक्षण कराया जा रहा है । लगभग 100 करोड़ की सम्पत्तियां निगम की सम्पत्तियों में दर्ज की गई है। वर्तमान में 5 गंदी बस्तीयों में से 4 बस्तियों हुरावली, रानीपुरा, हाथी खाना एवं गढी ऊपर में नवीन उत्थान सदन का निर्माण कार्य किया गया है एवं जगनापुरा एवं गंदी बस्ती क्षेत्र जहां पूर्व से ही कम्युनिटी हॉल निर्मित है वहा उसका जीर्णोद्वार किया जाना प्रस्तावित है । उक्त कार्य पर अनुमानित राशि रूपये 32 लाख व्यय होना संभावित है। कार्य हेतु निविदा जारी की जा रही है।
श्री देवेन्द्र चौहान ने महापौर महोदय को बताया कि जारी की गई द्वितीय वर्ष एक्शन प्लान अंतर्गत चयनित 08 गंदी बस्ती क्षेत्र में से 05 क्षेत्रों (ग्राम बरा, इन्दरा कॉलोनी, कच्ची सराय, हरीजन बस्ती एवं खजांयी बाबा में कार्य प्रगति पर है । उक्त 05 गंदी बस्ती क्षेत्र में से 02 क्षेत्र ग्राम बरा एवं इन्दरा कॉलोनी में टोपोग्राफिकल मेंपिंग का कार्य प्रगति पर है। समस्त गंदी बस्ती क्षेत्रों में टोपोग्राफिकल मेंपिंग का कार्य पूर्ण होने के उपरांत एस्टीमेंट तैयार कर निविदा बुलाई जावेगी । इन सभी क्षेत्रों में डिजाइन एवं एस्टीमेट तैयार करने हेतु कंसलटेंट की सेवा लेने बावत् आर.एफ.पी. जारी की गई है।
श्री देवेन्द्र चौहान द्वारा महापौर महोदय को बताया गया है कि जगनापुरा वार्ड क्र. 69.93 लाख का कार्य प्रारंभ हो चुका है यह कार्य जुलाई 2009 में पूर्ण होगा । गंदी बस्ती हुरावली वार्ड क्र. 29 में 243 पर लाख की राशि से सडक नाला सीवर तथा पेयजल व्यवस्था के कार्य हाल ही में एम आई सी द्वारा स्वीकृति किये गये है । इन कार्यो को अक्टूबर 2009 तक पूर्ण कर लिया जावेगा । गंदी बस्ती क्षेत्र हाथी खाना वार्ड क्र. 53 सड़क, नाला, सीवर तथा पेयजल व्यवस्था पर 267.13 लाख रूपये की कार्यो की निविदा प्राप्त हो चुकी है तथा गंदी बस्ती क्षेत्र गढी ऊपर वार्ड क्र.54 रानीपुरा वार्ड क्र.37 तथा जगनापुरा वार्ड क्र. 6 में कुल 11 करोड 67 लाख के कार्यो की निविदायें आमंत्रित की जा चुकी है। यह सभी कार्य अक्टूबर 2009 तक पूर्ण हो जाना सम्भावित है। उन्होंने बताया कि मल्टीपरपस हाऊस होल्ड सर्वे के कार्य हेतु एम.आई.सी. द्वारा स्वीकृति दे दी गई है, रू. 186 लाख के उक्त कार्य सितम्बर 2009 तक पूर्ण हो जाना संभावित है। 80 लाख रू. की लागत से तैयार किये जा रहे सिटी डवलपमेंट कार्य हेतु निविदायें आंमत्रित की गई। जनवरी के प्रथम सप्ताह में निविदायें प्राप्त होना हैं।
महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा एमपीयूएसपी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि नव वर्ष में जनवरी माह में चारों उपनगरीय कार्यालयों पर सिटीजन सर्विस सेन्टर प्रांरभ किये जाकर इन सेवाकेन्द्रों पर कम्प्यूटर स्थापित कर करसंग्रहण, जन्ममृत्यु पंजीयन, शिकायतों का निराकरण भवन अनुज्ञा जैसी कार्यवाहियां उपनगरीय कार्यालयों से प्रांरभ की जावे।
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