गुरुवार, 2 अप्रैल 2009

किसी विशेष दुकान से किताबें खरदीने की बाध्यता नहीं : जिला दंडाधिकारी द्वारा शहर में कम से कम आठ दुकाने निर्धारित करने के आदेश जारी

किसी विशेष दुकान से किताबें खरदीने की बाध्यता नहीं : जिला दंडाधिकारी द्वारा शहर में कम से कम आठ दुकाने निर्धारित करने के आदेश जारी

ग्वालियर 1 अप्रैल 09 । स्कूली बच्चों एवं उनके अभिभावकों को अब किसी विशिष्ट दुकान अथवा बुक डिपो से  किताबे, कॉपियां व यूनीफार्म आदि खरीदने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकेगा । उक्त सामग्री की सहज उपलब्धता के मकसद से कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत एक आदेश जारी कर सभी स्कूल संचालकों को शहर के विभिन्न भागों में कम से कम आठ दुकानों पर प्रस्तावित पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं । इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड सहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दंडनीय होगा ।

       जिला दंडाधिकारी ने आदेश में उल्लेख किया है कि संबंधित शिक्षण संस्था समस्त कक्षाओं की उक्त सामग्री उपलब्ध कराने के लिये चिन्हित की गई आठ दुकानों की सूची स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित कराकर उसकी एक सूची जिला कलेक्टर कार्यालय में अवश्य भेजें । उन्होंने निर्देश दिये हैं कि शिक्षण संस्था किसी विशिष्ट दुकान को स्कूली किताबें, कॉपियां, स्टेशनरी व यूनीफार्म विक्रय हेतु उपलब्ध न करावें । साथ ही प्रकाशकों को इस बात के लिये बाध्य करें, कि वे अभिभावकों की सहूलियत को ध्यान में रख कर यह सुनिश्चित करें कि कम से कम शहर की आठ दुकानों पर उनके द्वारा प्रस्तावित पुस्तकें उपलब्ध रहें । जिला दंडाधिकरी ने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि एनसीआरटी द्वारा निर्धारित पाठयक्रम से भिन्न कोई पुस्तक विद्यालय में पठन पाठन हेतु उपयोग में लाई जाती है तो इस बारे में औचित्य बताते हुये जिला शिक्षा अधिकारी को अवश्य सूचित करें ।

      उल्लेखनीय है कि अभिभावकों एवं अधीनस्थ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट्स आदि से जिला कलेक्टर को इस आशय की सूचना मिली थी कि स्कूल संचालकों द्वारा बच्चों एवं उनके अभिभवकों को स्कूली किताबें, कापियां व यूनीफार्म आदि की खरीदी किसी विशिष्ट दुकान से करने के लिये बाध्य किया जाता है । इससे उक्त दुकान विशेष पर अभिभावकों व बच्चों की भीड़ एकत्रित हो जती है । गर्मी के मौसम में भीड़भाड़ बढ़ जाने से मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव तो पड़ता ही है । साथ ही लोक प्रशांति विक्षुब्ध होने की आशंका भी निर्मित हो जाती है। ऐसी स्थिति में असामाजिक तत्व भी लाभ उठाने से नहीं चूकते हैं । उक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखकर ही जिला दंडाधिकारी श्री आकाश त्रिपाठी ने कम से कम आठ दुकानों से पाठय सामग्री उपलब्ध कराने के लिये धारा 144 के तहत यह आदेश जारी किया है ।

 

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