माताओं को स्तनपान का महत्व समझाया गया, माँ का दूध अमृत के समान
ग्वालियर 03 अगस्त 09। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अखिल भारतीय दिगम्बर जैन महिला परिषद ग्वालियर एवं जैन नयाबाजार शाखा के सहयोग से जिला स्तरीय स्तनपान सप्ताह का आयोजन स्थानीय महावीर धर्मशाला में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती समीरा अफजल थी। संभागीय संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास श्री सुरेश तोमर तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती सीमा शर्मा उपस्थित थीं।
संयुक्त संचालक श्री तोमर द्वारा बताया गया कि गर्भवती और धात्री माताओं में यदि स्तनपान संबंधी जागरूकता लाई जाये तो कुपोषण को आधा किया जा सकता है तथा कुपोषण में कमी लाने के लिये समाज का सभी वर्ग अपने-2 स्तर पर कार्य करें। लोगों में व्यवहार परिवर्तन के लिये कार्य करने की आवश्यकता है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के पिछड़े क्षेत्रों में कार्य करने की आवश्यकता है। गोद भराई दिवस जैसे आयोजनों पर इन विषयों पर नियमित जानकारी दी जाये तथा जन्म से 1 घण्टे के अंदर बच्चे को पहला दूध पिलाने की आवश्यकता है।
श्रीमती सीमा शर्मा द्वारा जहां एक ओर महिलाओं के लिये स्तनपान के महत्व तथा स्तनपान की भ्रांतियों को दूर करने के बारे में भी बताया गया। माँ के दूध में उपलब्ध तत्वों बच्चे के सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। बच्चे को 6 माह तक केवल स्तनपान से बच्चे को बीमारियों से भी बचाया जा सकता है। सभी मातायें अपने बच्चे को जन्म के 1 घण्टे के अंदर केलोस्ट्रॉम दिये जाने हेतु उपस्थित समुदाय से सहयोग की अपील की गई।
कार्यक्रम में डॉ. मोनिका जैन द्वारा भी स्तनपान के लाभों के बारे मे अवगत कराया गया तथा उपस्थित महिलाओं के प्रश्नों का शंका समाधान भी किया गया। डॉ. गरिमा दीवान द्वारा बताया गया कि टी बी. एवं एच. आई. व्ही. से पीड़ित महिलाओं को छोड़कर सभी महिलायें बच्चों को स्तनपान करायें। स्तानपान क सही तरीके पर जोर दिया गया। गलत तरीके से स्तनपान कराने पर बच्चों द्वारा स्तनपान अस्वीकार कर दिया जाता है जो कि उनके स्वास्थ्य के लिये ठीक नहीं होता। कामकाजी महिलायें, जो कि काम पर जाती हैं, वे अपना दूध निकालकर रख सकती हैं, जिसे सुरक्षित रूप से बच्चों को पिलाया जा सकता है।
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