गुरुवार, 13 अगस्त 2009

जो उखाड़ सको सो उखाड़ लो, नहीं मिलेगी बिजली- मुरैना कलेक्‍टर एम.के अग्रवाल

जो उखाड़ सको सो उखाड़ लो, नहीं मिलेगी बिजली- मुरैना कलेक्‍टर एम.के अग्रवाल

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

मुरैना शहर संभागीय मुख्‍यालय है इसके कई मोहल्‍लों में पिछले 4-5 दिन से 24 घण्‍टों बिजली नहीं थी जिससे ग्‍वालियर टाइम्‍स जैसी वेबसाइट पहली बार इतिहास में पिछले 4 दिन से अपडैट नहीं हुयी, इस सम्‍बन्‍ध में एक पत्रकार के नाते हमने मुरैना कलेक्‍टर एम.के.अग्रवाल से कल फोन पर बात की, हमने कहा सर बराबर बिल भरते आ रहे हैं (पिछले 26 साल से) लेकिन हमारी बिजली बहुत परेशान कर रही है हमें बिजली नहीं मिल रही है, कलैक्‍टर एम.के. अग्रवाल का जवाब सुन कर हम भौंचक्‍क रह गये कलेक्‍टर ने कहा कि '' कह दिया न कि नहीं है बिजली, जो उखाड़ा पड़े सो उखाड़ लो, नहीं मिलेगी बिजली'' क्‍या एक कलेक्‍टर का ऐसा जवाब लोकतंत्र में एक लोकसेवक (जनता का सेवक) का सही जवाब था , हम आपकी राय जानना चाहते हैं , यदि आपको यह गलत व अप्रत्‍याशित एवं भद्दा महसूस होता है तो इसकी विश्‍वव्‍यापी निन्‍दा चाहते हैं , हालांकि इसकी शिकायत प्रधानमंत्री के प्रशासनिक सुधार कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्रालय तथा महामहिम राष्‍ट्रपति को ऑनलाइन की जा रही है और क्‍या अब भी कुछ सज्‍जन मुरैना के इस कलेक्‍टर को हमारी बेस्‍ट कलेक्‍टर्स और सुशासन की फिल्‍म में शामिल किये जाने हेतु प्रस्‍तावित करना पसन्‍द करेंगे ।

कहने को तो प्रति मंगलवार म.प्र. शासन की ओर से जन सुनवाई नामक नौटंकी म.प्र. सरकार करती है और जिसमें जनता की फरियाद सुनी जाती है और मौके पर ही समस्‍याओं का निराकरण किया जाता है लेकिन कलेक्‍टर के उपरोक्‍त जवाब से आपको मुरैना की जनसुनवाई की बानगी मिल गई होगी कि मुरैना का कलेक्‍टर कैसी जनसुनवाई करता होगा और जनता से क्‍या व्‍यवहार करता होगा । यह एक भुक्‍तभोगी दास्‍तान है और कल की ही घटना है । हालांकि बिजली विभाग के एस.ई; से हुयी वार्तालापों के कई फोन और कलेक्‍टर के फोन हमने रिकार्ड किये है । कोर सेण्‍टर सहित अन्‍य उच्‍च स्‍तरीय जॉचों में हम इन्‍हें सबूत के तौर पर प्रस्‍तुत करेंगें । लेकिन आपको कलेक्‍टर एम.के.अग्रवाल की गुण्‍डागर्दी के व्‍यवहार की वजह भी बता दें , पिछले दो महीने पहिले सहारा समय टी.वी. न्‍यूज चैनल के एक पत्रकार विजय तिवारी को कलेक्‍टर एम.के.अग्रवाल ने अपने कार्यालय में बन्‍द करके मारा पीटा था , विजय तिवारी के पास कलेक्‍टर एम.के. अग्रवाल सहित उसके कई मातहतों की वीडीयो स्ट्रिग्‍स थीं जिसमें कलेक्‍टर न केवल रिश्‍वत लेते बल्कि भ्रष्‍टाचार के रिकार्ड तोड़ कारनामे करते स्टिंग आपरेशन के जरिये फिल्‍मा लिया गया था । विजय तिवारी की मारपीट करने के साथ उसका कैमरा एवं पेन ड्राइव कलेक्‍टर एम.के.अग्रवाल ने अपने स्‍टाफ से छुड़वा ली थीं , जिसकी एफ.आई.आर मुरैना पुलिस नहीं लिख रही थी , सो रात को करीब 30-40 पत्रकार इक्‍ठ्ठा होकर मेरे पास आये और मैंने इण्‍ठरनेट के जरिये डी.जी.पी; म.प्र. को मुरैना कलेक्‍टर के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज कर दी यह एफ.आई.आर अभी तक दर्ज है जिसके सबूत हमारे पास हैं । बाद में अरूण तोमर (अध्‍यक्ष म.प्र. राज्‍य सहकारी संघ) के जरिये विजय तिवारी को काफी डराया धमकाया गया और राजीनामा कराने के लिये दवाब डलवाया गया । बाद में क्‍या हुआ पता नहीं लेकिन मुकदमें लड़ना और पैरवी करना, इण्‍टरनेट के जरिये एडवोकेसी करना , मुकदमे कायम कराना, एफ.आई.आर दर्ज कराना मेंरा पेशा है, मै एक एडवोकेट हूँ मेरी प्रोफशनल बाध्‍यता है कि मैं पीडि़त की बात सुनूं और उचित मंच पर पहुँचा कर उसे न्‍याय दिलाऊं अब इसमें मुल्जिम भले ही कोई भी क्‍यों न हो ।

मुरैना कलेक्‍टर एम.के अग्रवाल तभी से मुझसे दुश्‍मनी माने बैठे है और परेशान करने का, अपने पद का दुरूपयोग करने का कोई छोटा से छोटा मौका नहीं छोड़ रहे । वैसे मै कलेक्‍टर साहब को याद दिला दूं कि उनके विरूद्ध इतने साक्ष्‍य हैं कि एक बार भीतर चले गये तो निकल कर बाहर आना मुश्किल है , उच्‍च स्‍तरीय जॉच में हम सारे सबूत पेश भी करेंगे । चलिये श्रीमान अब लड़ ही लेते हैं और ढंग से लड़ लेते हैं 1 अब या तो हम नहीं या आप नहीं । चम्‍बल में एक ही शेर रहेगा आप या फिर हम । ''हम अमन चाहते हैं जुल्‍म के खिलाफ, फैसला अगर जंग से होगा तो जंग ही सही '' तैयार हो जायें श्रीमान जितना पद का दुरूपयोग कर सकते हो कर डालो, और अब हमारे वार भी झेलो । हम क्‍या उखाड़ पायेंगे ये वक्‍त बतायेगा श्रीमान । फिलहाल आपको इण्‍टरनेशनल हस्‍ती बनाये देते हैं , छोटे मोटे से लड़ने में मजा भी नहीं आता ।       

 

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