उन्नति के लिये भाषाई ज्ञान जरूरी - डॉ. शशि प्रभा, पुस्तकों का आना , ज्ञान का आना है- श्री अरोरा, राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारंभ
ग्वालियर 07 अगस्त 09। जीवन में उन्नति के अवसर पाने के लिये भाषाई ज्ञान होना आवश्यक है। किसी एक भाषा के सहारे उन्नति का शिखर हासिल करना काफी मुश्किल होता है। यह बात जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. शशिप्रभा ने मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय पुस्तक मेला के शुभारंभ अवसर पर कही। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में संयुक्त संचालक जनसंपर्क श्री सुभाष चन्द्र अरोरा उपस्थित थे।
डॉ. शशि प्रभा ने कहा कि भाषा का ज्ञान बहुत महत्पपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारे देश की मातृ भाषा है मगर इसका मतलब यह नहीं कि हम अंग्रेजी से परहेज करें। कुलपति ने कहा कि विदेशों से संपर्क हासिल करने के लिये हमें अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना भी आवश्यक है। उन्होंने भाषा ज्ञान के महत्व को प्रतिपादित करते हुए अच्छी पुस्तके पढ़ने की वकालत की। डॉ. शशि प्रभा ने शिक्षा से जुड़े अपने अनुभव भी सुनाये साथ ही युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे लाइब्रेरी के प्रति भी अपनी रूचि बढ़ायें। लाइबेरी भी ज्ञानार्जन के लिये बहुत अच्छा माध्यम है। कुलपति ने मेला आयोजित करने के लिये आयोजकों को साधुवाद दिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संयुक्त संचालक जनसंपर्क श्री सुभाष चन्द्र अरोरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मेले में पुस्तकों का संसार है। बहुत साहित्य सामग्री है और पुस्तकों का आना ज्ञान का आना है। उन्होंने कहा कि मेले में हर तरह की पुस्तकें है। सचमुच बहुत विविधता है। उन्होंने कहा कि एक स्थान पर इतने प्रकाशकों की पुस्तकें लाकर पुस्तक मेला समिति ने बड़ा सराहनीय कार्य किया है। हमें इसका लाभ उठाना चाहिये। वैसे भी ग्वालियर के लोग ज्ञान के पिपासु और जिज्ञासु है।
इससे पूर्व अतिथिद्वय ने फीता काटकर एवं दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय पुस्तक मेले का विधिवत उद्धाटन किया। अतिथि स्वागत के बाद स्वागत भाषण और आयोजन समिति के बारे में जानकारी पुस्तक मेला समिति के सचिव श्री चन्द्रभूषण ने दी। इस मौके पर श्री चन्द्रभूषण ने अतिथियों को पुस्तक भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार यादवेन्द्र कटारे और आभार प्रदर्शन श्री शिवनाथ बिहारी ने किया। यह मेला 16 अगस्त तक चलेगा।
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