राजस्व मण्डल के प्रशासकीय सदस्य श्री बर्धन द्वारा पेपर नेपकीन का
दुरूपयोग रोकने की सलाह
ग्वालियर 2 फरवरी 10। म प्र. राजस्व मण्डल ग्वालियर के प्रशासकीय सदस्य श्री एस सी. बर्धन ने शासकीय एवं निजी समारोह में पेपर नेपकीन के दुरूपयोग को रोकने की सलाह दी है। इससे शासन तथा सभी को आर्थिक लाभ के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी।
श्री बर्धन ने प्रदेश के सभी संभागायुक्त एवं कलेक्टरों को पत्र के माध्यम से सुझाव दिया है कि इस पध्दति से सभी को आर्थिक बचत होगी तथा प्रदूषण के दुष्परिणामों से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने लिखा है कि इन उपायों के अलावा किसी के ध्यान में यदि अन्य उपाय हों तो उन्हें भी शामिल किया जा सकता है। उन्होंने की गई कार्रवाई से 10 फरवरी तक ई-मेल, फैक्स अथवा अर्ध्द शासकीय पत्र द्वारा सूचित करने के लिये सभी कलेक्टर एवं संभागायुक्तों से कहा है। साथ ही इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने की सलाह दी है, ताकि इसका लाभ सभी को मिल सके।
श्री बर्धन ने राजस्व मण्डल सर्किट कोर्ट के दौरान हुए अनुभव का उल्लेख करते हुए लिखा है कि शासन के विभिन्न विभागों, निगमों, मण्डलों, अशासकीय संस्थाओं तथा निजी संस्थाओं एवं व्यक्तियों आदि द्वारा समय समय पर विभिन्न समारोह, विवाह आदि का आयोजन किया जाता है। विशेषत: लंच, डिनर के समय बहुत मात्रा में खाने का प्रबंध किया जाता है। लंच, डिनर के पहले विभिन्न प्रकार के स्नेक्स का भी प्रावधान रहता है। यह देखा गया है कि इस प्रकार के समारोह में जहां अधिक संख्या में अतिथि उपस्थित रहते हैं, वहां स्नेक्स, कचोरी, समोसे, टिक्का आदि पेपर नेपकीन, कागज की प्लेट में परोसा जाता है। इस प्रकार के स्नेक्स परोसे जाने पर सभी अतिथियों द्वारा कम से कम 10-15 बार विभिन्न स्नेक्स खाने के लिये नये नये पेपर नेपकीन तथा टूथपीक का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार प्रति अतिथि 10-15 पेपर नेपकीन तथा टूथपीक का उपयोग होता है। स्नेक्स खाने के बाद उस पेपर नेपकीन को डस्टबीन में फेंक दिया जाता है।
उन्होंने कहा है कि लंच, डिनर में हजारों पेपर नेपकीन तथा टूथपीक डस्टबीन में फेंक दिये जाते हैं। जैसा कि सभी को पता है कि पेपर नेपकीन या कागज से बनी कोई भी बस्तु बनाने के लिये हमें हरे भरे पेड़ों को काटना पड़ता है। इस प्रकार एक समय के लंच, डिनर में जो पेपर नेपकीन उपयोग किये जाते हैं, उनके लिये हजारों हरे भरे पेड़ों की बलि देनी पड़ती है। हाल ही में, वे स्वयं (श्री बर्धन) एक शासकीय आयोजन में निमंत्रित हुए थे। डिनर के समय पेपर नेपकीन में स्नेक्स का वितरण किया जा रहा था, तभी उनके मन में यह धारणा आई कि क्यों न 10-15 बार पेपर, नेपकीन, कागज की प्लेट का उपयोग करने के बदले एक चिनी, प्लास्टिक प्लेट में स्नेक्स खाने के बाद उसी प्लेट में मुख्य भोजन भी खाया जावे।
इस प्रकार की पध्दति से हम प्रति अतिथि बिना किसी खर्च के हजारों हरे भरे पेडों को काटने से बचा सकते हैं। श्री बर्धन ने उक्त शासकीय समारोह में लंच, डिनर में 10-15 पेपर नेपकीन के बजाय एक ठोस प्लेट का उपयोग करके पर्यावरण को भी बचाया तथा आर्थिक बचत भी की है। इस प्रकार ठोस प्लेट का उपयोग करके प्रति अतिथि 10-15 पेपर नेपकीन तथा टूथपीक का उपयोग न होने से प्रति अतिथि 20-25 रूपये की आर्थिक बचत के साथ साथ पर्यावरण की बचत भी होती है तथा विश्व का ग्लोबल वार्र्मिंग एवं प्रदूषण कम होता है। इस प्रकार यदि किसी शासकीय समारोह में 200 अतिथि शामिल होंगे तो लगभग 5 हजार रूपये बचेंगे। इससे किसी को नुकसान नहीं होगा, बल्कि लाभ होगा।
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