परिवार कल्याण कार्यक्रम की धीमी प्रगति पर वेतन वृध्दियाँ रोकें
समीक्षा बैठक में कलेक्टर के निर्देश
ग्वालियर 28 अप्रैल 10। जिन चिकित्साधिकारियों व मैदानी कर्मचारियों द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रमों की लक्ष्य पूर्ति में रूचि नहीं ली जा रही है, उनकी वेतन वृध्दियां रोकें। साथ ही नगरीय क्षेत्र में लम्बे समय से पदस्थ ऐसे चिकित्सकों जो स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रति उदासीन हैं, उनके स्थानांतरण के प्रस्ताव भी तैयार करें। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला चिकित्सालय मुरार की सिविल सर्जन को दिये। श्री त्रिपाठी ने राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम की लक्ष्य पूर्ति में धीमी प्रगति पर खासी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट किया आगे से वार्षिक लक्ष्य पूर्ति की समीक्षा मासिक प्रगति के आधार पर की जायेगी और जिन संस्थाओं की प्रगति कम होगी वहां के चिकित्साधिकारी समेत अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
यहाँ राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में आयोजित हुई बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर व जिला चिकित्सालय मुरार की सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. निधि व्यास सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के जिला स्तरीय अधिकारी, जिले के समस्त खण्ड चिकित्साधिकारी तथा सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने बैठक में एक बार पुन: दोहराया कि सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिये आने वाली महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना की प्रोत्साहन राशि का तत्समय ही भुगतान सुनिश्चित करें। ऐसी स्थिति कदापि निर्मित न हो कि यह राशि लेने के लिये महिला के परिजनों को अस्पताल के चक्कर काटने पड़ें। उन्होंने साफ किया कि ऐसी स्थिति पाई जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। श्री त्रिपाठी ने शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिये विशेष प्रयास करने पर भी जोर दिया।
परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण दिवस 11 मई के उपलक्ष्य में जिले भर की विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेष नसबंदी शिविर लगाये जायें। उन्होंने कहा कि इन शिविरों का अभी से प्रचार-प्रसार करें, ताकि शिविरों में अधिकाधिक ऑपरेशन हो सकें। श्री त्रिपाठी ने टीकाकरण कार्यक्रम, मलेरिया नियंत्रण, अंधत्व निवारण आदि कार्यक्रमों की बैठक में संस्थावार समीक्षा की। जिले में संचालित पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों से अधिकाधिक कुपोषित बच्चों को लाभान्वित कराने पर भी उन्होंने विशेष बल दिया। श्री त्रिपाठी ने कहा कि पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों को कारगर बनाने के लिये स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला आपसी समन्वय बनाये रखकर काम करे।
प्रोत्साहन राशि के साथ जन्म प्रमाण पत्र भी दें
समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने यह भी निर्देश दिये कि शासकीय अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र भी तत्समय बनाये जायें। अस्पताल से छुट्टी करते समय प्रसूता महिला को जननी सुरक्षा योजना की प्रोत्साहन राशि के साथ उसके बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र भी दे दें। कलेक्टर ने कहा कि यह जन्म प्रमाण पत्र महिला व उसके परिजनों की माँग न होने पर भी बनाये जायें, जिससे उन्हें आगे चलकर इस प्रमाण पत्र के लिये शासकीय दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।