किसानों को धान की मेडागास्कर पध्दति अपनाने के लिये प्रोत्साहित करें- कलेक्टर
रबी मौसम व प्रस्तावित खरीफ कार्यक्रम की समीक्षा बैठक सम्पन्न
ग्वालियर 24 अप्रैल 10। जिले के किसानों को धान की मेडागास्कर पध्दति अपनाने के लिये प्रोत्साहित करें, जिससे वे कम रकबे से कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकें। इस वर्ष के रबी कार्यक्रम एवं खरीफ मौसम 2010 के लिये प्रस्तावित कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान यह निर्देश कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के उप संचालक को दिये। उन्होंने आगामी खरीफ मौसम में धान का रकबा बढ़ाये जाने के निर्देश भी दिये। उल्लेखनीय है कि मेडागास्कर पध्दति से धान उगाने से धान के उत्पादन में सामान्य पध्दति से लगाये गये धान की तुलना में बहुत अधिक (चार से पाँच गुना तक) बढ़ोत्तरी देखी गई है। पिछले वर्ष विभागीय प्रोत्साहन से जिले की डबरा व भितरवार तहसील के अन्तर्गत कुछ किसानों के खेतों पर किया गया धान की मेडागास्कर पध्दति का प्रयोग सफल रहा है।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री आर के. मिश्रा, उप संचालक मंडी श्री विजय अग्रवाल, जिला पंजीयक सहकारिता श्री आर के. बाजपेयी, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक श्री आलोक जैन, उप संचालक कृषि श्री दीक्षित, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ. डी एस. कौल, प्रभारी उप संचालक उद्यानिकी श्री एम एस. तोमर सहित विपणन संघ, तिलहल संघ, व दुग्ध संघ तथा मत्स्य व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने उप संचालक कृषि को जैविक खाद व जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष प्रयास करने की हिदायत दी। उन्होंने उत्पादकता बढ़ाने के लिये फसलों के उन्नत किस्म के बीज अपनाये जाने पर भी विशेष जोर दिया। श्री त्रिपाठी ने कहा कि विभागीय कृषि फॉर्मों के माध्यम से अधिक उत्पादन देने वाले प्रमाणिक बीज विकसित करें। साथ ही बीज उत्पादन के लिये समितियाँ भी बनाई जायें। आगामी खरीफ मौसम के लिये कृषि आदानों (खाद-बीज) की पर्याप्त उपलब्घता सुनिश्चित करने के लिये कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को बैठक में स्पष्ट दिशा निर्देश दिये।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने पशु चिकित्सा, दुग्ध संघ, विपणन संध, तिलहन संघ, मत्स्य व सहकारिता विभाग आदि विभागों की उपलब्धियों तथा इन विभागों द्वारा आगामी खरीफ मौसम के लिये की जा रही तैयारियों की समीक्षा की । उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि खरीफ मौसम को लेकर सजग रहें और सभी तैयारियाँ समय से पूर्ण कर लें, जिससे किसानों को खाद-बीज के लिये खरीफ मौसम में भटकना न पड़े। श्री त्रिपाठी ने जिले के शत प्रतिशत किसानों को क्रेडिट कार्ड मुहैया कराने के लिये हर विकास खण्ड में जनमित्र समाधान केन्द्र स्तर पर शिविर लगाने के निर्देश महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक व सहकारिता विभाग के जिला पंजीयक को दिये। उन्होंने दुग्ध संघ के अधिकारियों से जिले में दूध संकलन की मात्रा बढ़ाने के लिये नये मिल्क रूट निर्धारित करने के लिये कहा। बैठक में बताया गया कि जिले की डबरा-भितरवार तहसील में इस वर्ष नया मिल्क रूट शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि जिले में इस वर्ष खरीफ के रकबे में गत वर्ष के बोया क्षेत्र 69 हजार 572 हेक्टेयर की तुलना में काफी इजाफा होने की उम्मीद है। उप संचालक कृषि श्री दीक्षित ने बताया कि इस वर्ष करीबन 3 हजार 570 हैक्टेयर में धान की बोनी प्रस्तावित है, जिसमें से तीन हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में मेडागास्कर पध्दति से धान रोपण कराया जायेगा। खरीफ मौसम में करीबन 830 हेक्टेयर में सोयाबीन, 495 हेक्टेयर में बाजरा, करीबन 185 हेक्टेयर में तिल व लगभग 375 हेक्टेयर क्षेत्र में ज्वार की बोनी संभावित है। इसके अलावा खरीफ की अन्य फसलों मसलन उड़द, मूँग, अरहर, मूँगफली इत्यादि की भी बोनी की जायेगी।
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