स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को सतर्क रहकर काम करने के निर्देश
कलेक्टर ने अन्तर्विभागीय समन्वय से बीमारियों की रोकथाम के लिये ली बैठक
ग्वालियर 26 अप्रैल 10। ग्रीष्म ऋतु में फैलने वाली जल जनित बीमारियों एवं अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये प्रभावी ढंग से सभी एहतियाती उपाय करें। साथ ही स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला पूरी तरह सतर्क होकर काम करे, जिससे ग्रामीण अंचल से बीमारी की सूचना मिलने पर तत्काल चिकित्सीय मदद मुहैया कराई जा सके। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने अन्तर्विभागीय समन्वय से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के मकसद से बुलाई गई बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को दिये। यहां जिला कार्यालय में आयोजित हुई बैठक में संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. एच एस. शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री डी आर. ज्ञानानी, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा शर्मा सहित स्वास्थ्य विभाग के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी, जिले की जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने दूषित खाद्य पदार्थों से फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिये ग्वालियर नगर समेत जिले के अन्य कस्बों व गाँवों में स्थित मिठाई की दुकानों की नियमित रूप से जाँच करने के निर्देश दिये। उन्होंने खासकर रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर संचालित दुकानों के खाद्य पदार्थों की नियमित लेवोरेटरी जांच पर विशेष जोर दिया। श्री त्रिपाठी ने पानी पाउच बनाने वाली फैक्ट्रियों की जांच करने एवं ग्रीष्म ऋतु में मावा पर प्रतिबंध लगाने की हिदायत भी बैठक में दी।
कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कहा कि गांव गांव में स्थापित दवा होल्डर पर जीवन रक्षक औषधियों का पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित करें। इसी तरह आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त भण्डारण किया जाये। श्री त्रिपाठी ने खदानों के इलाकों में बड़े-बड़े गड्डों में मच्छरों के खात्मे के लिये गम्बूशिया मछलियां डलवाने एवं गांवों में मच्छर मारने वाली दवाओं का छिड़काव कराने के निर्देश जिला मलेरिया अधिकारी को दिये। उन्होंने आश्रम व छात्रावासों में भी बीमारियों की रोकथाम के लिये सभी एहतियाती उपाय करने को कहा। श्री त्रिपाठी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को हिदायत दी कि जननी सुरक्षा योजना के हितग्राहियों को समय पर भुगतान करायें, ऐसा कदापि न हो कि महिला हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि लेने के लिये बार-बार चक्कर लगाने पड़ें। उन्होंने महिला बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी को पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों में विभागीय अमले की मदद से बच्चों को लाभान्वित कराने के लिये निर्देशित किया।
कण्ट्रोल रूम स्थापित
ग्रीष्म ऋतु में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के मद्देनजर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में एक कण्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इस कण्ट्रोल रूम में दूरभाष क्रमांक 2652994 पर जिले में कहीं पर बीमारी फैलने की सूचना दी जा सकती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर ने बताया कि इस कण्ट्रोल रूम पर मिली सूचना के आधार पर संबधित क्षेत्र में तत्काल चिकित्सीय मदद मुहैया कराई जायेगी।
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