शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

पंजीयन आय में 20 प्रतिशत से अधिक वृध्दि, वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राघवजी द्वारा समीक्षा

पंजीयन आय में 20 प्रतिशत से अधिक वृध्दि, वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राघवजी द्वारा समीक्षा

भोपाल 28 अप्रैल 10। मध्यप्रदेश में वर्ष 2008-09 की तुलना में वर्ष 2009-10 में पंजीयन से प्राप्त आय में 20.25 प्रतिशत की वृध्दि हुई है। वर्ष 2008-09 में 1484 करोड़ 18 लाख रूपये की आय हुई थी इसके विरूध्द वर्ष 2009-10 में 1784 करोड़ 68 लाख रूपये की आय हुई है।

यह जानकारी आज यहां वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राघवजी द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्री ए पी श्रीवास्तव सहित जिलों के पंजीयकों ने भाग लिया।

श्री राघवजी ने राजस्व में हुई वृध्दि पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि अब मंदी का दौर समाप्त हो चुका है और प्रदेश में फसलें भी अच्छी हुई हैं जिसके कारण इस वर्ष आय में और अधिक वृध्दि होने की संभावना है। उन्होंने जिला पंजीयकों से कहा कि जहां भी दस्तावेजों का पंजीकरण कम हो रहा है वहां इसके कारणों का पता लगाया जाना चाहिए जिससे कि किसी भी तरह की धोखाधड़ी को पकड़ा जा सके। प्रमुख सचिव श्री ए पी. श्रीवास्तव ने कम आय वाले जिला पंजीयकों से कहा कि वे आय में कमी के कारणों को दूर करें।

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2009-10 में 5 लाख 74 हजार 41 दस्तावेजों का पंजीकरण किया गया जबकि वर्ष 2008-09 में 5 लाख 21 हजार 457 दस्तावेजों का पंजीयन किया गया था। वर्ष 2009-10 में आरआरसी प्रकरणों का निराकरण कर 15 करोड़ 75 लाख रूपये की राशि वसूल की गई जबकि गत वर्ष यह वसूली 12 करोड़ 12 लाख रूपये थी। इसी प्रकार वर्ष 2009-10 में 5 हजार 237 मुद्रांक प्रकरणों का निराकरण कर 14 करोड़ 12 लाख रूपये का स्टाम्प शुल्क वसूला गया जबकि पिछले वर्ष 5 हजार 51 प्रकरणों में 13 करोड़ 20 लाख रूपये की वसूली की गई थी।

 

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