आगामी माहों में विभिन्न धार्मिक त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्ड़ाधिकारी श्री बी. विजय दत्ता ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए दतिया जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र के लिए आदेश जारी किया है।
जिला दण्ड़ाधिकारी श्री दत्ता ने जारी आदेश में बताया है कि विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की जाने वाली प्रतिम, ताजिए के लिए पंडाल का आकार अधिकतम 30×45 नियत किया गया है। झांकी निर्माता ऐसी झांकियों की स्थापना न करें जिनमें संकुचित जगह के कारण श्रृद्धालुओं/दर्शकों की भीड़ की स्थिति बनें तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन न हो कसे। झांकी स्थल पर श्रृद्धालुओं एवं दर्शकों की भीड़ न हो तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो इसकी व्यवस्था आयोजकों को सुनिश्चित करना होगी। मूर्मि विजर्सन संबंधित आयोजन समिति द्वारा किया जायेगा इसके लिए आयोजकों को संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्ड़ाधिकारी से अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। मूर्ति विसर्जन हेतु चल समारोह की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति को विसर्जन स्थल ले जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति दी जा सकेगी। कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी धार्मिक/सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह निकलने की अनुमति नहीं होगी, साथ ही गरबा के आोजन भी नहीं होंगे। रावण दहन के पूर्व परम्परागत श्रीराम के चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से अनुमत्य होगा। रामलीला एवं रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क तथा सोशल डिस्टेसिंग की शर्त पर आयोजन समिति द्वारा विधानसभा क्षेत्र भाण्ड़ेर के अंतर्गत संबंधित रिटर्निग अधिकारी एवं विधानसभा क्षेत्र से बाहर होने वाले आयोजनों के लिए संबंधित अनुविभागीय दण्ड़ाधिकारियों की लिखित अनुमति प्राप्त कर ही किये जा सकेंगे।विधानसभा उपनिर्वचन के लिए राजनैतिक कार्यक्रमों के खुले मैदान में जनसमूह के संबंध में जारी अतिरिक्त दिशा निर्देशों के क्रम में खुले मैदान में उक्त प्रकार के कार्यक्रम मैदान के आकार को दृष्टिगत रखते हुए तथा फेस मास्क, सोशल डिस्टेसिंग, सेनेटाइजेशन एवं थर्मल स्केनिंग की व्यवस्था के पालन करने की शर्त पर 100 से अधिक जनसंख्या के जनसमूह के कार्यक्रम की अनुमति विधानसभा क्षेत्र भाण्ड़ेर के अंतर्गत संबंधित रिटर्निग अधिकारी एवं विधानसभा क्षेत्र से बाहर होने वाले आयोजनों के लिए संबंधित अनुविभागीय दण्ड़ाधिकारियों की लिखित अनुमति प्राप्त कर किये जा सकेंगे। उपरोक्त प्रकार के कार्यक्रम कन्टेंनमेंट जोन में आयोजित नहीं किये जा सकेंगे। उक्त प्रकार के कार्यक्रमों के लिए आयोजनकों को विधानसभा क्षेत्रों में आगामी उप निर्वाचन को दृष्टिगत रखते हुए संबधित विधानसभा के रिटर्निग अधिकारी तथा विधानसभा क्षेत्र के बाहर संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्ड़ाधिकारी के समक्ष लिखित में आवेदन करना अनिवार्य होगा तथा आवेदन में कार्यक्रम की तिथि, समय, स्थान एवं एकत्रित होने वालों की संभावित संख्या का भी उल्लेख करना आवश्यक होगा। संबंध क्षेत्र के अनुविभागीय दण्ड़ाधिकारी द्वारा आवेदन पर आवश्यक अभिमत प्राप्त कर विचार उपरांत लिखित अनुमति प्रदान की जावेगी जिसमें आवेदन में उल्लेखित संख्या तथा शर्तो का पालन कराने की जबावदारी आयोजकों की होगी। आयोजकों केा उक्त प्रकार के आयोजन की वीडियोग्राफी कार्यक्रम समाप्ति के 48 घंटे में अनुमति जारी कर्ता अधिकारी को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। बिना अनुमति 100 से अधिक समूहों के कार्यक्रम करने अथवा प्रदत्त अनुमति में उल्लेखित शर्तो के उल्लंघन पर संबंधितों के विरूद्ध दण्ड़ प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि जिले में आगामी आदेश तक धार्मिक स्थलों पर मेलों के आयोजन आदि पर प्रतिबंध रहेगा। धार्मिक स्थलों पर जहां बंद कक्ष अथवा हॉल में श्रृद्धालु एकत्र होते है वहां संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्ड़ाधिकारी द्वारा कुल उपलब्ध स्थान के आधार पर इस प्रकार अधिकतम सीमा नियत की जा सकेगी जिसमें उपलब्ध स्थान में श्रृद्धालुओं के मध्य दो-गज दूरी सुनिश्चित करते हुए पूजा/अर्चना की जा सके। किन्तु उक्त संख्या किसी भी स्थिति में एक समय में 200 से अधिक नहीं होगी। साथ ही धार्मिक स्थल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोविड-19 रोकथाम के तारतम्य में फेस मास्क की बाध्यता एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन धर्मावलम्बियों द्वारा कया जावे। बिना अनुमति 100 से अधिक जनसमूह के कार्यक्रम करने अथव प्रदत्त अनुमति में उल्लेखित शर्तो के उल्लंघन करने पर संबंधितों के विरूद्ध धारा 188 भारतीय दण्ड़ विधान के अंतर्गत वैधनिक कार्यवाही की जावेगी।
उल्लंघन की दशा में संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा (51 से 60) आई.पी.सी. की धरा 188, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 एवं अन्य उपयुक्त कानूनी प्रावधानों की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत वैधानिकदाण्ड़िक कार्यवाही की जायेगी।
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