स्वास्थ्य शिविरों की तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर बल
कलेक्टर ने की प्रोजेक्ट मुस्कान की समीक्षा
ग्वालियर 8 जुलाई /08 प्रोजेक्ट मुस्कान के तहत प्रभावी ढंग से स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जायें । विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शिविर में आने वाली महिलाओं, बच्चों व किशोरी, बालिकाओं को कोई दिक्कत न हो और उन्हें शासन की मंशा के अनुरूप नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवायें मिल जायें । यह निर्देश जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज प्रोजेक्ट मुस्कान की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिये । उन्होंने शिविरों की तिथियों के बारे में गाँव स्तर पर व्यापक प्रचार - प्रसार करने की हिदायत भी दी । यहाँ कलेक्ट्रेट में सम्पन्न हुई बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अर्चना शिंगवेकर, कार्यपालन यंत्री लोक यांत्रिकी विभाग श्री मौर्य व उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती सुमन गुर्जर सहित जिले की विभिन्न परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना अधिकारी मौजूद थे ।
जिला कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कहा कि स्वास्थ्य विभाग के तहत आयोजित किये जाने वाले शिविरों को प्रोजेक्ट मुस्कान के साथ संयुक्त रूप से आयोजित करें, जिससे महिलाओं,बच्चों व किशोरी बालिकाओं के साथ अन्य लोगों को भी स्वास्थ्य सेवायें मिल सकें । उन्होंने कहा संयुक्त स्वास्थ्य शिविरों में प्रोजेक्ट मुस्कान व अन्य हितग्राहियों के लिए पृथक-पृथक सेक्टर बनायें, जिससे शिविर सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हो सकें । कलेक्टर ने बाल विकास परियोजना अधिकारियों को हिदायत दी कि बाल संजीवनी अभियान में चिन्हित कुपोषित बच्चों को शिविरों में लाने के लिए पहले से ही प्रयास करें । इस काम में पंचायत विभाग के मैदानी अमले का सहयोग भी लें । उन्होंने शिविरों में दवाओं का पर्याप्त प्रबंध करने भी बल दिया ।
उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट मुस्कान के तहत आयोजित किये जाने वाले शिविरों में खासतौर पर बाल संजीवनी अभियान के तहत चिन्हित कुपोषित बच्चों,किशोरी बालिकाओं एवं गर्भवती व धात्री माताओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जाती हैं ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा शर्मा ने बताया कि इस बार प्रोजेक्ट मुस्कान के तहत शिविरों का विकेन्द्रीकरण किया गया है । इस बार विकास खण्ड मुख्यालय के अलावा हर विकास खण्ड में दो से लेकर तीन शिविर आयोजित किये जायेंगे ।
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