मछुआ सम्मेलन संपन्न
ग्वालियर 11 जुलाई 08 । जिले में मत्स्य व्यवसाय से जुड़े हितग्राहियों को सरकार द्वारा संचालित मत्स्य पालन की योजनाओं एवं नई तकनीकों की जानकारी देने के लिये बीते रोज गोले के मंदिर के पास स्थित मत्स्य प्रक्षेत्र में मछुआ सम्मेलन आयोजित किया गया । सम्मेलन में जिले की विभिन्न मत्स्योद्योग सहकारी समितियों , मछुआ समूह व अन्य मत्स्य पालकों ने भाग लिया । सम्मेलन में भाग लेने आये मछुआ हितग्राहियों को खासतौर पर उपमीनाक्षी योजनान्तर्गत तालाब निर्माण, जनश्री बीमा योजना, बचत सह राहत योजना एवं नदीय समृध्दि योजना आदि के बारे में विस्तार से बताया गया । साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा उन्नत मछली पालन के संबंध में उपयोगी जानकारी प्रदान की गई ।
प्रभारी संयुक्त संचालक मत्स्योद्योग श्री बी डी शर्मा ने बताया कि जिन कृषकों को अपनी भूमि पर मछली पालन हेतु तालाब निर्माण करना है वे अपने आवेदन के साथ भूमि का नक्शा एवं खसरा 31 जुलाई तक अपने क्षेत्रीय अधिकारी के माध्यम से कार्यालय में जमा करावें ताकि उनके बैंक प्रकरण तैयार कर बैंकों को भेजे जा सके ।
सहायक मत्स्योद्योग अधिकारी ने जानकारी दी कि जनश्री बीमा योजना में मत्स्यपालकों को मात्र पचास रूपये प्रीमियम राशि जमा करनी पड़ती है शेष 150 रूपये में से 50 रूपये मत्स्य विभाग एवं सौ रूपये बीमा एजेन्सी जमा करती है । दुर्घटना अथवा स्थाई विकलांगता की स्थिति में 75 हजार रूप्ये की बीमा राशि का भुगतान मत्स्यपालक के उत्तराधिकारी को किया जाता है 1 इसी प्रकार बचत सह राहत योजना में मत्स्यपालक के द्वारा नौ माह में 450 रूपये बैंक में जमा करने पर 450 रूपये का अनुदान विभाग देता है । इस योजना से सहकारी समिति समूह के सदस्य लाभान्वित हो सकते हैं ।
शिविर में बताया गया कि शासकीय दरों पर मत्स्य प्रक्षेत्र गोले का मंदिर से मत्स्य बीज प्रदान किया जा रहा है । जिले के समस्त मत्स्य पालक अपने अपने तालाबों के जल क्षेत्र अनुसार मत्स्य बीज (कतला, रोहू, गिरगला) प्राप्त कर संचयन कर सकते हैं । सहकारी समितियों का गठन किस प्रकार किया जाना है इसकी भी जानकारी शिविर में दी गई ।
शिविर में बताया कि ग्राम पंचायतों से आग्रह किया गया है कि अपनी अपनी पंचायतों के अन्तर्गत आने वाले 10 हेक्टर तक के ग्रामीण तालाबों को मछली पालन हेतु पट्टे पर देने के लिये प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें, ताकि उनको पट्टे पर प्रदान करने की आगामी कार्यवाही की जा सके । जिले में वर्षा की अच्छी स्थिति को ध्यान में रखकर सभी मत्स्य पालकों से आग्रह किया गया है कि वे शीघ्र ही मत्स्य बीज प्राप्त कर तालाबों में संचयन करावें ।
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