रक्त एवं रक्त अव्ययव के तर्कसंगत उपयोग विषय पर आयोजित होने जा रही कार्यशाला का स्थल परिवर्तित
कार्यशाला आज
ग्वालियर 15 जनवरी 09 । प्रसूति रोग विभाग गजराराजा चिकित्सा मेडीकल कालेज एवं ग्वालियर ऑब्स एण्ड गायनिक सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में रक्त एवं रक्त अव्ययवों के तर्क संगत उपयोग विषय पर 16 जनवरी को एक व्याख्यान माला रखी गई है । इस दिन यह कार्यशाला दोपहर 1 बजे परिवर्तित स्थल होटल सेंट्रल पार्क में रखी गई है। पूर्व में यह कार्यशाला होटल रीजेंसी में रखी गई थी जिसे अपरिहार्य कारणों से बदल दिया गया है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य रक्तदान को लेकर विभिन्न जनभ्रांतियों का निवारण करके सर्वसामान्य को रक्तदान के प्रति जागरूक व प्रोत्साहित करना है । कार्यशाला का शुभारंभ अतिथि वक्ता डा. कविता चटर्जी रक्त कोष संकाय एम्स नई दिल्ली के ''जनसाधारण के लिये रक्तदान'' विषय पर व्याख्यान से होगा ।
आमतौर पर देखा गया है कि आम आदमी रक्तदान को लेकर विभिन्न प्रकार की भ्रांतियों से सशंकित रहता है । मसलन खून देने से कमजोरी आती है जो सत्य नहीं है । दरअसल जितनी मात्रा में रक्त दिया जाता है वह पूरे शरीर का अंश मात्र होता है तथा उसकी पूर्ति कुछ ही दिनों में भलीभांति हो जाती है । इसके अलावा रक्तदान की प्रक्रिया के पहले रक्त विभिन्न प्रकार के परीक्षणों से गुजरता है जिससे प्राप्तकर्ता में रक्त से प्रसारित होने वाली कुछ बड़ी जानलेवा बामारियों मसलन एचआईवी, एचबीवी, एचसीवी, मलेरिया के पहुंचने की संभावना शून्य हो जाती हैं । गौरतलब है कि हर बीमारी में होल ब्लड की ही आवश्यकता नहीं होती अपितु उसके कुछ खास अव्ययवों (जो कि आधुनिक प्रक्रियाओं द्वारा प्राप्त किये जा सकते हैं ) के द्वारा भी अपेक्षित चिकित्सा लाभ हो जाता है । रक्तदान के संदर्भ में ऐसे ही कई रोचक व अभिनव तथ्यों के बारे में जानकारी देने के लिये कई नामचीन चिकित्सकों व विशेषज्ञ इस कार्यशाला में ज्ञानवर्धन करेंगे ।
कार्यक्रम में एक जानलेवा बीमारी एचईएलएलपी सिन्ड्रोम (प्रसूति संबंधित)के उपचार में रक्त अव्ययवों की भूमिका पर कमलाराराजा के प्रसूति विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर डा. वीना अग्रवाल द्वारा भी प्रकाश डाला जायेगा । अन्य प्रमुख आकर्षणों में गजराराजा के पैथॉलोजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. डा. भरत जैन भी रक्त एवं रक्त विकल्पों पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगें ।
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