बुधवार, 5 अगस्त 2009

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सुविधा हेतु अनेक निर्णय लिये गये

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सुविधा हेतु अनेक निर्णय लिये गये

जिला स्तरीय परामर्श दात्री समिति की बैठक सम्पन्न

ग्वालियर 04 अगस्त 09। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की परामर्श दात्री समिति की बैठक कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों को चिकित्सा सुविधा, परिवहन सुविधा, शहीद भवन हेतु जमीन उपलब्ध कराये जाने संबंधी चर्चा आदि विषयों पर गहन विचार विमर्श के उपरांत आवश्यक सुविधायें मुहैया कराने हेतु निर्देश दिये गये।

      बैठक में तय किया गया कि स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों को पृथक से चिकित्सा परीक्षण हेतु कक्ष उपलब्ध कराया जावे तथा उसी कक्ष में विभिन्न बीमारियों का उपचार किये जाने की व्यवस्था की जाये। बाह्य रोगी उपचार व्यवस्था हेतु पर्चे आदि की पृथक से व्यवस्था की जावे। उपचार हेतु समय प्रात: 10 बजे 12 बजे तक एवं शीतकाल में 11 बजे से 01 बजे तक निर्धारित किया जावे। सम्पूर्ण कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु अधीक्षक जयारोग्य चिकित्सा समूह ग्वालियर तथा सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय मुरार को जिम्मेदारी दी गई। इसी प्रकार के निर्देश आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में आवश्यक व्यवस्थायें उपलब्ध कराने हेतु आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय आमखो तथा प्रभारी अधिकारी शासकीय आयुर्वेद औषधालय डीडवानाओली, लश्कर को दिये गये। आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में औषधि वितरण हेतु विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये।

      स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों को मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन द्वारा अनुबंधित बसों में बैठने हेतु सीट आरक्षित किये जाने हेतु संभागीय प्रबंधक राज्य सड़क परिवहन निगम ग्वालियर को निर्देशित किया गया। बैठक में शहीद भवन हेतु जमीन उपलब्ध कराये जाने के संबंध में चर्चा की गई, जिसके संबंध में आयुक्त नगर निगम ग्वालियर को कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये। स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों को मृत्यु उपरांत गार्ड ऑफ आर्नर दिये जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक को दायित्व सौंपा गया तथा यह भी सुनिश्चित किया गया कि अंत्येष्टी में संबंधित सिटी मजिस्ट्रेट एवं सी एस पी. अनिवार्य रूप से शामिल होकर पुष्प माला अर्पित करें। बैठक में सूचना के अधिकार संबंधी जानकारी नियमानुसार दिये जाने तथा स्वतंत्रा दिवस एवं गणतंत्र दिवस के समारोहों में स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों को लाने व छोड़ने की व्यवस्था पर भी चर्चा की गई।

 

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