रविवार, 2 अगस्त 2009

व्यापारी व उद्योग सरकार के पूरक - वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राघवजी

व्यापारी व उद्योग सरकार के पूरक - वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राघवजी

भामाशाह सम्मान समारोह में ग्वालियर, शिवपुरी व दतिया जिले के श्रेष्ठ करदाता पुरस्कृत

ग्वालियर 2 अगस्त 09। वाणिज्यिक कर एवं वित्त मंत्री श्री राघवजी ने कहा है कि व्यापारी व उद्योग सरकार के मित्र हैं, वे एक दूसरे के पूरक होते हैं। जो व्यापारी ईमानदारी से कर जमा कर समाज व देश के विकास में योगदान देते हैं, उन्हें सम्मानित करना सरकार का नैतिक दायित्व है। प्रदेश सरकार ने इसी भावना के साथ व्यापारियों को सम्मानित करने के लिये त्याग की प्रतिमूर्ति एवं दानवीर भामाशाह के नाम से पुरस्कार शुरू किये है। श्री राघवजी आज यहां चैम्बर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर के सभागार में आयोजित जिला स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता महापौर श्री विवेकनारायण शेजवलकर ने की। जिला स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में वाणिज्य कर मंत्री ने ग्वालियर, शिवपुरी व दतिया जिले में वर्ष 2007-08 में सर्वाधिक कर जमा करने वाले तीन-तीन करदाताओं को भामाशाह सम्मान के रूप में नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

गौरतलब है कि सन् 1576 में हल्दीघाटी युध्द के पश्चात जब महाराणा प्राताप के पास कोई वित्तीय स्त्रोत नहीं था तब देश के महान सपूत भामाशाह ने अपना सर्वस्व उन्हें सौंप दिया। इतिहास में उनके इस महान योगदान की कहानी वर्णित है और उनका यह कृत्य दानवीर नाम की संज्ञा का पर्याय बन चुका है। सत्ता को अपनी वित्तीय सामर्थ्य से सशक्त आधार देने वाले ऐसे उत्कृष्ट व्यक्तित्व भामाशाह के नाम पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

      जिला स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राघवजी ने कहा कि वही कर संग्रहण प्रणाली आदर्श कही जाती है, जिससे करदाता व कर संग्रहणकर्ता दोनों को कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि कर संग्रहण इस प्रकार से होना चाहिये जिस प्रकार मधुमक्खी द्वारा पराग संग्रहण किया जाता है। इस पराग संग्रहण में पुष्प भी पल्लवित रहते हैं और मधुमक्खी अपने लिये शहद भी जुटा लेती है। प्रदेश में इसी तरह की कर संग्रहण प्रणाली अपनाई गईं है। इसी का नतीजा है कि गत 5 वर्षों के दौरान आम आदमी की उपभोग की वस्तुओं पर बगैर नये टैक्स लगाये यहां तक 100 वस्तुओं से कर हटाने के बावजूद प्रदेश सरकार के टैक्स राजस्व में ढ़ाई गुना बढोत्तरी हुई है। यह सब व्यापारियों को विश्वास में लेकर व उनसे मिले सहयोग से संभव हुआ है। श्री राघवजी ने कहा कि इनता ही नहीं मौजूदा हालात में भी विश्वव्यापी आर्थिक मंदी, केन्द्र से मिलने वाले हिस्से में करीबन बारह सौ करोड़ रूपये की गिरावट, छठवा वेतनमान आदि चुनौतियों के बावजूद प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक रही है और हमें लक्ष्य से ज्यादा अर्थात 300 करोड़ रूपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के औसत कर संग्रहण में हमारा राज्य कुछ विकसित राज्यों से भी आगे रहा है।

वाणिज्यिक कर मंत्री ने कहा कि सरकार ने अपनी कर नीति व्यापारियों के सुझाव के आधार पर बनाई है, इसके हमें सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं। ईमानदारी से काम करने वाले व्यापारियोें को प्रदेश सरकार पूर्ण प्रोत्साहन देगी। उन्होंने कहा कि हम व्यापारियों सहित सभी के सहयोग से मध्य प्रदेश को देश के विकसित राज्यों की कतार में सबसे आगे पहुँचाना चाहते हैं और आशा है हम इसमें अवश्य कामयाब होंगे। श्री राघवजी ने कहा कि छोटे-छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिये जो सुझाव सामने आये हैं सरकार उन पर भी गंभीरता से विचार करेगी।

महापौर श्री विवेकनारायण शेजवलकर ने इस अवसर पर कहा कि पिछले पांच सालो में एक अच्छी कर नीति की वहज से प्रदेश का उत्तरोत्तर विकास हो रहा है। इसी दिशा में सरकार ने कर संग्रहण को प्रोत्साहित करने के लिये व्यापारियों को सम्मानित करने के लिये भामाशाह सम्मान शुरू किया है। जो आदमी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करता है, उसकी पीठ ठोकना एक अच्छी पहल है। विधायक श्री मदन सिंह कुशवाह ने अपने उद्बोधन में व्यापारियों के हित में शुरू किये गये भामाशाह पुरस्कार की सराहना की और कहा कि इससे व्यापारियों का मनोबल बढ़ेगा।

व्यवसायिक बंधुओं की ओर से प्रतिनिधि वक्ता के रूप में चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री जी डी. लड्डा ने अपने विचार रखे। उन्हाेंने कहा कि भामाशाह सम्मान से व्यापारियों में कर जमा करने के प्रति सकारात्मक भावना जगेगी। श्री लड्डा ने यह पुरस्कार शुरू करने के लिये सरकार के प्रति आभार माना। उन्होंने छोटे-छोटे व्यापारियों को भी पुरस्कृत करने का सुझाव दिया।

समारोह का शुभारंभ संगीत महाविद्यालय की शिक्षिका गाये गये राष्ट्रगीत वन्देमातरम् के साथ हुआ। इसके पश्चात अतिथियों ने लक्ष्मी जी के चित्र पर पुष्पाहार अर्पित कर व दीप प्रज्ज्वलन किया। सुश्री वीणा जोशी एवं साथियों द्वारा सामूहिक भजन के माध्यम से लक्ष्मी जी का आह्वान भी किया। वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त श्री पी के. दास ने स्वागत भाषण एवं भामाशाह योजना की जानकारी दी। वाणिज्यिक कर अधिकारी डॉ. नेरन्द्र देव ने दानवीर भामाशाह का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। अंत में आभार प्रदर्शन अपर आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग श्री एन एल. पडवार ने किया।

इनका हुआ सम्मान

       जिला स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में ग्वालियर, शिवपुरी व दतिया जिले में 2007-08 में सर्वाधिक कर जमा करने वाले जिन तीन-तीन करदाताओं को भामाशाह सम्मान के रूप में नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया उनका विवरण इस प्रकार है।

 

ग्वालियर जिला

 

पुरस्कार

 

फर्म का नाम

 

पुरस्कार राशि

 

वर्ष 07-08 में जमा राजस्व

 

व्यवसाय

 

प्रथम

 

जे के. इण्ड्रस्ट्रीज लिमिटेड बानमौर, ग्वालियर

 

एक लाख

एवं प्रशस्ति पत्र

22,75,58,000

 

ऑटोमोबाइल्स टायर का निर्माण एवं विक्रय

 

द्वितीय

 

गोदरेज कंज्यूमर, मालनपुर

 

पचास हजार

एवं प्रशस्ति पत्र

10,19,51,000

 

कॉस्मेटिक निर्माता एवं विक्रेता

 

तृतीय

 

प्रेम मोटर्स लिमिटेड, ग्वालियर

 

25 हजार

एवं प्रशस्ति पत्र

5,59,47,000

 

चार पहिया वाहनों का विक्रय

 

 

शिवपुरी जिला

 

पुरस्कार

 

फर्म का नाम

 

पुरस्कार राशि

 

वर्ष 07-08 में जमा राजस्व

 

व्यवसाय

 

प्रथम

 

आई टी डी. कैम्प इंडिया, करैरा शिवपुरी

 

एक लाख

एवं प्रशस्ति पत्र

1,29,93,000

 

सड़क एवं पुल निर्माण नेशनल हाईवे

 

द्वितीय

 

रघुवंशी इन्टरप्राइजेज, शिवपुरी

 

पचास हजार

एवं प्रशस्ति पत्र

1,25,02,000

 

दो पहिया वाहनों का क्रय विक्रय

 

तृतीय

 

ऑरियण्टल स्ट्रक्चर दिनारा, शिवपुरी

 

25 हजार

एवं प्रशस्ति पत्र

65,35,000

 

सड़क एवं पुल निर्माण नेशनल हाईवे

 

 

 

दतिया जिला

 

पुरस्कार

 

फर्म का नाम

 

पुरस्कार राशि

 

वर्ष 07-08 में जमा राजस्व

 

व्यवसाय

 

प्रथम

 

बी एस. कंस्ट्रक्शन एण्ड कंपनी, दतिया

 

एक लाख

एवं प्रशस्ति पत्र

39,78,000

 

सड़क निर्माण नेशनल हाईवे

 

द्वितीय

 

गोपीचंद सतीश कुमार, दतिया

 

पचास हजार

एवं प्रशस्ति पत्र

17,10,000

 

किराना एवं कॉस्मेटिक साबुन

 

तृतीय

 

श्री शर्मा आयुर्वेद मंदिर, दतिया 

 

25 हजार

एवं प्रशस्ति पत्र

11,86,000

 

आयुर्वेदिक दवाईयों का निर्माण

 

 

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