नगरीय ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन एवं हथालन) नियम, 2000 के तहत लेण्डफिल साईड का निर्माण
ग्वालियर दिनांक 3.11.2009- वर्ष 2001 में केन्द्रीय शासन द्वारा भारतीय वायुसेवा के एयरफील्ड की 10 किलोमीटर की परिधि में जिन नभचर जनित सैनिक/असैनिक वायुयान दुर्घटनाओं को रोकने के लिये 10 एयर बेस शहरों का चयन किया गया था, उन शहरों में ग्वालियर भी सम्मिलित था इसके अंतर्गत हुडको, नई दिल्ली के द्वारा ग्वालियर शहर के कचरा प्रबंधन हेतु बनायी गयी योजना के लिये केन्द्रीय शासन द्वारा रू. 11.77 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी जो कि अनुदान के रूप में थी। इस योजना का क्रियान्वयन केन्द्रीय शासन के उपक्रम नेशनल बिल्डिंग कन्सट्रक्शन कॉर्पोरेशन, नई दिल्ली के द्वारा किया गया। इस योजना के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट (कचरा) प्रबंधन एवं हथालन नियम, 2000 के पालन हेतु आवश्यक मशीनरी/सामग्री जैसे कन्टेनर, हाथ ठेले, कचरा परिवहन हेतु डम्पर प्लेसर इत्यादि क्रय किये गये। इसके अतिरिक्त कचरे के प्रसंस्करण एवं व्ययन (ट्रीटमेंट एवं डिस्पोजल) हेतु शिवपुरी लिंक रोड पर स्थित चंदोहाखुर्द एवं केदारपुर में लैण्डफिल साईट जिसमें मैकेनिकल कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट एवं अनुपयोगी कचरे के उपयोग हेतु लैण्डफिल का निर्माण किया गया।
लैण्डफिल साईट पर प्रतिदिन अनुमानित 300 टन कचरे के प्रोसेसिंग एवं ट्रीटमेंट हेतु नगर निगम, ग्वालियर द्वारा मेसर्स ए.के.सी. डवलपर्स लिमिटेड नोयडा को आगामी 25 वर्ष हेतु बी.ओ.टी. पध्दति पर कार्य आवंटित किया गया है। इसके अंतर्गत चयनित ऑपरेटर (मेसर्स ए.के.सी. डवलपर्स लिमिटेड, नोयडा) के द्वारा कचरे के पृथक्करण एवं प्रोसेसिंग हेतु लैण्डफिल साईट पर अत्याधुनिक उपकरण लगाये गये हैं। ऑपरेटर द्वारा प्रतिदिन लेण्डफिल पर प्राप्त होने वाले कचरे से जैविक खाद, आर.डी.एफ., रीसाइक्लेबल प्लास्टिक एवं रेत इत्यादि अवयवों का पृथक्करण किया जाना प्रस्तावित है। ऑपरेटर द्वारा वर्तमान में 300 टन प्रतिदिन कचरे के मान से मशीनरी की स्थापना की गयीं हैं एवं अनुबंध के अनुसार आगामी 25 वर्ष हेतु शहर से उत्पन्न होने वाले कचरे की मात्रा के आधार पर प्लांट की क्षमता में वृध्दि की जावेगी। ऑपरेटर द्वारा उपरोक्त अवयवों के विक्रय से प्राप्त होने वाली राशि से प्लांट का संचालन एवं संधारण किया जायेगा। प्लांट के निर्माण, संचालन एवं संधारण हेतु नगर निगम, ग्वालियर द्वारा कोई भी राशि व्यय नहीं की गयी है तथा अनुमान है कि मैसर्स ए.के.सी. डवलपर्स लिमिटेड, नोयडा द्वारा इस प्लांट को लगाने पर 30 से 35 करोड़ रूपयें व्यय किये गये है। नगर निगम ग्वालियर को लगभग 2.5 लाख प्रतिवर्ष लीज रेन्ट के रूप में ऑपरेटर से प्राप्त होंगे। उल्लेखनीय है कि यह उत्तर पूर्व भारत की एक मात्र एकीकृत कचरा प्रसंस्करण इकाई है।
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