सोमवार, 9 नवंबर 2009

कचरे से सोना बनाने की प्रक्रिया देखी विद्यालयीन बच्चों ने

कचरे से सोना बनाने की प्रक्रिया देखी विद्यालयीन बच्चों ने

हमें खेद है मुरैना मध्‍यप्रदेश में चल रही भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्‍ब हुआ है, फेलुअर विद्युत सप्‍लाई सही होने तक फोटो व समाचार समय पर हम अपडेट नहीं कर सकेंगे, इसके लिये हम क्षमाप्रार्थी हैं, कृपया अपडेट के लिये हमें ई मेल, जवाबी मेल या टिप्‍पणीयां न भेजें बिजली कटौती और कई अन्‍य कारणों से हम समय पर अपडेट नहीं दे पा रहे हैं इस सम्‍बन्‍ध में हम अलग से स्‍पष्‍टीकरण व अपनी मजबूरीयों का अलग से शीघ्र ही समाचार दे रहे हैं नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द'' प्रधान संपादक ग्‍वालियर टाइम्‍स समूह  

ग्वालियर दिनांक 07.11.2009- स्कूली बच्चों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से एवं उनको कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझाने के उद्देश्य से आज नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, उपायुक्त एवं शरद रावत रिसर्च एसोसियेट प्रोजेक्ट उदय के नेतृत्व में आर.पी. विद्याविहार हाईस्कूल, पी.एन.टी. कॉलोनी, ठाटीपुर के छात्र-छात्राओं केदारपुर स्थित कचरा प्रबंधन साइट का भ्रमण कराया गया। जहां पर बच्चों ने देखा कि किस तरह सम्पूण्र्


ा कचरे को अलग-अलग करके उससे खाद प्लास्टिक एवं फ्यूल बनाया जाता है।

       सभी बच्चों ने आज पहली बार कचरा प्रबंधन साइट को देखा। अधिकांशत बच्चे नहीं जानते थे कि हमारे शहर में कचरे का प्रबंधन इतने व्यवस्थित ढंग तरीके से किया जाता है। पूछने पर कक्षा 7 की अनीता ने बताया कि हमें यहां पर आकर बहुत अच्छा लगा। हम पहली बार यहां आये हैं हमें नहीं मालूम था कि हमारे घर से निकलने वाला कचरे को यहां पर लाया जाता है और इतने व्यवस्थित तरीके से उस कचरे का निष्पादन किया जाता है।

       स्कूली छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुये रिसर्च एसोसियेट शरद रावत ने बताया कि ग्वालियर में बनी यह लेण्डफिल साईट न केवल म0प्र0 अपितु आसपास के अन्य प्रदेशों में भी पहली अनूठी लैण्डफिल साईट है जिसमें कचरे का व्यवसायिक उपयोग कर कचरे के उत्पाद तैयार किये जाने शुरू हो गये हैं।

       आज के इस प्रदर्शन में स्कूली छात्र-छात्राओं में देखा कि उनके घरों से निकलने वाले कचरों में से कितने कीमती उत्पाद निकलते है। लेण्डफिल साईट में 30 करोड़ रू. की लगायी गई अत्याधुनिक मशीनों से घर से निकलने वाले कचरे से पोलिथीन अलग किया जाता है जिनका उपयोग बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में ज्वलनशील पदार्थों के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इसमें से अनेक ऐसी सामग्रियां बच्चाें ने निकलती हुई देखी जिसको रिसायकल करके उस कचरे में से महत्वपूर्ण धातुयें इत्यादि बनायी जा रही हैं। कचरे के उत्पाद से मुजायक बनाने वाली बजरी का निर्माण होते हुये विद्यालयीन छात्र-छात्राओं ने देखा।

भ्रमण के दौरान एक ए.के.सी डेवलपर्स के मैनेजर श्री संजय द्वारा छात्र-छात्राओं को अत्याधुनिक तरीके से बनाये गये लेण्डफिल संग्रहण केन्द्रों का भी अवलोकन कराया गया। उन्होंने बताया कि आपके घरों से निकलने वाले कचरे में से 85 प्रतिशत कचरा ऐसा होता है जिसका यहां पुनर्उपयोग किया जा रहा है मात्र 15 प्रतिशत कचरा ऐसा है जिसे लेण्डफिल साईट डम्प किया जाता है।

नगर निगम के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव ने इस अवसर पर विद्यालयीन छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि लेण्डफिल साईट पर आपको भ्रमण कराने का उद्देश्य आपको नगर निगम का ब्राण्ड एम्बसेडर बनाना है। ताकि आप अपने माता-पिता को यह शिक्षित कर सके कि जो कचरा लेण्डफिल साईट पर अलग-अलग करने के लिये करोड़ों की मशीनें उपयोग की गई है यदि उसे घरों से ही अलग-अलग रंग की डस्टबिनों में रखा जावे तो प्रकृति में कचरे का बोझ बहुत कम रह जायेगा और कचरे का व्यवसायिक उपयोग हो सकेगा जिससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा और देश की उन्नति होगी।

नगर निगम ग्वालियर ने घरों में कचरे के व्यवस्थित उपयोग के प्रशिक्षण हेतु विद्यालयीन छात्र-छात्राओं को चुना है। इसी योजना के तहत नगर निगम ग्वालियर के शहर के सभी विद्यालयों को प्रदेश के इस बृहद प्रोजेक्ट के भ्रमण हेतु अपने विद्यार्थियों को भेजने हेतु अनुरोध किया है। आगामी 7 दिवस में शहर के सभी विद्यालय लेण्डफिल साइट पर कचरे के सदपयोग की जानकारी हेतु भ्रमण करेंगे। नगर निगम द्वारा बच्चों के प्रशिक्षण्ा हेतु साइट पर विशेषज्ञों की व्यवस्था है। यदि कोई विद्यालय इस विषय में पूर्व से अपने विद्यालय का भ्रमण कार्यक्रम तय करता है तो वह जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव से उनके मोबाईल न. 9406915668 पर सम्पर्क कर आरक्षण प्राप्त कर सकता है।

 

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