सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

''सकारात्मक लेखन से समाज को सही दिशा दे''- श्री राम विद्रोही

''सकारात्मक लेखन से समाज को सही दिशा दे''- श्री राम विद्रोही

अशोक नगर जिले के ईसागढ़ में तहसील स्तरीय पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

ग्वालियर 29 जनवरी 10। कलम दुधारी तलवार के समान है नकारात्मक लेखन जहां समाज में कई विकृतियां उत्पन्न करता है। वही सकारात्मक लेखन समाज को सही दिशा दे सकता है। अत: संवाददाता अपनी लेखनी का उपयोग समाज की भलाई तथा लोगों की समस्याओं को उजागर करने में करें। यह बात ग्वालियर से आए वरिष्ठ पत्रकार श्री राम विद्रोही ने ईसागढ जनपद पंचायत के सभाकक्ष में जिला जनसंपर्क कार्यालय अशोकनगर द्वारा आयोजित तहसील स्तरीय पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। उन्होने इस अवसर पर कहा कि तहसील स्तर पर कार्यरत पत्रकारों को ग्रामीण क्षेत्र में सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत हुए अच्छे कार्यो को भी प्रचारित करना चाहिए। इस अवसर पर ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार श्री पुष्पेन्द्रसिंह तोमर तथा संयुक्त संचालक संभागीय जनसंपर्क कार्यालय ग्वालियर श्री सुभाष अरोरा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक संचालक जनसंपर्क गुना श्री जी.एस. वाधवा ने किया। इस अवसर पर ईसागढ के साथ-साथ चंदेरी, मुंगावली, शाढौरा, नईसराय, बंगलाचौराहा, कदवाया व बहादुरपुर सहित दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत 50 से अधिक पत्रकार उपस्थित हुए।

      ग्वालियर से आए वरिष्ठ पत्रकार श्री विद्रोही ने इस अवसर पर कहा कि राजधानी व अन्य बडे नगरों में पत्रकारिता करना बेहद आसान है। जबकि ग्रामीण व तहसील स्तर पर पत्रकारिता अत्यधिक चुनौती पूर्ण है। क्योकि वहॉ कई समस्याएं ऐसी होती है जिनकी ओर वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान नही जाता। उन समस्याओ के निवारण के लिए जरूरी है कि उन्हे अखबारो के माध्यम से उठाया जाए। उन्होने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में पत्रकारिता के क्षेत्र में अनेकों बदलाव आए है तथा संचार के साधनो में क्रंतिकारी सुधार आया है। इन्ही सब के बारे में अंचल के पत्रकार साथियों को जानकारी देने के उद्वेश्य से जनसंपर्क विभाग ने तहसील स्तर के तथा आंचलिक पत्रकारो की कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया है। उन्होने कहा कि पत्रकारों को तथ्यात्मक व रचनात्मक लेखन करना चाहिये। उन्होने कहा कि जिस तरह कोई इमारत तीन स्तम्भो पर मजबूती से खडी नही हो सकती उसे स्थिरता से खडे होने के लिए चौथे स्तम्भ की जरूरत होती है। पत्रकारिता रूपी चौथा स्तंभ लोकतंत्र की मजबूती के लिए अत्यंत जरूरी है।

 संयुक्त संचालक जनसंपर्क ग्वालियर श्री अरोरा ने बताया कि अब प्रदेश सरकार ने तहसील स्तर पर कार्यरत संवाददाताओं को भी अधिमान्यता सुविधा देने का निर्णय लिया है। उन्होने कहा कि आज जो पत्रकार तहसील स्तर पर कार्यरत है उनमे से कई अपनी योग्यता व सकारात्मक सोच के कारण आगे बढ जाते है तथा जिला संभाग व राज्य स्तर पर अपनी पहचान बना लेते है। उन्होने पं. माखनलाल चतुर्वेदी, राजेन्द्र माथुर, अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी जी की मिशाल देते हुए कहा कि इन सभी का कार्य क्षेत्र पहले ग्रामीण स्तर पर था लेकिन अपनी योग्यता व प्रतिभा के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल हुए। उन्होंने तहसील स्तरीय पत्रकारों से सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाने की अपील की। उन्होने बताया कि पिछले दिनों अधिमान्यता समिति की बैठक में अशोकनगर जिले के लगभग एक दर्जन पत्रकारों को तहसील स्तरीय अधिमान्यता की अनुशंसा की गई है।

      वरिष्ठ पत्रकार श्री पुष्पेन्द्र तोमर ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि समय के साथ-साथ पत्रकारिता के स्वरूप व संचार के साधनो में हुए क्रतिकारी बदलावो की जानकारी तहसील व अंचल के साथियों को देने के लिए जनसंपर्क विभाग का यह सराहनीय प्रयास है। उन्होने कहा कि यदि खबर तथ्यात्मक व यथार्थ पर केन्द्रित हो तो अवश्य अपना असर दिखाती है। उन्होने कहा कि आदमी चारों तरफ से निराश होकर अंत में मीडिया के पास पहुॅचता है। ऐसे में मीडिया को अपना महत्व समझना चाहिए तथा आम आदमी की समस्याओं को उठाना चाहिए। श्री तोमर ने कहा कि पत्रकारों को न्यूसेंस के स्थान पर न्यूजसेंस पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था ग्रामीण क्षेत्र व कृषि पर आधारित है। अनेकों बहु राष्ट्रीय कंपनियां ग्रामीण बाजारों पर ध्यान दे रही है। इस अवसर पर तहसील स्तर के पत्रकारों की जिज्ञासाओं व प्रश्नों का समाधान वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा किया गया।

      इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ मॉ सरस्वती जी व महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन जनसंपर्क अधिकारी श्री बृजेन्द्र शर्मा ने किया तथा बताया कि तहसील व अंचल के पत्रकार साथियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में आए बदलावों के बारे में जानकारी देने व उनके अनुभवो व समस्याओं की जानकारी लेने के उध्देश्य से जनसंपर्क विभाग ने तहसील स्तर पर कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया।

 

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